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रायपुर : अब तक 3.75 लाख प्रवासी श्रमिक और दूसरे लोग सकुशल लौटे छत्तीसगढ़

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Published : Jun 16, 2020, 1:13 PM IST

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के कारण हुए लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहल की. इसके लिए कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों और अन्य माध्यमों से श्रमिकों को वापस लाया गया. वहीं इन श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार भी दिया, जिसके लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया है.

Migrant workers returned from other states
अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिक

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों और अन्य माध्यमों से अब तक 3 लाख 75 हजार प्रवासी श्रमिक और अन्य लोग सकुशल छत्तीसगढ़ लौटे हैं. इनमें 78 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यमों से 1 लाख 6 हजार 928 श्रमिक वापस आये हैं. गृहराज्य लौटने पर प्रवासी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है.

Migrant workers returned from other states
अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिक

नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूर और अन्य लोग देश के अन्य राज्यों में रूके हुए थे. राज्य सरकार ने इन श्रमिकों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाने के लिए कारगर रणनीति, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था, बसों की व्यवस्था की गई और अधिकारियों की मुस्तैदी से इन श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है.

श्रमिकों को राहत पहुंचाने जारी की राशि

बता दें कि राज्य सरकार ने अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब तक 4 करोड़ 16 लाख रुपये रेल मण्डलों और बसों पर खर्च किए हैं. इसके अलावा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए 18 करोड़ 20 लाख रुपए और स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रुपए जारी किया है.

औद्योगिक संस्थानों में मिला रोजगार

श्रम मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों और प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन और नकदी आदि की व्यवस्था भी की जा रही है. वहीं लॉकडाउन के दूसरे चरण में 21 अप्रैल से शासन से दी गई छूट गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में 1 हजार 464 छोटे-बड़े कारखानों को फिर से शुरू कर लगभग 1 लाख 8 हजार 158 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

मनरेगा के तहत मिल रहा रोजगार

डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अन्य राज्यों से वापस लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य शासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य शुरू कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऐसे प्रवासी श्रमिक जिनका मनरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बना है, उनका भी जॉब कार्ड बनाकर रोजगार देने का प्रावधान किया गया है. उन्हें निशुल्क राशन भी दिया जा रहा है.

अन्य राज्यों के श्रमिकों की वापसी

श्रम मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर अन्य जिलों सेे 15 हजार 767 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में रूके अन्य राज्यों के 28 हजार 450 श्रमिक सुरक्षित वापस अपने गृह राज्य जा चुके हैं.

ईएसआई के तहत निशुल्क इलाज

मनरेगा के तहत करीब 26 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं (ईएसआई) के संचालित 42 क्लीनिकों के माध्यम से लगभग 90 हजार श्रमिकों को निशुल्क इलाज और दवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों, बसों और अन्य माध्यमों से अब तक 3 लाख 75 हजार प्रवासी श्रमिक और अन्य लोग सकुशल छत्तीसगढ़ लौटे हैं. इनमें 78 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यमों से 1 लाख 6 हजार 928 श्रमिक वापस आये हैं. गृहराज्य लौटने पर प्रवासी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है.

Migrant workers returned from other states
अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिक

नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूर और अन्य लोग देश के अन्य राज्यों में रूके हुए थे. राज्य सरकार ने इन श्रमिकों को सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाने के लिए कारगर रणनीति, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था, बसों की व्यवस्था की गई और अधिकारियों की मुस्तैदी से इन श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया जा रहा है.

श्रमिकों को राहत पहुंचाने जारी की राशि

बता दें कि राज्य सरकार ने अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब तक 4 करोड़ 16 लाख रुपये रेल मण्डलों और बसों पर खर्च किए हैं. इसके अलावा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए 18 करोड़ 20 लाख रुपए और स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रुपए जारी किया है.

औद्योगिक संस्थानों में मिला रोजगार

श्रम मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों और प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन और नकदी आदि की व्यवस्था भी की जा रही है. वहीं लॉकडाउन के दूसरे चरण में 21 अप्रैल से शासन से दी गई छूट गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में 1 हजार 464 छोटे-बड़े कारखानों को फिर से शुरू कर लगभग 1 लाख 8 हजार 158 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

मनरेगा के तहत मिल रहा रोजगार

डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अन्य राज्यों से वापस लौटे इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य शासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य शुरू कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऐसे प्रवासी श्रमिक जिनका मनरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बना है, उनका भी जॉब कार्ड बनाकर रोजगार देने का प्रावधान किया गया है. उन्हें निशुल्क राशन भी दिया जा रहा है.

अन्य राज्यों के श्रमिकों की वापसी

श्रम मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर अन्य जिलों सेे 15 हजार 767 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में रूके अन्य राज्यों के 28 हजार 450 श्रमिक सुरक्षित वापस अपने गृह राज्य जा चुके हैं.

ईएसआई के तहत निशुल्क इलाज

मनरेगा के तहत करीब 26 लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं (ईएसआई) के संचालित 42 क्लीनिकों के माध्यम से लगभग 90 हजार श्रमिकों को निशुल्क इलाज और दवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं.

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