रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूली बच्चों की पढ़ाई के लिए कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत की थी. इसके लिए सरकार ने पढ़ाई तुंहर दुआर के तहत अभियान चलाया था. इस अभियान में करीब 22 लाख बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा मिली. इस योजना के तहत तकरीबन डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षक ऑनलाइन जुड़कर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं.
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3 तरीकों से हो रहा है ऑनलाइन क्लास का संचालन
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 3 तरीकों से ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जा रहा है. इनमें से एक राज्यस्तरीय कक्षाएं हैं. जिसमें जिले के चुनिंदा शिक्षक रोस्टर के मुताबिक क्लास ले रहे हैं, जबकि दूसरी तरह की कक्षाएं जिला स्तर की हैं. जिसमें शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं. तीसरे स्तर पर शहर के प्रदेश स्तर और शहर स्तर पर ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. रायपुर जिले के आंकड़ों की बात की जाए, तो यहां कुल 3 लाख बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के लिए पंजीकृत हैं, जिनमें से 30 फीसदी बच्चों का अंटेंडेंस ना के बराबर है.
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21,16,000 से ज्यादा छात्र ले रहे ऑनलाइन शिक्षा का लाभ
ऑनलाइन कक्षाओं के लिए पूरे प्रदेश से 21,16,000 से ज्यादा छात्र और 2 लाख से ज्यादा टीचर्स ने खुद को पंजीकृत करवाया है. नौवीं से बारहवीं तक रोजाना विद्यार्थियों का औसत करीब 3000 रहा है. हर दिन 4 क्लास संचालित होती है, जिसमें हर क्लास में करीब 650 पढ़ रहे हैं. राज्य स्तर पर केवल 9वीं से 12वीं तक की क्लासेज चल रही हैं.
स्कूल खुलने पर ऑनलाइन शिक्षा को लेकर किया जाएगा फैसला
वहीं लगातार कोविड-19 स्कूल बंद होने की वजह से ऑनलाइन क्लासेस पढ़ाई तुंहर दुआर के तहत छत्तीसगढ़ में कराई जा रही है. जिसे लेकर नेशनल स्तर पर भी छत्तीसगढ़ की वाहवाही हो रही है. वहीं आगे जब स्कूल खुल जाएंगे, तो क्या ऑनलाइन क्लास होगी या बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर पाएंगे, इसे लेकर जब ईटीवी भारत ने जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर से बात की, तो उन्होंने बताया कि अभी तो फिलहाल स्कूल खुले नहीं हैं. जब स्कूल खुलेंगे तो ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आगे जिस तरह फैसला आएगा, उस हिसाब से काम किया जाएगा. वहीं अभी ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों को काफी अच्छा फायदा पहुंचने की बात उन्होंने कही.
बच्चे बनेंगे ऑलराउंडर
शिक्षाविद् जवाहर सूरीशेट्टी ने बताया कि मानसिक तौर पर पहले पैरेंट तैयार नहीं थे. ऑनलाइन क्लासेज कोरोना काल में अच्छा विकल्प बना. मुझे ऐसा लगता है कि जब स्कूल खुलेंगे, तो आधी जनसंख्या स्कूल आएगी, आधी नहीं आएगी. अगर 3 दिन एक बच्चा स्कूल आ रहा है और 3 दिन ऑनलाइन पढ़ेगा, तो आगे जाकर बच्चा बहुत अच्छा करेगा. क्योंकि उसके पास ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों कक्षाओं का अनुभव होगा.
शिक्षक विनोद पांडे ने बताया कि छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस ठीक है, लेकिन टीनएजर्स के लिए यह काफी परेशानी वाला है. क्योंकि वह घर में रह रहकर तनाव में आ गए हैं. एक बच्चे का विवेक होता है कि वह मोबाइल को किस तरह यूज करता है. इसकी मॉनिटरिंग प्रॉपर घर में और शिक्षक के माध्यम से भी होनी चाहिए, जो कि मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं नहीं हो पा रहा है. उन्होंने 9 से 12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की वकालत की. वहीं प्राइमरी और सेकेंडरी की कक्षाएं अभी बंद रखनी चाहिए. कोविड-19 खत्म होने पर उनके क्लास खुलने चाहिए.