रायपुर: केंद्र सरकार के लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर इलाकों में पिछले 43 दिनों से देश के अलग-अलग राज्य के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. कानून के विरोध में किसानों को समर्थन देने के लिए गुरुवार को राजधानी रायपुर से किसानों का एक जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ है. किसानों के इस जत्थे में लगभग 200 किसान शामिल हैं.
तीन ट्रकों में सवार होकर अपने रोजमर्रा के खाने पीने के सामान लेकर पूरी तैयारी के साथ किसान दिल्ली के लिए निकले हैं. राजधानी के भाठागांव स्थित नए बस स्टैंड से किसानों का यह जत्था रवाना हुआ है. किसानों ने दिल्ली रवाना होने से पहले एक सांकेतिक प्रदर्शन किया. उन्होंने इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की है.
किसान नेताओं का बीजेपी पर तंज
किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को बीजेपी नेता अच्छा बता रहे हैं. लेकिन कैसे अच्छा है, इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं है. लगातार किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश भी जा रही है. किसानों की प्रमुख दो ही मांग है कॉरपोरेट परस्त और आम उपभोक्ता विरोधी तीनों कृषि कानूनों वापस लिया जाए. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून पारित किया जाए.
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छत्तीसगढ़ में खेती बचाओ यात्रा
छत्तीसगढ़ के किसानों को नए कानूनों से अवगत कराने के लिए 8 जनवरी से 22 जनवरी तक खेती बचाओ यात्रा प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों में चलाई जाएगी. 23 जनवरी को देशव्यापी किसान आंदोलन के आह्वान पर राजभवन मार्च भी होगा. 24 जनवरी को किसानों का दूसरा जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा. सभी किसान 26 जनवरी को दिल्ली के ट्रैक्टर रैली और किसानों की आयोजित परेड में शामिल होंगे.