रायपुर: चुनावी बिसात पर शह मात का खेल अभी से ही शुरू है. मुद्दा लपकने में न तो कांग्रेस पीछे है और न ही बीजेपी. समाज और लोगों के बीज अभी से ही पैठ बढ़ाने की पहल शुरू है. प्रशासनिक अधिकारियों का तबदला भी इसमें शामिल है. मनमुताबिक अधिकारियों को मनमाफिक जगह देकर चुनावी बिसात पर स्थिति मजबूत की जा रही है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ कैडर के दो आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. 2004 कैडर की आईपीएस नेहा चंपावत को एनसीआरबी में आईजी और 2004 कैडर के ही आईपीएस अभिषेक पाठक को बीएसएफ में आईजी बनाए गए हैं.
बतौर आईजी इंपैनल हुए 2004 पैनल के 4 आईपीएस: छत्तीसगढ़ कैडर के 2004 के आईपीएस अफसरों को केंद्र सरकार ने बतौर आईजी इंपैनल किया था. इनमें 2004 बैच के चार आईपीएस शामिल थे, जिनमें नेहा चंपावत, अभिषेक पाठक के अलावा प्रदेश के खुफिया विभाग के चीफ अजय कुमार यादव और संजीव शुक्ला का नाम भी शामिल था. इनमें से आईपीएस अफसर नेहा चंपावत को एनसीआरबी का आईजी बनाया गया है. वहीं 2004 बैच के ही आईपीएस अफसर अभिषेक पाठक को बीएसएफ का आईजी बनाया गया है. इससे संबंधित आदेश दिल्ली से जारी कर दिया गया है. वहीं आईपीएस अफसर अजय कुमार यादव और संजीव शुक्ला को भी बतौर आईजी इंपैनल किया गया है. इनकी भी नियुक्ति का आदेश जल्द जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.
भूपेश सरकार ने भी किए हैं बड़े फेरबदल: विधानसभा चुनाव 2023 से ऐन पहले छत्तीसगढ़ में भी बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हुई है. 25 अप्रैल 2023 को भी 26 आईएएस अफसरों तो वहीं 7 जून 2023 को 23 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया. चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन बदलावों के पीछे चुनावी लाभ की गणित है.