रायपुर: राजधानी के रहने वाले खुश ने महज 17 साल की उम्र में अपनी प्रतिभा के दम पर संगीत की दुनिया में एक विशेष पहचान बनाई है. खुश खुद गाना लिखते हैं और उसे खुद ही कंपोज करते हैं. खुश के गाने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अलावा कई अन्य जगहों पर भी सुनने को मिल रहे हैं. खुश अब तक 10 गाने लांच कर चुके हैं और वह राजधानी रायपुर के सबसे कम उम्र के म्यूजिक प्रोड्यूसर बन गए है. 17 साल के इस कमाल के म्यूजिक प्रोड्यूसर से ETV भारत ने बात की है. जिसमें खुश ने अपनी सफलता को लेकर किए गए प्रयासों का जिक्र किया है.
सवाल: आपकी उम्र महज 17 साल है, 10 गाने लांच कर दिए हो, आपके मन में कैसे ख्याल आया?
जवाब: करीब 3 साल पहले youtube पर वीडियो देखा था. जिसमें दिखाया गया कि गाने कैसे बनाए जाते हैं. उसके बाद से लगातार 3 से 4 घंटे यूट्यूब पर वीडियो देखा करता था. फिर धीरे-धीरे उस नॉलेज को समेट कर रखा और अपना पहला गाना बनाया. उस गाने को स्पॉटी फाई, अमेजॉन और सावन जैसे प्लेटफार्म पर अपलोड किया. पहली बार जब गाना तैयार किया था तो बहुत खुश हुआ था. अब तक 10 गाने तैयार कर चुका हूं, जो youtube, स्पॉटी फाई, अमेजॉन समेत कई प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. जिसे आप RAW ARTIST के नाम से सर्च कर देख सकते हैं. मेरे गाने ज्यादातर क्लब, पब और डीजी पार्टी में डांस के दौरान इस्तेमाल करने वाले गाने हैं.
सवाल: 10 गाने लिख चुके हो, गाना तैयार करने में कितना वक्त लगा, मन में आइडिया कैसे आए?
जवाब: गाना लिखने के लिए सोचना नहीं होता. कब दिमाग में क्या आ जाए कोई भरोसा नहीं. जैसे कि सोते वक्त कुछ चीजें मेरे मन में आ गई या बाहर किसी दोस्त के साथ खाना खाने गए हैं और कुछ दिमाग में आया या कुछ दिखाई दिया तो उसे मैं तुरंत नोट कर लेता था. लिखने के लिए मैं पेन या डायरी का इस्तेमाल नहीं करता. अपने मोबाइल पर ही नोट या रिकॉर्डिंग कर लेता था. मेरे कहने कहने का मतलब है, कभी भी कहीं भी कुछ भी आइडिया आ सकता है. ऐसा नहीं कि जब बैठोगे तभी आइडिया आए.
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सवाल: पढ़ाई के साथ-साथ गाने पर कैसे फोकस करते हो?
जवाब: वर्तमान में 12 वीं कक्षा में हूं. कॉमर्स लेकर पढ़ाई कर रहा हूं. बोर्ड एग्जाम होने की वजह से पढ़ाई पर ज्यादा फोकस कर रहा हूं. लेकिन पढ़ाई के साथ म्यूजिक को मैनेज करना बहुत मुश्किल हो जाता है. क्योंकि एक बार जब म्यूजिक बनाने बैठता हूं तो 6-7 घंटे कब बीत जाते हैं पता ही नहीं चलता. इसलिए बाद में मुझे 2 से 3 घंटे पढ़ाई करना पड़ता है, ताकि 12वीं में अच्छे नंबर ला सकूं.
सवाल: आपके काम को देखकर घर वाले क्या सोचते हैं?
जवाब: पहले घर वालों को लगता था कि बकवास कर रहा हूं. अपना टाइम वेस्ट कर रहा हूं. यहां तक कह दिए थे कि बाजा बजा कर क्या मिलेगा? लेकिन, जब से मेरे गाने प्लेटफार्म पर लांच किया और कुछ पैसे मिलने शुरू हुए, तब घर वालों को लगा कि बच्चा अब कुछ कर रहा है. कम से कम गलत दिशा में नहीं जा रहा है. मैं भी अपने काम को लेकर बहुत ढीट हो गया था, करना है मतलब करना है. अब मेरे काम को देखकर घर वाले सपोर्ट करने लगे हैं.
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सवाल: आगे आपका क्या उद्देश्य है?
जवाब: मेरा एक ही उद्देश्य है कि म्यूजिक कभी छोड़ना नहीं है. चाहे वो कैसी भी लाइन हो. चाहे वह एडवरटाइजिंग हो, प्रोडक्शन हो या मिक्सिंग का काम हो. कभी छोड़ना नहीं चाहूंगा. मैं बस गाने बनाते रहूंगा, लिखते रहूंगा.
सवाल: बाकी युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं?
जवाब: युवाओं को बस में एक ही संदेश देना चाहता हूं कि आपको जिस काम में खुशी मिलती है उसी काम को करिए और उसे कभी छोड़िए मत. अपने पसंद का काम बहुत कम मिलता है.