रायपुर : कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2018 के पहले ऐलान किया था कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वह शराबबंदी लागू करेगी. सरकार बने करीब सवा 3 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. बावजूद इसके प्रदेश में शराबबंदी नहीं हुई, उल्टा शराब की खपत और उससे मिलने वाले राजस्व में दिनोंदिन वृद्धि होती जा रही है. इस बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामना आया है. वह यह कि कांग्रेस सरकार आने के बाद करीब 3 साल में (17 percent of men gave up alcohol in Chhattisgarh) बड़ी संख्या में लोगों ने शराब छोड़ी है.
छत्तीसगढ़ में 17.9 प्रतिशत पुरुषों ने छोड़ी शराब : छत्तीसगढ़ के 17.9 प्रतिशत पुरुषों ने शराब पीना छोड़ दिया है. यह खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5, 2019-21 की रिपोर्ट में हुआ है. प्रदेश में 34.8 प्रतिशत पुरुष शराब पी रहे हैं. जबकि 2015-2016 में हुए सर्वे में बताया गया था कि राज्य के 52.7 प्रतिशत पुरुष शराब का नशा करते थे. प्रदेश में हर 100 में 5 महिलाएं भी शराब पी रहीं हैं.
रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही कह पाऊंगा कुछ-सीएम : इस सर्वे रिपोर्ट के सामने आने के बाद जब 17 प्रतिशत पुरुषों के शराब छोड़ने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि एक अध्ययन आया है. कल भी बात उठी थी. मैं उसका अध्ययन करके ही कुछ कर पाऊंगा.
पहले पियो शराब, फिर जाओ अस्पताल-धरमलाल कौशिक : विपक्ष ने इस मामले को लेकर उल्टा सरकार पर ही आरोप मढ़ दिया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि आज शराब पीने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे नंबर पर आ गया है. कांग्रेस सरकार पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू करने की बात कहती है. क्या यही है छत्तीसगढ़ मॉडल. ? कौशिक ने कहा कि आबकारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि शराब की आय से वह अस्पताल खुलवाएंगे. एक ओर सरकार शराब पिला रही है और दूसरी ओर शराब से बीमार होने वालों को अस्पताल पहुंचा रही है. क्या सरकार के पास सिर्फ शराब ही आय का जरिया बचा है.? कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि जब वे विपक्ष में थे तो शराबबंदी की बात करते थे. सत्ता में आने के बाद अब शराबबंदी नहीं कर रहे हैं.
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में शराब छोड़ने वाले पुरुषों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. बावजूद इसके प्रदेश में शराब की खपत और उससे होने वाली आय दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. आइए एक नजर डालते हैं प्रदेश में शराब की खपत और उससे होने वाली आय पर.
छत्तीसगढ़ में 662 शराब दुकानों के हैं 1491 काउंटर : राज्य भर में सभी तरह की शराब दुकानों को मिलाकर 662 दुकानें हैं. इसके 1491 काउंटर हैं. विधानसभा में पूछे गए दो अलग-अलग प्रश्नों के जवाब में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने इसकी जानकारी दी थी. विधायक छन्नी चंदू साहू ने सदन में प्रश्न पूछा था कि राज्य में देसी व विदेशी शराब के कितने काउंटर हैं? उन्होंने देसी व विदेशी शराब की अलग-अलग दुकानों की जिलेवार जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया था कि राज्य के सभी जिलों में 199 देसी शराब दुकानों में 422 काउंटर हैं. इसी तरह 304 विदेशी शराब दुकानों में 656 काउंटर हैं.
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इसी तरह राज्य भर में कम्पोजिट मदिरा (देसी व विदेशी दोनों) की 138 दुकानें हैं. इनमें 370 काउंटर हैं. प्रीमियम मदिरा की 21 दुकानों के 43 काउंटर हैं. राज्य भर में सभी तरह की शराब दुकानों को मिलाकर 662 दुकानें हैं. इसके 1491 काउंटर हैं. जवाब के साथ दी गयी सूची से स्पष्ट है कि सर्वाधिक दुकानें राजधानी रायपुर में हैं. रायपुर जिले में सभी तरह की शराब दुकानों को मिलाकर 76 शराब दुकानें हैं. इसके कुल 255 काउंटर हैं. राजधानी के बाद न्यायधानी बिलासपुर में सभी तरह की शराब की 69 दुकानें हैं. इनके 136 काउंटर हैं.
अंग्रेजी शराब दुकान से हुई 1800 करोड़ से अधिक की आय : राज्य में संचालित 656 अंग्रेजी शराब दुकानों से एक वर्ष में ही राज्य सरकार को 1800 करोड़ से अधिक की आय हुई. विधायक किस्मत लाल नंद ने 1 जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक अंग्रेजी शराब की बिक्री व उसकी व आय के सम्बंध में जानकारी मांगी थी. जिसका जवाब पेश करते हुए आबकारी मंत्री ने बताया था कि उक्त समय अवधि में राज्य में 2,36,20,864 (दो करोड़ छत्तीस लाख बीस हजार आठ सौ चौसठ) फ्रूफ लीटर विदेशी मदिरा (स्प्रिट) व 1,68,10,379 (एक करोड़ अड़सठ लाख दस हजार तीन सौ उन्यासी) बल्क लीटर विदेशी मदिरा (साल्ट) की बिक्री हुई है. उक्त बिक्री से 1809,26,93,022 (एक हजार आठ सौ नौ करोड़ छब्बीस लाख तिरानबे हजार बाईस) रुपये की आय प्राप्त हुई है.