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दो महीने में दो बार विधायकों के शक्ति प्रदर्शन की सीएम भूपेश को आखिर क्यों पड़ी जरूरत ?

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Published : Sep 30, 2021, 7:44 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 10:58 PM IST

छत्तीसगढ़ के 15 विधायक (15 MLAs of Chhattisgarh) पिछले दो दिनों से दिल्ली दौरे पर हैं. इधर, विधायकों के दिल्ली दौरे पर मीडिया से बात करते हुए बृहस्पति सिंह ने कहा कि पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ के हालात (The situation in Chhattisgarh is not like Punjab) नहीं हैं. बघेल सरकार (Baghel government) पूरी तरह सुरक्षित है. हम पीएल पुनिया (pl punia) से मिलने दिल्ली आए थे, लेकिन न तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दिल्ली में हैं और न ही पीएल पुनिया ही हैं. ऐसे में हम किससे मुलाकात करेंगे.

Rakesh-Bhupesh- Brihaspati Singh
राकेश-भूपेश- बृहस्पति सिंह

रायपुर: छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री (Chief Minister of two and a half years) का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. एक बार फिर से छत्तीसगढ़ के 15 विधायक (15 MLAs of Chhattisgarh) दिल्ली दौरे पर निकल पड़े हैं. इस कारण सूबे में राजनीतिक गहमागहमी फिर से शुरू हो गई है. हालांकि दिल्ली गए सभी 15 विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के खेमे के बताए जा रहे हैं. ये सभी विधायक पिछले दो दिनों से दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं. जो कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंचे हैं, उनमें यूडी मिंज, मोहित केरकेट्टा, चंद्रदेव राय, गुलाब कमरों, विकास उपाध्याय, रामकुमार यादव, पुरुषोत्तम कंवर और विनय जायसवाल समेत अन्य विधायक शामिल हैं.

शक्ति प्रदर्शन की सीएम भूपेश को आखिर क्यों पड़ी जरूरत ?

70 का बहुमत 48 की परेड, अब 15 की बारात, क्या ऐसे गढ़ोगे ?

दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के खेमे के इन विधायकों से दिल्ली में कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने अब तक मुलाकात नहीं की है. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में उपजे ढाई-ढाई साल के सीएम के विवाद मामले में सीएम भूपेश समर्थित विधायक बीते अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में दिल्ली दरबार की दौड़ लगा चुके हैं. हालांकि बड़ा सवाल यह है कि दो महीने के अंदर आखिर दो बार विधायकों को आलाकमान के पास क्यों जाना पड़ गया. हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि सीएम भूपेश बघेल को कहीं न कहीं अपनी कुर्सी खतरे में दिख रही है. उन्हें यह लग रहा है कि देश भर में कांग्रेस में चल रही बदलाव की इस बयार में कहीं टीएस सिंहदेव बाजी न मार ले जाएं. इसी का नतीजा है कि विधायक दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.

क्या बोले- बृहस्पति सिंह

दिल्ली में न राहुल हैं न ही पुनिया, तो किससे मिलें...

इधर, राहुल गांधी से मुलाकात करने आए दिल्ली पहुंचे विधायक बृहस्पति सिंह (MLA Brihaspati Singh) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दो साल पहले हमारे आग्रह पर राहुल गांधी ने हमें समय दिया था, हमने उनसे बहुत कुछ सीखा था और बेहतर काम किया था. एक बार फिर से हम उनसे मिलने आये थे, ताकि फिर से प्रदेश में बेहतर काम कर सकें. कोरोना की वजह से दो बार राहुल गांधी छत्तीसगढ़ नहीं आ सके. इस सिलसिले में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से भी बातचीत करते लेकिन न तो राहुल गांधी ही दिल्ली में हैं और न ही पीएल पुनिया ही हैं, ऐसे में हम मिलें भी तो किससे. पीएल पुनिया से मुलाकात पर चर्चा करते हुए बृहस्पति ने बताया कि हमें अपने नेता से मिलने के लिए पहले से समय लेने की कोई आवश्यकता नहीं. हम जब भी उनसे मिलने आये हैं तो बिना बताये ही आये हैं. पिछली बार तो 12 बजे रात में हम उनके घर गए थे और उनसे मिले थे. हमारे नेता बड़े दिलवाले हैं. हम जब भी चाहते हैं, उनसे मिल लेते हैं बात कर लेते हैं.

BJP के मोर्चा प्रकोष्ठ अध्यक्षों की बैठक में मिशन 2023 की बनेगी रणनीति

छत्तीसगढ़ और पंजाब में है बड़ा अंतर...

छत्तीसगढ़ और पंजाब में बड़ा अंतर है. छत्तीसगढ़ में 54 प्रतिशत ओबीसी हैं. उस वर्ग से राहुल जी ने हमें मुख्यमंत्री दिया है. छत्तीसगढ़ और पंजाब में अलग-अलग परिवेश हैं. हमारे पास 70 विधायकों का समर्थन है. जिसमें 60 विधायक भूपेश बघेल के साथ हैं. किसी एक व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए सरकार को हिला नहीं सकते. प्रदेश में बेहतर काम हो रहा है. छत्तीसगढ़ में कोई आंतरिक कलह नहीं चल रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी वर्गों को लेकर चलने वाले सीएम हैं.

90 में 70 विधायक कांग्रेस के, उसमें भी 60 हों साथ तो चिंता की क्या बात...

मध्यप्रदेश में हमारी सरकार कमलनाथ जी की अगुवाई में बेहतर काम कर रही थी. भाजपा ने हमारे ग्वालियर महाराज को पटाया और उन्हें अपने पक्ष में कर हमारी सरकार गिराने का काम किया. वैसे हमारे सरगुजा महाराज नहीं हैं. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के प्रति समर्पित हैं. कांग्रेस से आलाकमान अलग नहीं हैं. सरकार चलाने के लिए आपको विधायक चाहिए. और सदन में 90 में से 70 विधायक कांग्रेस के हों और उनमें से भी जब 60 विधायकों ने पहले ही लिख कर दे दिया हो और मंत्री भी साथ हों तो फिर चिंता की कोई बात ही नहीं. हालांकि हर कोई चाहता है कि वह भी मुख्यमंत्री बने. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव में कोई कटुता नहीं है.

पूरे मामले पर क्या कहा मुख्यमंत्री ने

विधायकों के दौरे को राजनीति के चश्मे से न देखें...

15 विधायकों के दिल्ली जाने पर सीएम बघेल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं भी जा सकता है. इस तरह की घटनाओं को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि रमन सिंह को उनकी पार्टी गंभीरता से नहीं लेती.

बीजेपी नेता मूणत ने किया करारा प्रहार

70 का बहुमत 48 की परेड, अब 15 की बारात, क्या ऐसे गढ़ोगे छत्तीसगढ़...?

कांग्रेस के 15 विधायकों के दिल्ली दौरे पर पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता राजेश मूणत (BJP leader Rajesh Munat) ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि कांग्रेस के पास 70 का बहुमत है. उसके बाद भी लगातार प्रदेश कांग्रेस में आपस में खींचतान जारी है. पहले 48 विधायकों की परेड छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता और पार्टी के लोगों ने की. अब फिर 15 की बारात लेकर वह दिल्ली गए हैं. लगातार सीएम बघेल के प्रति विधायकों की संख्या घटते क्रम में नजर आ रही है. ऐसे में ये लोग कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे?

आखिर सवाल उठता है कि अगर छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार स्थिर है तो सीएम बघेल और उसके विधायकों को बार बार दिल्ली दौड़ क्यों लगानी पड़ रही है. क्या ऐसा तो नहीं है कि अंदर खाने सत्ता जाने का डर सीएम बघेल को सता रहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री (Chief Minister of two and a half years) का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. एक बार फिर से छत्तीसगढ़ के 15 विधायक (15 MLAs of Chhattisgarh) दिल्ली दौरे पर निकल पड़े हैं. इस कारण सूबे में राजनीतिक गहमागहमी फिर से शुरू हो गई है. हालांकि दिल्ली गए सभी 15 विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के खेमे के बताए जा रहे हैं. ये सभी विधायक पिछले दो दिनों से दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं. जो कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंचे हैं, उनमें यूडी मिंज, मोहित केरकेट्टा, चंद्रदेव राय, गुलाब कमरों, विकास उपाध्याय, रामकुमार यादव, पुरुषोत्तम कंवर और विनय जायसवाल समेत अन्य विधायक शामिल हैं.

शक्ति प्रदर्शन की सीएम भूपेश को आखिर क्यों पड़ी जरूरत ?

70 का बहुमत 48 की परेड, अब 15 की बारात, क्या ऐसे गढ़ोगे ?

दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के खेमे के इन विधायकों से दिल्ली में कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने अब तक मुलाकात नहीं की है. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में उपजे ढाई-ढाई साल के सीएम के विवाद मामले में सीएम भूपेश समर्थित विधायक बीते अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में दिल्ली दरबार की दौड़ लगा चुके हैं. हालांकि बड़ा सवाल यह है कि दो महीने के अंदर आखिर दो बार विधायकों को आलाकमान के पास क्यों जाना पड़ गया. हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि सीएम भूपेश बघेल को कहीं न कहीं अपनी कुर्सी खतरे में दिख रही है. उन्हें यह लग रहा है कि देश भर में कांग्रेस में चल रही बदलाव की इस बयार में कहीं टीएस सिंहदेव बाजी न मार ले जाएं. इसी का नतीजा है कि विधायक दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं.

क्या बोले- बृहस्पति सिंह

दिल्ली में न राहुल हैं न ही पुनिया, तो किससे मिलें...

इधर, राहुल गांधी से मुलाकात करने आए दिल्ली पहुंचे विधायक बृहस्पति सिंह (MLA Brihaspati Singh) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दो साल पहले हमारे आग्रह पर राहुल गांधी ने हमें समय दिया था, हमने उनसे बहुत कुछ सीखा था और बेहतर काम किया था. एक बार फिर से हम उनसे मिलने आये थे, ताकि फिर से प्रदेश में बेहतर काम कर सकें. कोरोना की वजह से दो बार राहुल गांधी छत्तीसगढ़ नहीं आ सके. इस सिलसिले में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से भी बातचीत करते लेकिन न तो राहुल गांधी ही दिल्ली में हैं और न ही पीएल पुनिया ही हैं, ऐसे में हम मिलें भी तो किससे. पीएल पुनिया से मुलाकात पर चर्चा करते हुए बृहस्पति ने बताया कि हमें अपने नेता से मिलने के लिए पहले से समय लेने की कोई आवश्यकता नहीं. हम जब भी उनसे मिलने आये हैं तो बिना बताये ही आये हैं. पिछली बार तो 12 बजे रात में हम उनके घर गए थे और उनसे मिले थे. हमारे नेता बड़े दिलवाले हैं. हम जब भी चाहते हैं, उनसे मिल लेते हैं बात कर लेते हैं.

BJP के मोर्चा प्रकोष्ठ अध्यक्षों की बैठक में मिशन 2023 की बनेगी रणनीति

छत्तीसगढ़ और पंजाब में है बड़ा अंतर...

छत्तीसगढ़ और पंजाब में बड़ा अंतर है. छत्तीसगढ़ में 54 प्रतिशत ओबीसी हैं. उस वर्ग से राहुल जी ने हमें मुख्यमंत्री दिया है. छत्तीसगढ़ और पंजाब में अलग-अलग परिवेश हैं. हमारे पास 70 विधायकों का समर्थन है. जिसमें 60 विधायक भूपेश बघेल के साथ हैं. किसी एक व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए सरकार को हिला नहीं सकते. प्रदेश में बेहतर काम हो रहा है. छत्तीसगढ़ में कोई आंतरिक कलह नहीं चल रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी वर्गों को लेकर चलने वाले सीएम हैं.

90 में 70 विधायक कांग्रेस के, उसमें भी 60 हों साथ तो चिंता की क्या बात...

मध्यप्रदेश में हमारी सरकार कमलनाथ जी की अगुवाई में बेहतर काम कर रही थी. भाजपा ने हमारे ग्वालियर महाराज को पटाया और उन्हें अपने पक्ष में कर हमारी सरकार गिराने का काम किया. वैसे हमारे सरगुजा महाराज नहीं हैं. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के प्रति समर्पित हैं. कांग्रेस से आलाकमान अलग नहीं हैं. सरकार चलाने के लिए आपको विधायक चाहिए. और सदन में 90 में से 70 विधायक कांग्रेस के हों और उनमें से भी जब 60 विधायकों ने पहले ही लिख कर दे दिया हो और मंत्री भी साथ हों तो फिर चिंता की कोई बात ही नहीं. हालांकि हर कोई चाहता है कि वह भी मुख्यमंत्री बने. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव में कोई कटुता नहीं है.

पूरे मामले पर क्या कहा मुख्यमंत्री ने

विधायकों के दौरे को राजनीति के चश्मे से न देखें...

15 विधायकों के दिल्ली जाने पर सीएम बघेल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं भी जा सकता है. इस तरह की घटनाओं को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि रमन सिंह को उनकी पार्टी गंभीरता से नहीं लेती.

बीजेपी नेता मूणत ने किया करारा प्रहार

70 का बहुमत 48 की परेड, अब 15 की बारात, क्या ऐसे गढ़ोगे छत्तीसगढ़...?

कांग्रेस के 15 विधायकों के दिल्ली दौरे पर पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता राजेश मूणत (BJP leader Rajesh Munat) ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि कांग्रेस के पास 70 का बहुमत है. उसके बाद भी लगातार प्रदेश कांग्रेस में आपस में खींचतान जारी है. पहले 48 विधायकों की परेड छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता और पार्टी के लोगों ने की. अब फिर 15 की बारात लेकर वह दिल्ली गए हैं. लगातार सीएम बघेल के प्रति विधायकों की संख्या घटते क्रम में नजर आ रही है. ऐसे में ये लोग कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे?

आखिर सवाल उठता है कि अगर छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार स्थिर है तो सीएम बघेल और उसके विधायकों को बार बार दिल्ली दौड़ क्यों लगानी पड़ रही है. क्या ऐसा तो नहीं है कि अंदर खाने सत्ता जाने का डर सीएम बघेल को सता रहा है.

Last Updated : Sep 30, 2021, 10:58 PM IST
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