रायपुर: कोरोना संकट काल में इस वक्त शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कर्मचारियों की. पहले से ही स्वास्थ्य विभाग के पास कर्मचारियों की कमी रही है. अब महामारी के समय जमीनीस्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हो रहे हैं.
ऐसे में राज्य में संविदा आधार पर नियुक्त स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण संबंधी मांगों को लेकर 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं. राज्य में 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं, जो लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं.
मांगों के पूरा नहीं होने से हड़ताल करने का फैसला
छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ के बैनर तले यह आंदोलन किया जाएगा. कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया गया था. घोषणा पत्र के वादों को पूरा करते हुए नियमित पदों पर पहले से कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का समायोजन किया जाना चाहिए था. साथ ही अन्य संविदा पदों के नियमितीकरण की भी प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थी. लेकिन वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में 2 हजार 100 पदों पर नियमित भर्ती की जा रही है.
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भी सौंप चुके हैं ज्ञापन
इसे लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM संघ ने पूरे राज्य की जिला इकाई के साथ जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा हैं. प्रमुख सचिव और मिशन संचालक को ज्ञापन देकर अपनी मांगों और परेशानियों से अवगत कराया गया है. संघ के पदाधिकारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं.
अपनी मांगों पर सरकार का कोई सकरात्मक रुझान ना देखकर छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. संघ ने अब आंदोलन करने की इच्छा बना ली है. आंदोलन के तहत 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की सूचना छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. संघ ने शासन को दे दी है. प्रथम चरण में संघ के सभी 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर काम किया.
राज्य के सभी जिला चिकित्सालय, कोविड केयर सेंटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रोंं और सभी कार्यालयों में ये नजारा देखने को मिला.