रायपुर: कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ के मजदूर तेलंगाना में फंस गए थे, जिनको लेकर लिंगमपल्ली से श्रमिक स्पेशल ट्रेन रायपुर पहुंची. स्टेशन पर जिला पुलिस प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौजूद थे. स्टेशन में तकरीबन 100 मजदूर उतरे जो कि रायपुर, धमतरी, महासमुंद , गरियाबंद, कांकेर के रहने वाले हैं. सभी का परीक्षण थर्मल स्कैनिंग के जरिए किया गया.
कोंडागांव: झारखंड से वापस लाए गए 37 मजदूर, जांच के बाद किए जाएंगे आइसोलेट
रेलवे स्टेशन पर मजदूरों की मेडिकल जांच के लिए रेलवे और जिला प्रशासन सभी तरीके की तैयारी कर रखा था. मजदूर जैसे ही रेलवे स्टेशन पहुंचे उन पर सैनिटाइजेशन का छिड़काव किया गया. उसके बाद थर्मल स्कैनिंग के जरिए परीक्षण किया गया, जिसके बाद मजदूरों को बस के माध्यम से उनके गृह ग्राम भेजा गया. जहां उन्हें वहां बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा'.
छत्तीसगढ़ की सीमा पर फंसे झारखंड के मजदूर, सरकार से लगाई मदद की गुहार
दूसरे शहर कभी नहीं जाएंगे मजदूरी करने
मजदूरों ने बताया कि 'लिंगमपल्ली से रायपुर आने में उन्हें किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई. रेलवे ने मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की थी. साथ ही लिंगमपल्ली स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने से पहले उनका चेकअप किया गया था. साथ ही उतरने के बाद भी उन्हें सैनिटाइज कर उनका चेकअप किया गया. मजदूरों से जब ETV भारत ने यह प्रश्न पूछा कि 'क्या लॉकडाउन के बाद वह काम करने वापस दूसरे राज्य जाएंगे...? तो मजदूरों ने साफ शब्दों में कहा कि अब वह अपने ही राज्य में अपने ही घर पर रहना चाहते हैं, अपने गांव के आसपास के शहरों में ही जाकर कमाई का जरिया ढूंढ़ लेंगे'.
महंगे शौक के लिए मोबाइल दुकानों में चोरी करते थे ये नाबालिग चोर, गिरफ्तार
मजदूरों के लिए परिवहन की व्यवस्था
एसडीएम विनीत नंदनवार ने बताया कि 'गरियाबंद, रायपुर और दूसरे जिलों के लिए जो मजदूर यहां पर उतरे हैं, उन सभी का सोशल डिस्टेंशन पालन करते हुए स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा जिला प्रशासन की तरफ से भोजन और परिवहन व्यवस्था की गई है, जिससे वह अपने क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचे सके'.