रायपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन किया गया था, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ के मजदूर अन्य राज्यों में फंस गए थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल से सभी मजूदरों को वापस लाने का सिलसिला जारी है. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और अन्य वाहनों में जरिए से वापस आ रहे हैं.
बता दें कि 23 मई तक छत्तीसगढ़ के एक लाख 53 हजार प्रवासी श्रमिकों की राज्य में सकुशल वापसी हो चुकी है. छत्तीसगढ़ से अन्य प्रदेशों में फंसे श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए 53 श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रस्तावित हैं. श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल ने रेलवे को अब तक 32 स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के लिए 2 करोड़ 91 लाख 40 हजार से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है.
करीब डेढ़ लाख मजदूर पहुंचे अपने घर
मंत्री डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन से अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों और चिकित्सा की वापसी के लिए कई एहतियाती कदम उठाए गए. छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों की वापसी के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था के तहत 23 मई तक कुल 2 लाख 96 हजार 587 लोगों ने पंजीयन कराया है. जिसमें 2 लाख 72 हजार 152 श्रमिक तथा शेष छात्र, तीर्थ यात्री, पर्यटक और अन्य लोग शामिल हैं. जिसमें से एक लाख 53 हजार श्रमिक और नागरिक छत्तीसगढ़ राज्य स्थित अपने गृह ग्राम वापस आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर अन्य जिलों में फंसे 13 हजार 237 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह जिला भिजवाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के 27 हजार 100 श्रमिक वापस अपने गृह राज्य जा चुके हैं.
दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की मदद
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 17 हजार 677 श्रमिकों को भोजन, राशन, चिकित्सा आदि की व्यवस्था और राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उनके खातों में 66 लाख 73 हजार रुपए की राशि भेजी गई है, छत्तीसगढ़ राज्य के नोडल अधिकारी और श्रम सचिव सोनमणी बोरा और अन्य अधिकारियों ने संबंधित राज्यों के अधिकारियों और नियोक्ताओं से लगातार संपर्क कर श्रमिकों की समस्याओं का निदान और छत्तीसगढ़ की श्रमिकों की सकुशल वापसी की व्यवस्था की जा रही है.
फैक्ट्री और कारखानों में मिल रहा रोजगार
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लॉकडाउन के दूसरे चरण में 20 अप्रैल के बाद से शासन द्वारा औद्योगिक गतिविधियों के संचालन हेतु प्रदत्त छूट के मद्देनजर राज्य की 1337 फैक्ट्री और कारखानों का संचालन शुरू किया गया, जिसके जरिए एक लाख 2 हजार से अधिक श्रमिकों को फिर से काम मिलने लगा है.
- राज्य की फैक्ट्री एवं औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले 26 हजार 205 श्रमिकों को 37 करोड़ रुपए का बकाया वेतन का भुगतान कराया जा चुका है.
- राज्य के 65 हजार 408 श्रमिकों को निःशुल्क इलाज एवं दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
- राज्य में ईएसआई के माध्यम से कुल 42 क्लीनिक संचालित हैं.
- प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकों की मदद के लिए राज्य स्तर पर हेल्पलाइन सेंटर संचालित है जो 24 घंटे काम कर रहे हैं.
- हेल्प लाइन नंबर 0771-2443809 एवं 91098-49992 है.