नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा चल रही है. रायगढ़ सांसद गोमती साय ने संसद में कहा कि भाजपा की सरकार लगातार नए आयाम गढ़ रही है. यही वजह है कि महिला आरक्षण का बिल पेश किया गया है. सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास नारा सार्थक किया गया है. अब आधी आबादी को उसका पूरा हक देने की पहल की गई है.
विपक्षी दलों पर साधा निशाना: रायगढ़ सांसद गोमती साय ने महिलाओं की उपेक्षा को लेकर विपक्ष को घेरा. गोमती साय ने कहा कि देश की आबादी का आधा हिस्सा होने के बाद भी महिलाओं को विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा में सही प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. इसकी वजह विपक्षी दल रहे हैं. कभी भी महिलाओं के हित में सोचा ही नहीं गया. विपक्षी दल महिला विरोधी, किसान विरोधी, गरीब विरोधी रहे हैं. महिलाओं का पक्षधर होने का नाटक करते हैं.
''आज इस गरीमामयी अवसर पर मैं पीएम मोदी का धन्यवाद देती हूं. मैं एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी हूं. मुझे लोकतंत्र के इस मंदिर पर पहुंचने का अवसर मिला है. आधी आबादी को उसका पूरा हक मिलने के इस पावन अवसर का सौभाग्य मिला है.'' -गोमती साय, रायगढ़ सांसद
गोमती साय ने कहा, 'या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रुपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..हम सिर्फ कागज तक सीमित रह गए थे लेकिन महिला आरक्षण बिल लाकर इस सरकार ने नारी शक्ति को सम्मान दिया है.' एक कविता के जरिए भी गोमती साय ने कहा कि हमारा समाज पुरुष प्रधान रहा है लेकिन परिवर्तन प्रकृति का नियम है. अब आधी आबादी को सम्मान मिल रहा है.
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पर लगातार चर्चा चल रही है. 19 सितंबर को पेश किए गए वुमन रिजर्वेशन बिल के मुताबिक लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण दिया जाएगा. यह आरक्षण पहले 15 साल तक रहेगा. इसके बाद संसद चाहे तो आरक्षण की सीमा बढ़ा सकती है.