ETV Bharat / state

कमर्शियल माइनिंग के विरोध में सामाजिक जनसंगठनों ने निकाली वर्चुअल रैली

author img

By

Published : Jul 7, 2020, 4:18 PM IST

कोल सेक्टर के प्राइवेटलाइजेंशन का विरोध किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने कमर्शियल माइनिंग का फैसला लिया है. रायगढ़ का खदान भी लिस्ट में शामिल हैं. ऐसे में श्रमिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.

protest against commercial mining
सामाजिक जनसंगठनों का प्रदर्शन

रायगढ़: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में देशभर के श्रमिक संगठन इकट्ठा हो गए हैं. कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में सामाजिक जनसंगठनों ने वर्चुअल रैली निकाली है. इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया.

कमर्शियल माइनिंग का विरोध

प्रशासन से लगाई गुहार

रैली के माध्यम से जनसंगठन के लोगों ने कहा कि उन्हें उद्योगों के विकास के नाम पर विनाश नहीं चाहिए. इसलिए पेसा कानून को ध्यान में रखते हुए जल जंगल और जमीन को बचाने की शासन और प्रशासन से गुहार लगाई है.

पढ़ें: कोरबा: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठन हुए एकजुट, 2 जुलाई से करेंगे हड़ताल

41 कोल ब्लॉक की लिस्ट जारी

देशभर के 41 कोल ब्लॉक की लिस्ट जारी कर दी गई है, जिसकी नीलामी प्रस्तावित है. इसमें कोरबा के अलावा रायगढ़ जिले के भी 3 कोल ब्लॉक शामिल हैं, जिसमें तमनार से गारे 4/1, गारे 4/7 और धरमजयगढ़ की फतेपुर कोयला खदान की नीलामी होनी है. इसके अलावा कोरबा जिले के भी 4 कोल ब्लॉक शामिल हैं.

कोल ब्लॉक की नीलामी अस्वीकार

संगंठन के लोगों का कहना है कि वो किसी भी हालत में कोल ब्लॉक की नीलामी को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. कमर्शियल माइनिंग से श्रमिकों को सबसे बड़ा डर यह है कि कोल ब्लॉक निजी हाथ में जाने के साथ ही एक बार फिर कोयला उद्योग में काम करने वाले मजदूरों का शोषण शुरू हो जाएगा. कंपनी लाभ कमाने के लिए कोयले की कीमत भी कम कर सकती है. जिसका असर कोल इंडिया से उत्पादित कोयले पर पड़ेगा.

पढ़ें: कोरबा: श्रमिक संगठनों ने मिलकर किया कमर्शियल माइनिंग के फैसले का विरोध

बता दें कि, केंद्रीय कोयला मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमर्शियल माइनिंग को लेकर सोमवार को संबोधित किया था. जिसमें उन्होंने कमर्शियल माइनिंग को देशहित में बताया है. लेकिन इसका संगठनों पर कोई असर देखने को नहीं मिला है.

रायगढ़: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में देशभर के श्रमिक संगठन इकट्ठा हो गए हैं. कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में सामाजिक जनसंगठनों ने वर्चुअल रैली निकाली है. इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया.

कमर्शियल माइनिंग का विरोध

प्रशासन से लगाई गुहार

रैली के माध्यम से जनसंगठन के लोगों ने कहा कि उन्हें उद्योगों के विकास के नाम पर विनाश नहीं चाहिए. इसलिए पेसा कानून को ध्यान में रखते हुए जल जंगल और जमीन को बचाने की शासन और प्रशासन से गुहार लगाई है.

पढ़ें: कोरबा: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठन हुए एकजुट, 2 जुलाई से करेंगे हड़ताल

41 कोल ब्लॉक की लिस्ट जारी

देशभर के 41 कोल ब्लॉक की लिस्ट जारी कर दी गई है, जिसकी नीलामी प्रस्तावित है. इसमें कोरबा के अलावा रायगढ़ जिले के भी 3 कोल ब्लॉक शामिल हैं, जिसमें तमनार से गारे 4/1, गारे 4/7 और धरमजयगढ़ की फतेपुर कोयला खदान की नीलामी होनी है. इसके अलावा कोरबा जिले के भी 4 कोल ब्लॉक शामिल हैं.

कोल ब्लॉक की नीलामी अस्वीकार

संगंठन के लोगों का कहना है कि वो किसी भी हालत में कोल ब्लॉक की नीलामी को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. कमर्शियल माइनिंग से श्रमिकों को सबसे बड़ा डर यह है कि कोल ब्लॉक निजी हाथ में जाने के साथ ही एक बार फिर कोयला उद्योग में काम करने वाले मजदूरों का शोषण शुरू हो जाएगा. कंपनी लाभ कमाने के लिए कोयले की कीमत भी कम कर सकती है. जिसका असर कोल इंडिया से उत्पादित कोयले पर पड़ेगा.

पढ़ें: कोरबा: श्रमिक संगठनों ने मिलकर किया कमर्शियल माइनिंग के फैसले का विरोध

बता दें कि, केंद्रीय कोयला मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमर्शियल माइनिंग को लेकर सोमवार को संबोधित किया था. जिसमें उन्होंने कमर्शियल माइनिंग को देशहित में बताया है. लेकिन इसका संगठनों पर कोई असर देखने को नहीं मिला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.