रायगढ़: कमर्शियल माइनिंग के विरोध में देशभर के श्रमिक संगठन इकट्ठा हो गए हैं. कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में सामाजिक जनसंगठनों ने वर्चुअल रैली निकाली है. इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया.
प्रशासन से लगाई गुहार
रैली के माध्यम से जनसंगठन के लोगों ने कहा कि उन्हें उद्योगों के विकास के नाम पर विनाश नहीं चाहिए. इसलिए पेसा कानून को ध्यान में रखते हुए जल जंगल और जमीन को बचाने की शासन और प्रशासन से गुहार लगाई है.
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41 कोल ब्लॉक की लिस्ट जारी
देशभर के 41 कोल ब्लॉक की लिस्ट जारी कर दी गई है, जिसकी नीलामी प्रस्तावित है. इसमें कोरबा के अलावा रायगढ़ जिले के भी 3 कोल ब्लॉक शामिल हैं, जिसमें तमनार से गारे 4/1, गारे 4/7 और धरमजयगढ़ की फतेपुर कोयला खदान की नीलामी होनी है. इसके अलावा कोरबा जिले के भी 4 कोल ब्लॉक शामिल हैं.
कोल ब्लॉक की नीलामी अस्वीकार
संगंठन के लोगों का कहना है कि वो किसी भी हालत में कोल ब्लॉक की नीलामी को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. कमर्शियल माइनिंग से श्रमिकों को सबसे बड़ा डर यह है कि कोल ब्लॉक निजी हाथ में जाने के साथ ही एक बार फिर कोयला उद्योग में काम करने वाले मजदूरों का शोषण शुरू हो जाएगा. कंपनी लाभ कमाने के लिए कोयले की कीमत भी कम कर सकती है. जिसका असर कोल इंडिया से उत्पादित कोयले पर पड़ेगा.
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बता दें कि, केंद्रीय कोयला मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमर्शियल माइनिंग को लेकर सोमवार को संबोधित किया था. जिसमें उन्होंने कमर्शियल माइनिंग को देशहित में बताया है. लेकिन इसका संगठनों पर कोई असर देखने को नहीं मिला है.