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रायगढ़: SECL बरौद माइंस के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

रायगढ़ के बरौद कोयला खदान में बरौद सहित अन्य आसपास के किसानों की जमीन को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. साथ ही ग्रामीणों को आश्वासित किया गया था उन्हें नौकरी और अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी, लेकिन 10 साल के बाद भी कुछ नहीं मिला. जिसके बाद ग्रामीणों ने खदान के सामने चक्का जाम कर दिया.

villagers protested against secl baroud gharghoda in raigarh
ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
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Published : Oct 12, 2020, 5:57 PM IST

Updated : Oct 13, 2020, 12:27 PM IST

रायगढ़: घरघोड़ा मुख्यालय से धरमजयगढ़ मुख्य मार्ग पर स्थित बरौद कोयला खदान में बरौद सहित आसपास के किसानों की जमीन को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. ग्रामीणों ने कई बार SECL प्रबंधन को रोजगार के लिए मांग पत्र दिया था, लेकिन अबतक इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके बाद ग्रामीणों ने बरौद कोयला खदान के सामने चक्का जाम कर दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

इस प्रदर्शन को लेकर प्रभावित किसानों ने प्रबंधक SECL बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा था. इस ज्ञापन में लिखा था कि प्रबंधन रोजगार देने के नाम पर ग्रामीणों के साथ हमेशा से ठगी कर रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि अधिग्रहित की गई जमीन के एवज में काम दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि बरौद और रायगढ़ क्षेत्र के माइंस में ही स्थानीय लोगों को नौकरी के साथ अन्य सुविधाएं भी दिया जाए. ग्रामीणों ने आगे मांग करते हुए कहा कि अभी जो 15 लोगों को नौकरी दी जा रही है, उनकी पोस्टिंग रायगढ़ के ओपन कोल माइंस में हो, जिससे कि वह स्थानीय स्तर पर ही काम कर सकें.

SECL बरौद माइंस के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

पढ़ें- वास्तविक दुर्घटना से बचने के लिए मेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन के पास किया गया मॉकड्रील


धरना स्थल पर थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह नायब तहसीलदार रितेश साहू और स्थानीय SECL के कर्मचारी, ग्रामीणों को समझाइश देने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन भी दे रहे हैं. बावजूद इसके ग्रामीणों का कहना है कि SECL के उच्च अधिकारियों से लिखित में आश्वासन दिया जाए, जिसके बाद ही आंदोलन खत्म होगा.

secl baroud gharghoda in raigarh
नायब तहसीलदार रितेश साहू ग्रामीणों से बात करते

SECL बरौद खदान को चालू हुए 10 साल से ज्यादा हो चुका है और भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया के इतने समय के बाद भी प्रबंधन की ओर से स्थानीय लोगों को न तो नौकरी मिली न ही मुआवजा मिला है.

रायगढ़: घरघोड़ा मुख्यालय से धरमजयगढ़ मुख्य मार्ग पर स्थित बरौद कोयला खदान में बरौद सहित आसपास के किसानों की जमीन को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. ग्रामीणों ने कई बार SECL प्रबंधन को रोजगार के लिए मांग पत्र दिया था, लेकिन अबतक इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके बाद ग्रामीणों ने बरौद कोयला खदान के सामने चक्का जाम कर दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

इस प्रदर्शन को लेकर प्रभावित किसानों ने प्रबंधक SECL बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा था. इस ज्ञापन में लिखा था कि प्रबंधन रोजगार देने के नाम पर ग्रामीणों के साथ हमेशा से ठगी कर रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि अधिग्रहित की गई जमीन के एवज में काम दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि बरौद और रायगढ़ क्षेत्र के माइंस में ही स्थानीय लोगों को नौकरी के साथ अन्य सुविधाएं भी दिया जाए. ग्रामीणों ने आगे मांग करते हुए कहा कि अभी जो 15 लोगों को नौकरी दी जा रही है, उनकी पोस्टिंग रायगढ़ के ओपन कोल माइंस में हो, जिससे कि वह स्थानीय स्तर पर ही काम कर सकें.

SECL बरौद माइंस के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

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धरना स्थल पर थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह नायब तहसीलदार रितेश साहू और स्थानीय SECL के कर्मचारी, ग्रामीणों को समझाइश देने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन भी दे रहे हैं. बावजूद इसके ग्रामीणों का कहना है कि SECL के उच्च अधिकारियों से लिखित में आश्वासन दिया जाए, जिसके बाद ही आंदोलन खत्म होगा.

secl baroud gharghoda in raigarh
नायब तहसीलदार रितेश साहू ग्रामीणों से बात करते

SECL बरौद खदान को चालू हुए 10 साल से ज्यादा हो चुका है और भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया के इतने समय के बाद भी प्रबंधन की ओर से स्थानीय लोगों को न तो नौकरी मिली न ही मुआवजा मिला है.

Last Updated : Oct 13, 2020, 12:27 PM IST
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