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रायगढ़: शिक्षक विजय पंडा के वर्चुअल क्लास से स्टूडेंट्स खुश, मिल रहा अच्छा रिस्पांस - वर्चुअल क्लास में पढ़ाई

रायगढ़ के घरघोड़ा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में पदस्थ शिक्षक विजय कुमार पंडा की वर्चुअल क्लास से छात्र-छात्राओं को काफी फायदा हो रहा है. बड़ी संख्या में छात्र इस क्लास से जुड़ रहे है.

study with virtual class
वर्चुअल क्लास को मिल रहा रिस्पांस
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Published : Sep 1, 2020, 11:38 AM IST

Updated : Sep 1, 2020, 2:43 PM IST

रायगढ़: घरघोड़ा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में पदस्थ शिक्षक विजय कुमार पंडा ने कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने के लिए वर्चुअल क्लास की शुरुआत की है. इस वर्चुअल क्लास से पूरे प्रदेश से विद्यार्थी जुड़ रहे हैं. अभी तक 12 हजार 90 छात्रों ने क्लास ज्वॉइन किया है. वर्चुअल क्लास में एक दिन में 3 से 4 क्लास लगाई जाती है. प्रदेश स्तर पर जारी रैंकिंग में इनका स्थान चौथा और जिले स्तर की रैंकिंग में पहला है.

शिक्षक विजय पंडा के वर्चुअल क्लास से स्टूडेंट्स खुश

शिक्षक विजय कुमार पंडा की क्लास में छात्र-छात्राओं की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. छात्राओं ने बताया कि इनके क्लास को ज्वॉइन करने के लिए वे 10 मिनट पहले से ही ऑनलाइन आ जाते हैं. छात्र बताते हैं कि इस क्लास को ज्वॉइन करने के लिए अन्य जिलों के छात्र-छात्राएं भी तैयार रहते हैं. विजय कुमार की एक क्लास में सिर्फ 100 बच्चे ही जुड़ सकते हैं और यही कारण है कि ज्यादा से ज्याद छात्र इनकी क्लास ज्वॉइन करना चाहते हैं. जो छात्र नेटवर्क की समस्या के कारण क्लास नहीं ज्वॉइन कर पाते हैं उन्हें शिक्षक विजय कुमार व्हाट्सएप में नोटस देकर पढ़ाते है. इसके अलावा वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भी पढ़ाई कराई जाती है.

वर्चुअल क्लास में पढ़ते बच्चे
वर्चुअल क्लास में पढ़ते बच्चे

मिल रहा अच्छा रिस्पांस

विजय पंडा केमेस्ट्री के व्यख्याता है, लेकिन ये भौतिकी(PHYSICS) और केमेस्ट्री की वर्चुअल कक्षाओं का अध्यापन कराते है. बेहतर पढ़ाने की वजह से छात्राओं की रुचि इनके कक्षाओं में ज्यादा है, फिलहाल इस कोरोना काल में वर्चुअल क्लास छात्रों के लिए एक वरदान साबित हुआ है. इसके जरिए ग्रामीण परिवेश के छात्रों को लाभ मिल रहा है और वो अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं. छात्रों का कहना है कि उनके गांव में नेटवर्क की समस्या है. इसलिए जहां पर उनको नेटवर्क मिलता है वहीं बैठकर वे इनकी कक्षाओं को अटेंड करते हैं.

पढ़ें: लाउडस्पीकर से पढ़ाई: ध्वनि प्रदूषण के साथ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक!

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पहले सरकार ने पहल की और बच्चों की पढ़ाई के लिए कई विकल्प लाए गए. जो शहरी क्षेत्रों में तो कुछ हद तक कामयाब रहा, लेकिन ग्रामीण अंचलों में लगभग फेल हो गया है. दरअसल, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को मोबाइल और नेटवर्क के साथ मोबाइल डेटा की जरूरत है, जो ग्रामीण अंचल के बच्चों के पास लगभग नहीं के बराबर उपलब्ध हैं. कुछ बच्चों के पास उपलब्ध हैं भी तो नेटवर्क की वजह से उन्हें परेशानियों से का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को लाउडस्पीकर के माध्यम से पढ़ाने की पहल शुरू की है.

रायगढ़: घरघोड़ा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में पदस्थ शिक्षक विजय कुमार पंडा ने कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने के लिए वर्चुअल क्लास की शुरुआत की है. इस वर्चुअल क्लास से पूरे प्रदेश से विद्यार्थी जुड़ रहे हैं. अभी तक 12 हजार 90 छात्रों ने क्लास ज्वॉइन किया है. वर्चुअल क्लास में एक दिन में 3 से 4 क्लास लगाई जाती है. प्रदेश स्तर पर जारी रैंकिंग में इनका स्थान चौथा और जिले स्तर की रैंकिंग में पहला है.

शिक्षक विजय पंडा के वर्चुअल क्लास से स्टूडेंट्स खुश

शिक्षक विजय कुमार पंडा की क्लास में छात्र-छात्राओं की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. छात्राओं ने बताया कि इनके क्लास को ज्वॉइन करने के लिए वे 10 मिनट पहले से ही ऑनलाइन आ जाते हैं. छात्र बताते हैं कि इस क्लास को ज्वॉइन करने के लिए अन्य जिलों के छात्र-छात्राएं भी तैयार रहते हैं. विजय कुमार की एक क्लास में सिर्फ 100 बच्चे ही जुड़ सकते हैं और यही कारण है कि ज्यादा से ज्याद छात्र इनकी क्लास ज्वॉइन करना चाहते हैं. जो छात्र नेटवर्क की समस्या के कारण क्लास नहीं ज्वॉइन कर पाते हैं उन्हें शिक्षक विजय कुमार व्हाट्सएप में नोटस देकर पढ़ाते है. इसके अलावा वीडियो कॉलिंग के माध्यम से भी पढ़ाई कराई जाती है.

वर्चुअल क्लास में पढ़ते बच्चे
वर्चुअल क्लास में पढ़ते बच्चे

मिल रहा अच्छा रिस्पांस

विजय पंडा केमेस्ट्री के व्यख्याता है, लेकिन ये भौतिकी(PHYSICS) और केमेस्ट्री की वर्चुअल कक्षाओं का अध्यापन कराते है. बेहतर पढ़ाने की वजह से छात्राओं की रुचि इनके कक्षाओं में ज्यादा है, फिलहाल इस कोरोना काल में वर्चुअल क्लास छात्रों के लिए एक वरदान साबित हुआ है. इसके जरिए ग्रामीण परिवेश के छात्रों को लाभ मिल रहा है और वो अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं. छात्रों का कहना है कि उनके गांव में नेटवर्क की समस्या है. इसलिए जहां पर उनको नेटवर्क मिलता है वहीं बैठकर वे इनकी कक्षाओं को अटेंड करते हैं.

पढ़ें: लाउडस्पीकर से पढ़ाई: ध्वनि प्रदूषण के साथ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक!

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पहले सरकार ने पहल की और बच्चों की पढ़ाई के लिए कई विकल्प लाए गए. जो शहरी क्षेत्रों में तो कुछ हद तक कामयाब रहा, लेकिन ग्रामीण अंचलों में लगभग फेल हो गया है. दरअसल, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को मोबाइल और नेटवर्क के साथ मोबाइल डेटा की जरूरत है, जो ग्रामीण अंचल के बच्चों के पास लगभग नहीं के बराबर उपलब्ध हैं. कुछ बच्चों के पास उपलब्ध हैं भी तो नेटवर्क की वजह से उन्हें परेशानियों से का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को लाउडस्पीकर के माध्यम से पढ़ाने की पहल शुरू की है.

Last Updated : Sep 1, 2020, 2:43 PM IST
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