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धरमजयगढ़ : दंतैल हाथी का आतंक, मां और बच्ची को पटक-पटक कर उतारा मौत के घाट

एक आकंड़े के अनुसार, धरमजयगढ़ वन मंडल में साल 2005 से अब तक 117 लोगों और 41 हाथियों की जान जा चुकी है.

दंतैल हाथी का आतंक
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Published : Jul 18, 2019, 5:10 PM IST

धरमजयगढ़ : राज्य में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू रेंज अंतर्गत विजय नगर के सुरपारा में सामने आया है. यहां बीती रात को ग्रामीण विमला के घर एक नर दंतैल हाथी आ धमका और जमकर तोड़फोड़ किया.

हाथी ने मां और बच्ची को अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

इस दौरान घर में मौजूद परिजन हड़बड़ाकर इधर-उधर भागने लगे. उसी दौरान विमला अपनी एक साल की बच्ची को गोद में लेकर अंधेरे में भागने लगी, लेकिन इसमें वह कामयाब नहीं हो पाई और हाथी की पकड़ में आ गई. हाथी ने मां और बच्ची को अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

ग्रामीण आक्रोशित
ग्रामीणों के मुताबिक घटना के बाद कापू वन अमले को सूचना देने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन वन अमला शायद गहरी नींद में सोया हुआ था. वन विभाग से संपर्क नहीं होने के बाद ग्रामीणों ने 112 की मदद ली. आखिर में सुबह में वन अमला मौके पर पहुंचा और मृतक मां और बच्ची के परिजनों को अंतिम सहायता राशि के रूप में 50 हजार रुपए दिए.

ग्रामीणों का कहना है कि कापू वन अमले द्वारा गांव में किसी भी तरह की मुनादी नहीं कराई जाती है. वन विभाग की निष्क्रियता और लापरवाही की वजह से मां और बच्ची की जान चली गई.

धरमजयगढ़ : राज्य में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू रेंज अंतर्गत विजय नगर के सुरपारा में सामने आया है. यहां बीती रात को ग्रामीण विमला के घर एक नर दंतैल हाथी आ धमका और जमकर तोड़फोड़ किया.

हाथी ने मां और बच्ची को अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

इस दौरान घर में मौजूद परिजन हड़बड़ाकर इधर-उधर भागने लगे. उसी दौरान विमला अपनी एक साल की बच्ची को गोद में लेकर अंधेरे में भागने लगी, लेकिन इसमें वह कामयाब नहीं हो पाई और हाथी की पकड़ में आ गई. हाथी ने मां और बच्ची को अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

ग्रामीण आक्रोशित
ग्रामीणों के मुताबिक घटना के बाद कापू वन अमले को सूचना देने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन वन अमला शायद गहरी नींद में सोया हुआ था. वन विभाग से संपर्क नहीं होने के बाद ग्रामीणों ने 112 की मदद ली. आखिर में सुबह में वन अमला मौके पर पहुंचा और मृतक मां और बच्ची के परिजनों को अंतिम सहायता राशि के रूप में 50 हजार रुपए दिए.

ग्रामीणों का कहना है कि कापू वन अमले द्वारा गांव में किसी भी तरह की मुनादी नहीं कराई जाती है. वन विभाग की निष्क्रियता और लापरवाही की वजह से मां और बच्ची की जान चली गई.

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रायगढ़/धरमजयगढ़/शेख आलम

स्लग - हाँथी से माँ और मासूम बेटी की मौत ,

एंकर - धरमजयगढ़ वन मण्डल में हाँथी और इंसान के बीच जीवन की जंग लगातार जारी है कहीं इंसान हाँथी पर तो कहीं हाँथी इंसान पर हावि है इंसान और हाँथी की इस लड़ाई में इंसानी जीवन ज्यादा नुक्सान हुआ है ।
एक आकंड़े के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल में 2005 से अब तक हाँथी से 117 लोगों की जान गई है वहीँ क्षेत्र में 41 हाँथीयों की मौत हुई है ।

धरमजयगढ़ वनमंडल के कापू रेंज अंतर्गत विजय नगर के सुरपारा में आज बिती रात एक नर दंतैल हाँथी आ धमका और विमला के घर को निशाना बनाते हुए तोड़ने लगा। हड़बड़ाकर घर में मौजूद परिजन इधर उधर भागने लगे उसी दौरान विमला अपनी एक साल की बच्ची को गोद में लेकर अँधेरे में भागने लगी लेकिन वह भाग न पाई और हाँथी के जद आ गई  फिर क्या था हाँथी सूँड़ से पकड़ उठाकर पटक दिया, मौके पर ही दोनों का करुणान्त हो गया ।
ग्रामीणों की माने तो घटना बाद कापू वन अमला को सूचित करने काफी प्रयास किया गया पर वन अमला शायद गहरी नींद में गाफिल थी उसके बाद  112 का मदद लिया गया । आखिर में सुबह वन अमला मौके पर पहुंचा और मृतक के परिजनों को अंतिम सहायता राशि के रूप 50 हजार रुपए दिया गया।
यहाँ देखा जाए तो वन विभाग की निष्क्रियता ,लापरवाही साफतौर पे नज़र आई है ।
गांववासियों का कहना है कापू वन अमला द्वारा गाँव में हाँथी आमद की मुनादी तक नहीं कराई जाती ।

बाईट (1) मृतिका का पतिConclusion:
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