रायगढ़: आपने कई तरह के भक्त देखे होंगे जो अलग-अलग भगवान को मानते हैं और उन भगवान को खुश रखने के लिए तरह-तरह की कोशिश करते हैं. लेकिन ईटीवी भारत आपको ऐसे शख्स से मिलाने जा रहा है जो पिछले कई दशक से महात्मा गांधी की पूजा करते आ रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं, 82 साल के खेमानिधि पटेल की जो महात्मा गांधी से इतने प्रभावित हैं कि कई सालों से उनकी पूजा करते आ रहे हैं. उनके लिए महात्मा गांधी से बढ़कर कोई दूसरा भगवान नहीं है.
सरिया नगर पंचायत चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित है, जहां पिछले 15 साल से हर दिन खेमानिधि पटेल फूल चढ़ाते हैं. साथ ही गांधी जी की पूजा करने के बाद, वो उनसे देश में अमन और खुशहाली की कामना करते हैं. स्थानीय लोग भी उनसे काफी प्रभावित हैं और कहते हैं कि भक्ति तो कई देखी लेकिन खेमानिधि जैसी गांधी भक्ति कहीं नहीं देखी. आज लोग उन्हें सरिया का गांधी कहते हैं.
खेमानिधि बताते हैं कि वे कभी गांधी जी से प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिले लेकिन उनकी विचारधारा से वे काफी प्रभावित हुए. गांधी जी उनके आदर्श हैं और उन्हीं को भगवान मानकर बीते कई सालों से वे गांधी जी की पूजा करते आ रहे हैं. बीते 15 सालों से वे रोजाना सुबह अपने गांव से साइकिल से नगर पंचायत सरिया के लिए निकलते हैं. सरिया नगर पंचायत उनके गांव से 7 किलोमीटर दूर है. वे हर दिन गांधी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं.
गांधी जी का बनवाया मंदिर
अब खेमानिधि 82 साल के हो चुके हैं, उनका शरीर भी जवाब देने लगा है. बीते 4-5 महीनों से वे साइकिल नहीं चला पा रहे हैं. जिसके चलते वे घर पर ही गांधी जी की तस्वीर पर पुष्पगुच्छ चढ़ा कर उसकी पूजा कर लेते हैं. खेमानिधि बताते हैं कि कई दशक पहले दिल्ली गए थे और वहां पर उन्हें गांधीजी के बारे में पता चला जिसके बाद से वे लगातार उनकी पूजा कर रहे हैं.
गांधी जी के साथ लेते हैं भगवान राम का नाम
स्थानीय लोग खेमानिधि को सरिया का गांधी भी कहते हैं. उन्होंने घर पर गांधी जी का मंदिर बनवाया है. जहां पर गांधी जी की तस्वीर रखी गई है, जिसकी वे हर दिन पूजा करते हैं और भगवान राम का नाम लेते हैं. उनका कहना है कि गांधी जी ने मरते वक्त भगवान राम का नाम लिया था इसलिए वे भी गांधी जी के साथ भगवान राम का नाम लेते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे बीते कई सालों से गांधी जी की मूर्ति की और तस्वीर की पूजा कर रहे हैं. यह अपने आप में अनोखा है क्योंकि लोग जहां आज भगवान को केवल अपने मतलब के लिए याद कर रहे हैं तो वहीं खेमानिधि देश के लिए निस्वार्थ भाव से गांधी जी की पूजा करते हैं और देशभर में अमन चैन की कामना करते हैं.