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कोसमनारा बाबा धाम: कोरोना ने कम किया भक्तों का आना, बिना सैनिटाइजर और चेकिंग के बैन है अंदर जाना

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Published : Jun 19, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 7:33 PM IST

8 जून से देशभर के धार्मिक स्थल खुल गए हैं. इसी कड़ी में रायगढ़ का कोसमनारा बाबा धाम भी खुल गया है. यह धाम लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है. लॉकडाउन से पहले यहां पर हजारों श्रद्धालुओं पहुंचते थे लेकिन अब केवल 30 से 40 श्रद्धालु ही दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

kosamnara baba dham
कोसमनारा बाबा धाम

रायगढ़: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन के कारण देश के सभी धार्मिक स्थल बंद पड़े थे जो अब केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार खोल दिए गए हैं. रायगढ़ जिले में भी लोगों की आस्था का केंद्र है कोसमनारा गांव स्थित बाबा धाम, जहां एक बार फिर भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के डर की वजह से जहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी, वहां बहुत कम भक्त आ रहे हैं.

कोरोना के कारण सूना पड़ा बाबा का दरबार

केंद्र सरकार के आदेश के बाद बीते 8 जून से देशभर में धार्मिक स्थल खोले दिए गए हैं. भक्तजनों को एहतियात बरतते हुए दर्शन करने की अनुमति दी गई है. सभी धार्मिक स्थल में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है. रायगढ़ जिले में लोगों की आस्था का केंद्र कोसमनारा गांव स्थित बाबा धाम में सत्यनारायण बाबा सालों से ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए हैं और उनके दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है. इस धाम में न केवल प्रदेश के लोग बल्कि देश-विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह धाम लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है.

पहले हजारों में पहुंचते थे भक्तजन

लॉकडाउन से पहले यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. मंदिर के ट्रस्टी ने बताया कि पहले पांच से सात हजार श्रद्धालु एक दिन में दर्शन करने पहुंचते थे. लेकिन अब एक दिन में केवल 30 से 40 लोग ही धाम पहुंच रहे हैं. धाम खुलने के पहले दिन करीब 15 श्रद्धालु ही दर्शन करने पहुंचे थे.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना संकट के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग, लेकिन सामाजिक जुड़ाव बढ़ा

इस तरह मिल रहा मंदिर में प्रवेश

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर परिसर में पूरी तरह से तैयारी की गई है. प्रवेश द्वार पर भक्तों को पहले सैनिटाइज किया जाता है, फिर थर्मल स्क्रिनिंग से उनकी जांच की जाती है. एक रजिस्टर भी मेंटेन किया जा रहा है जिसमें आने-जाने वाले लोगों की जानकारी लिखी जाती है. इसके बाद ही लोगों को मंदिर के अंदर प्रवेश मिलता है.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ करना होगा दर्शन

बता दें, मंदिर के अंदर भक्तों के किसी भी वस्तु को छूने पर पूरी तरह से मनाही है. भक्त किसी भी तरह का चढ़ावा मंदिर में नहीं चढ़ा सकते. मंदिर प्रबंधन द्वारा प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जा रहा है. लोगों को बाबा के दूर से ही दर्शन करने की अनुमति है. मंदिर में बिना मास्क के प्रवेश वर्जित है. मंदिर के अंदर एक मीटर की दूरी में गोले में खड़े करके सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है.

भक्तजनों ने कही ये बात

ETV भारत की टीम ने वहां पहुंचे श्रद्धालु से बात की तो उन्होंने बताया कि वे पिछले कई सालों से इस धाम में आ रहे हैं. लेकिन इस बार काफी अंतर देखने को मिल रहा है. पहले मंदिर परिसर में काफी भीड़ रहती थी लेकिन अभी गिनती के लोग ही नजर आ रहे हैं.

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर परिसर में पूरी तरह से नियमों का पालन किया जा रहा है. कोरोना काल में भी भक्त अपनी आस्था के केंद्र में दर्शन करने पहुंच रहे हैं और अपने जीवन में खुशहाली की कामना कर रहे हैं.

रायगढ़: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन के कारण देश के सभी धार्मिक स्थल बंद पड़े थे जो अब केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार खोल दिए गए हैं. रायगढ़ जिले में भी लोगों की आस्था का केंद्र है कोसमनारा गांव स्थित बाबा धाम, जहां एक बार फिर भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के डर की वजह से जहां पैर रखने को जगह नहीं होती थी, वहां बहुत कम भक्त आ रहे हैं.

कोरोना के कारण सूना पड़ा बाबा का दरबार

केंद्र सरकार के आदेश के बाद बीते 8 जून से देशभर में धार्मिक स्थल खोले दिए गए हैं. भक्तजनों को एहतियात बरतते हुए दर्शन करने की अनुमति दी गई है. सभी धार्मिक स्थल में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है. रायगढ़ जिले में लोगों की आस्था का केंद्र कोसमनारा गांव स्थित बाबा धाम में सत्यनारायण बाबा सालों से ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए हैं और उनके दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है. इस धाम में न केवल प्रदेश के लोग बल्कि देश-विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह धाम लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है.

पहले हजारों में पहुंचते थे भक्तजन

लॉकडाउन से पहले यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. मंदिर के ट्रस्टी ने बताया कि पहले पांच से सात हजार श्रद्धालु एक दिन में दर्शन करने पहुंचते थे. लेकिन अब एक दिन में केवल 30 से 40 लोग ही धाम पहुंच रहे हैं. धाम खुलने के पहले दिन करीब 15 श्रद्धालु ही दर्शन करने पहुंचे थे.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना संकट के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग, लेकिन सामाजिक जुड़ाव बढ़ा

इस तरह मिल रहा मंदिर में प्रवेश

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर परिसर में पूरी तरह से तैयारी की गई है. प्रवेश द्वार पर भक्तों को पहले सैनिटाइज किया जाता है, फिर थर्मल स्क्रिनिंग से उनकी जांच की जाती है. एक रजिस्टर भी मेंटेन किया जा रहा है जिसमें आने-जाने वाले लोगों की जानकारी लिखी जाती है. इसके बाद ही लोगों को मंदिर के अंदर प्रवेश मिलता है.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ करना होगा दर्शन

बता दें, मंदिर के अंदर भक्तों के किसी भी वस्तु को छूने पर पूरी तरह से मनाही है. भक्त किसी भी तरह का चढ़ावा मंदिर में नहीं चढ़ा सकते. मंदिर प्रबंधन द्वारा प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जा रहा है. लोगों को बाबा के दूर से ही दर्शन करने की अनुमति है. मंदिर में बिना मास्क के प्रवेश वर्जित है. मंदिर के अंदर एक मीटर की दूरी में गोले में खड़े करके सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है.

भक्तजनों ने कही ये बात

ETV भारत की टीम ने वहां पहुंचे श्रद्धालु से बात की तो उन्होंने बताया कि वे पिछले कई सालों से इस धाम में आ रहे हैं. लेकिन इस बार काफी अंतर देखने को मिल रहा है. पहले मंदिर परिसर में काफी भीड़ रहती थी लेकिन अभी गिनती के लोग ही नजर आ रहे हैं.

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर परिसर में पूरी तरह से नियमों का पालन किया जा रहा है. कोरोना काल में भी भक्त अपनी आस्था के केंद्र में दर्शन करने पहुंच रहे हैं और अपने जीवन में खुशहाली की कामना कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 19, 2020, 7:33 PM IST
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