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रायगढ़: केलो नदी की सफाई के लिए लगाया जाएगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

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Published : Jan 8, 2020, 7:39 PM IST

रायगढ़ की जीवनदयिनी केलो नदी को साफ करने के लिए नदी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा. जिससे नदी के गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर यहां पानी छोड़ा जाएगा.

Sewerage treatment plant will be set up to clean the river Kelo in raigarh
केलो नदी की सफाई का काम तेज

रायगढ़: जिले की जीवनदायिनी कहे जाने वाले केलो नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. शहर का बढ़ता दबाव और औद्योगीकरण नदी को नाला बना रहे हैं. लगातार अभियान चलाए जाने के बाद भी नदी का कोई उद्धार नहीं हो पा रहा जिससे परिवर्तन के लिए अब अधिकारी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर सफाई की बात कह रहे हैं.

केलो नदी की सफाई का काम तेज

पढ़ें- स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के टॉप-10 में शहरों में होगा अपना रायगढ़ !

लगातार अभियान चलाए जाने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं आने के बाद अब अधिकारी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ) लगाकर सफाई करने की बात कह रहे हैं. केलो नदी को बचाने के लिए दो एसटीपी लगाए जाएंगे जिससे उद्योगों से निकलते गंदे पानी और शहर से निकलने वाले गंदे पानी को एकत्रित करके उसकी साफ सफाई की जाएगी. पानी को दोबारा उपयोग के लायक बना कर पानी की समस्या को भी दूर किया जाएगा. एसटीपी लगाने के लिए 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है. प्लांट लगने के बाद देखना होगा कि नदी का कितना उत्थान हो पाता है या नहीं.

रायगढ़: जिले की जीवनदायिनी कहे जाने वाले केलो नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. शहर का बढ़ता दबाव और औद्योगीकरण नदी को नाला बना रहे हैं. लगातार अभियान चलाए जाने के बाद भी नदी का कोई उद्धार नहीं हो पा रहा जिससे परिवर्तन के लिए अब अधिकारी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर सफाई की बात कह रहे हैं.

केलो नदी की सफाई का काम तेज

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लगातार अभियान चलाए जाने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं आने के बाद अब अधिकारी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ) लगाकर सफाई करने की बात कह रहे हैं. केलो नदी को बचाने के लिए दो एसटीपी लगाए जाएंगे जिससे उद्योगों से निकलते गंदे पानी और शहर से निकलने वाले गंदे पानी को एकत्रित करके उसकी साफ सफाई की जाएगी. पानी को दोबारा उपयोग के लायक बना कर पानी की समस्या को भी दूर किया जाएगा. एसटीपी लगाने के लिए 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है. प्लांट लगने के बाद देखना होगा कि नदी का कितना उत्थान हो पाता है या नहीं.

Intro: रायगढ़ की जीवनदायिनी कहे जाने वाले केलो नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। शहर का बढ़ता दबाव और औद्योगीकरण नदी को नाला बना रहे हैं। लगातार अभियान चलाए जाने के बाद भी नदी का कोई उद्धार नहीं हुआ और इसकी जस की तस बनी रही आलम या हो चुका है कि नदी अब बदबूदार नाली बन गई है और जीवनदायिनी नदी खुद समाप्त हो गई है।

byte01 गेदाम, छेत्रिय पर्यावरण अधिकारी।


Body: लगातार अभियान चलाए जाने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं आने के बाद अब अधिकारी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ) लगाकर सफाई करने के बात कह रहे हैं. केलो नदी को बचाने के लिए दो एसटीपी लगाए जाएंगे जिससे उद्योगों से निकलते गंदे पानी और शहर से निकलने वाले गंदे पानी को एकत्रित करके उसका ट्रीटमेंट किया जाएगा और उसी पानी को दोबारा उपयोग के लायक बना कर पानी की समस्या को भी दूर किया जाएगा। ल एसटीपी लगाने के लिए 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है। प्लांट लगने के बाद देखना होगा कि नदी का कितना उत्थान हो पाता है।


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