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SECL बरौद प्रबंधन ने मानी ग्रमीणों की मांग, ग्रामीणों ने ETV भारत को दिया धन्यवाद - raigarh news

रायगढ़ के बरौद कोयला खदान में बरौद सहित अन्य आसपास के किसानों की जमीन को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित किया गया था. साथ ही ग्रामीणों को नौकरी देने की बात कही गई थी. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद अब SECL बरौद प्रबंधन ने उनकी मांग मान ली है.

SECL Barod mines management accepts demand from villagers in RAIGARH
SECL बरौद प्रबंधन ने मानी ग्रमीणों की मांग
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Published : Oct 13, 2020, 9:31 PM IST

रायगढ़ : SECL बरौद कोयला खदान में रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चक्का जाम और अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था. घरघोड़ा मुख्यालय से धरमजयगढ़ मुख्य मार्ग पर स्थित बरौद कोयला खदान में बरौद सहित आसपास के किसानों की जमीन को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. ग्रामीणों ने कई बार SECL प्रबंधन को रोजगार के लिए मांग पत्र दिया था, लेकिन अबतक इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसके कारण SECL बरौद माइंस का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया था. साथ ही ग्रामीणों ने अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए सुबह 10 बजे से ही काम को बंद करा दिया था और अपनी मांगें मनवाने के लिए धरने पर बैठ गए थे.

SECL बरौद प्रबंधन ने मानी ग्रमीणों की मांग

पढ़ें- रायगढ़: SECL बरौद माइंस के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

ग्रामीणों की मांग थी कि स्थानीय लोगों को रोजगार बरौद खुली खदान में ही दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया और उन्हें नौकरी का आश्वासन दिया था, लेकिन आजतक ग्रामीणों को न तो नौकरी मिली न ही मुआवजा. जिसपर आंदोलन स्थल पर प्रशासन के आला अधिकारी और घरघोड़ा थानेदार के समझाइश के बाद भी ग्रामीणों ने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया था. घरघोड़ा थानेदार कृष्णकांत सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SECL के आला अधिकारियों से बातचीत की. जिसके बाद SECL के स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों की मांगें मान ली है.

SECL बरौद खदान को चालू हुए 10 साल से ज्यादा हो चुका है और भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया के इतने समय के बाद भी प्रबंधन की ओर से स्थानीय लोगों को न तो नौकरी मिली न ही मुआवजा मिला है. इस दौरान ग्रामीणों ने ETV भारत को धन्यवाद किया है.

रायगढ़ : SECL बरौद कोयला खदान में रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चक्का जाम और अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था. घरघोड़ा मुख्यालय से धरमजयगढ़ मुख्य मार्ग पर स्थित बरौद कोयला खदान में बरौद सहित आसपास के किसानों की जमीन को कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. ग्रामीणों ने कई बार SECL प्रबंधन को रोजगार के लिए मांग पत्र दिया था, लेकिन अबतक इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसके कारण SECL बरौद माइंस का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया था. साथ ही ग्रामीणों ने अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए सुबह 10 बजे से ही काम को बंद करा दिया था और अपनी मांगें मनवाने के लिए धरने पर बैठ गए थे.

SECL बरौद प्रबंधन ने मानी ग्रमीणों की मांग

पढ़ें- रायगढ़: SECL बरौद माइंस के खिलाफ ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

ग्रामीणों की मांग थी कि स्थानीय लोगों को रोजगार बरौद खुली खदान में ही दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया और उन्हें नौकरी का आश्वासन दिया था, लेकिन आजतक ग्रामीणों को न तो नौकरी मिली न ही मुआवजा. जिसपर आंदोलन स्थल पर प्रशासन के आला अधिकारी और घरघोड़ा थानेदार के समझाइश के बाद भी ग्रामीणों ने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया था. घरघोड़ा थानेदार कृष्णकांत सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SECL के आला अधिकारियों से बातचीत की. जिसके बाद SECL के स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों की मांगें मान ली है.

SECL बरौद खदान को चालू हुए 10 साल से ज्यादा हो चुका है और भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया के इतने समय के बाद भी प्रबंधन की ओर से स्थानीय लोगों को न तो नौकरी मिली न ही मुआवजा मिला है. इस दौरान ग्रामीणों ने ETV भारत को धन्यवाद किया है.

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