रायगढ़: सारंगढ़ अंचल के चंद्रपुर क्षेत्र में हर 1 किलोमीटर में लाल ईंट का भट्ठा संचालित किया जा रहा है. अवैध रूप से ईंट भट्ठों के कारण अवैध उत्खनन जारी है. पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की जा रही है. लाल ईंट के काले कारोबार में कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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क्षेत्र के परंपरागत कुम्हारों को लाल ईंट बनाने की अनुमति दी गई है, लेकिन सारंगढ़ विकासखंड़, बरमकेला, सरिया अंचल और चंद्रपुर में लाल ईंट का कारोबार जारी है. राजस्व विभाग को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है. बिना रॉयल्टी और बिना अनुमति के अवैध उत्खनन किया जा रहा है. गांव के कुम्हारों के नाम पर भट्ठों में लाखों ईंटें पकाई जा रही है.
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ईंट भट्ठों में चोरी का कोयला किया जाता है खपत
लाल ईंट भट्ठे में कोयला डाला जाता है. अधिकांश काम बिना बिल के होता है. कई स्थानों पर चोरी का भी कोयला खपत होता है. लाल ईंट के भट्ठे की आड़ में अवैध कार्यों को संरक्षण दिया जा रहा है.
खनिज विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली
सारंगढ़ खनिज विभाग सरिया और बरमकेला इलाके में लाल ईंट के काले कारोबार पर अंकुश लगाने में विफल साबित हुआ है. खनिज विभाग ने एक साल में एक भी लाल ईंट के भट्ठों पर कार्रवाई नहीं की है. खनिज विभाग की लापरवाही के कारण धड़ल्ले से वनों की कटाई चल रही है.
ईंट भट्ठों में खप रहा चोरी का कोयला !
ईंट के कारोबार में बड़ा हिस्सा छाई कोयला का होता है. यह कोयला उद्योगों के नाम पर निकाला जाता है. अधिकतर कोयला चोरी का होता है. अधिकतर कोयला बिना बिल के लाए जाते हैं. खदानों से बिना टीपी के निकाला जाता है. ईंट भट्ठों के लिए छाई कोयला आसानी से उपलब्ध कराने में माफिया सक्रिय रहते हैं. प्रशासन आंखमूंद कर बैठा है.