रायगढ़: कोरोना काल में लगातार हुए लॉकडाउन की वजह से जिले के राजस्व न्यायालयों में पेंडेंसी लगातार बढ़ रही है. जानकर हैरानी होगी कि जिले के राजस्व न्यायालयों में पेंडिंग केस का आंकड़ा 7200 से भी ज्यादा हो चुका है. पेंडेंसी के ये आंकड़े पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा हैं. अधिकारी स्थिति सामान्य होने पर मामलों के जल्द निपटारे की बात कह रहे हैं.
लॉकडाउन की वजह से बढ़े राजस्व के मामले 7 हजार से ज्यादा पेंडिंग हैं राजस्व संबंधित मामले कोरोना के संक्रमण की वजह से रायगढ़ में राजस्व न्यायालयों में भी केस की सुनवाई प्रभावित हो रही है. जिले के 9 ब्लॉक में नामांतरण और बंटवारे के 7200 से ज्यादा प्रकरण पेंडिंग पड़े हुए हैं. खास बात ये है कि भू-अधिग्रहण में प्रभावित किसानों के मुआवजे के प्रकरण भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. इन किसानों को मार्च महीने में ही जमीन के मुआवजे की राशि का भुगतान होना था. राज्य शासन ने कैंप लगाकर किसानों को मुआवजा राशि वितरण करने के निर्देश दिए थे, लेकिन मार्च महीने के बाद लॉकडाउन लगने की वजह से जिला प्रशासन मुआवजे का वितरण नहीं कर पाया. आलम ये है कि किसान मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इधर अधिकारियों का कहना है कि लगातार छह महीने तक राजस्व न्यायालयों में सुनवाई नहीं हो रही थी, इस वजह से पेंडेंसी बढ़ी है. मुआवजा वितरण के लिए शिविर लगाया जाना प्रस्तावित है, लेकिन कोविड की गाइडलाइन की वजह से इसमें दिक्कतें हो रही हैं. अधिकारियों का यह भी कहना है कि किसानों को मुआवजा राशि का चेक राजस्व अधिकारियों की मदद से क्रमशः वितरण करने की व्यवस्था की जा रही है. पढ़ें- बिलासपुर: सिरगिट्टी इंडस्ट्रियल एरिया के पुट्ठा कंपनी में लगी भीषण आग, धू-धू कर जला सारा सामान
स्थिति सामान्य होने पर शिविर लगाकर करेंगे मामले का निपटारा
अधिकारी का कहना है कि लगातार हुए लॉकडाउन की वजह से कोविड के नियमों का पालन करते हुए आम लोगों को दफ्तरों में आने से रोका गया था. शासन के निर्देशानुसार अब मामले में धीरे-धीरे फैसले लिए जा रहे हैं. जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, उसके बाद जहां पर केस अधिक हैं, वहां शिविर लगाकर उनका निपटारा किया जाएगा.