रायगढ़ : कांग्रेस ने लगातार रद्द हो रही यात्री ट्रेनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है.कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार रेलवे का निजीकरण करने के मकसद से यात्री ट्रेनों को रद्द कर रही है. कांग्रेस नेता अभय नारायण ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार को घेरा.अभय नारायण के मुताबिक भारतीय रेल आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का साधन था.लेकिन अब रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में देने की प्लानिंग चल रही है.
बिना किसी कारण के ट्रेनें हुई रद्द : बिना कोई कारण बताए, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है. जबकि बिलासपुर जोन पूरे देश में सबसे अधिक माल वाहन ट्रेनों के जरिए माल ढुलाई से कमाई करके देती है. जो लगभग 20 से 22 हजार करोड़ रुपए है. केंद्र की मोदी सरकार ने रेलवे यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी किया है. ऐसे में जिन लोगों ने महीनों पहले ट्रेनों में रिजर्वेशन करा रखा था,अचानक ट्रेनें कैंसिल होने पर उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है.
''यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है. कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है. ताकि लोग रेलवे से ऊब जाए और रेल को भी पीएम मोदी अपने उद्योगपति मित्रों के हवाले कर सके. मोदी सरकार ने रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर, इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है.ताकि रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके.'' अभय नारायण, प्रवक्ता कांग्रेस
कब कितनी यात्री ट्रेनें हुईं रद्द ? : अभय नारायण के मुताबिक आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार साल 2020 में 32,757 ट्रेनें कैंसिल की गई. वर्ष 2021 में 32,151 ट्रेनें रद्द की हुई. पिछले साढ़े तीन साल में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया. वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें कैंसिल की गई. वर्ष 2023 में (अप्रैल माह तक) 208 ट्रेनें रद्द की गई है. वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त 2023 के अंतिम महीने तक रद्द की गयी है.लेकिन इस बारे में एक भी बीजेपी नेता या सांसद ने मुंह नहीं खोला है. जबकि कांग्रेस के सांसद और खुद सीएम भूपेश बघेल ने कई बार रेलवे को पत्र लिखकर यात्री ट्रेनों को रद्द नहीं करने की गुजारिश की है.
"बीजेपी राज में रेलवे का सफर महंगा हुआ" : कांग्रेस की मानें तो बीजेपी राज में रेलवे में मिलने वाली बुजुर्गो की छूट को भी खत्म कर दिया गया. किराए में बेतहाशा वृद्धि, प्लेटफार्म टिकट में कई गुना वसूली की गई है. जिससे आम लोग बेहद परेशान हैं. छत्तीसगढ़ के लाखों रेल यात्री, छोटे कामगार, नौकरीपेशा, छात्र छात्राएं स्टेशन के कुली और ऑटो चालकों की समस्या पर बीजेपी के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है.