रायगढ़: छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिला उद्योग से अपनी अलग पहचान बना रहा है, लेकिन इन उद्योगों के बड़े-बड़े कारखानों से निकलने वाली धूल, धुआं और गंदा पानी यहां रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. रायगढ़ के कोसमपाली स्थित जिंदल पावर प्लांट से हजारों लीटर पानी को बिना ट्रीटमेंट के ही गांव के हजारों सैकड़ों एकड़ खेत में छोड़ा जा रहा है. इसकी वजह से किसानों की खेती बंजर हो रही है.
किसानों के लिए प्लांट का गंदा पानी मुसीबत बन गया है. मामले की जानकारी देने पर क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने कहा कि इसकी जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी.
खेतो में जा रहा प्लांट का गंदा पानी
दरअसल रायगढ़ जिले के कोसमपाली गांव में जिंदल ने अपना उद्योग लगाया है और इसके लिए गांव से सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदा है. उद्योग शुरू होने के बाद से सारा गंदा पानी सीधे किसानों के खेतों में छोड़ दिया जा रहा है. इससे खेतों के ऊपर कोयले की काली परत जम रही है और जमीन बंजर होती जा रही है.
'कंपनी प्रबंधन पर की जाएगी कार्रवाई'
जब इस परेशानी की जानकारी पर्यावरण अधिकारी को जानकारी दी गई तब उनका कहना है कि बिना ट्रीटमेंट के कोई भी उद्योग पानी को खुले में नहीं छोड़ सकता. उद्योग को वाटर ट्रीटमेंट करके उसका रीयूज करना होता है, अगर इस तरह की अनियमितता जिंदल प्रबंधन कर रहा है, तो कंपनी प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी.
जिले के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के कोसमपाली ग्राम पंचायत में जिंदल ग्रुप ने उद्योग लगाया है. इस उद्योग से आसपास के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ग्रुप ने कुछ गांवों को गोद भी लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने भी दिखाए थे. हाल ही में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि कंपनी ने गांव को गोद लेने के साथ ही मूलभूत सुविधा के साथ इसे स्मार्ट गांव बनाने के सपने दिखाए थे. वहीं शहर की केलो नदी को गंदा कर छोड़ दिया. यही कारण है कि गांव में अनियमितता दिखाई दे रही है. इसके साथ ही किसान भी परेशान हैं.