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रायगढ़: फर्जी तरीके से टेंडर पास करने पर PHE के पूर्व ईई को 4 साल की सजा

रायगढ़: जिला एवं सत्र न्यायालय ने बीते दिनों साल 2014 में फर्जी तरीके से टेंडर पास करने के मामले में पीएचई के पूर्व पदस्थ ईई केएस करसोलिया को 4 साल की सजा, एक लाख रुपए का जुर्माना और साथ ही घोटाले में साथी ठेकेदार को 2 साल की सजा सुनाई है.

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Published : Feb 15, 2019, 10:46 PM IST

ईई केएस करसोलिया

दरअसल, साल 2014 में रायगढ़ में पदस्थापना के दौरान करसोलिया पर टेंडर घोटाले के आरोप लगे थे. आरोपी 22 लाख रुपए के एक टेंडर का नंबर बदलकर फर्जी तरीके से निर्माण करा रहा था. मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच की गई, तब पता चला कि ईई ने 12845 नंबर से टेंडर अंकित किया था, लेकिन 20 जुलाई 2014 को एक अखबार में जारी 22 लाख के टेंडर में वह नंबर ही नहीं था.

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जांच में पता चला कि टेंडर फर्जी तरीके से छुपाया गया था और इसमें ठेकेदार की भी मिलीभगत है. पूरे मामले में अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.
जल प्रदाय योजना के तहत लगभग 22 लाख रुपए का टेंडर जारी करने के लिए रायपुर जनसंपर्क कार्यालय भेजना था, लेकिन अपने पसंद के ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ईई ने जनसंपर्क कार्यालय में टेंडर भेजा ही नहीं. जनसंपर्क अधिकारी की फर्जी मुहर लगाकर और फर्जी कागजात की कटिंग देकर सुधीर पटेल को दे दिया.
दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 467 468, 471 के तहत दो-दो साल की सजा सुनाई है. मामले में विभाग के बाबू सुखलाल साहू के ऊपर भी केस चल रहा था. इसमें उसे दोषमुक्त कर दिया गया है.

दरअसल, साल 2014 में रायगढ़ में पदस्थापना के दौरान करसोलिया पर टेंडर घोटाले के आरोप लगे थे. आरोपी 22 लाख रुपए के एक टेंडर का नंबर बदलकर फर्जी तरीके से निर्माण करा रहा था. मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच की गई, तब पता चला कि ईई ने 12845 नंबर से टेंडर अंकित किया था, लेकिन 20 जुलाई 2014 को एक अखबार में जारी 22 लाख के टेंडर में वह नंबर ही नहीं था.

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जांच में पता चला कि टेंडर फर्जी तरीके से छुपाया गया था और इसमें ठेकेदार की भी मिलीभगत है. पूरे मामले में अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.
जल प्रदाय योजना के तहत लगभग 22 लाख रुपए का टेंडर जारी करने के लिए रायपुर जनसंपर्क कार्यालय भेजना था, लेकिन अपने पसंद के ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ईई ने जनसंपर्क कार्यालय में टेंडर भेजा ही नहीं. जनसंपर्क अधिकारी की फर्जी मुहर लगाकर और फर्जी कागजात की कटिंग देकर सुधीर पटेल को दे दिया.
दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 467 468, 471 के तहत दो-दो साल की सजा सुनाई है. मामले में विभाग के बाबू सुखलाल साहू के ऊपर भी केस चल रहा था. इसमें उसे दोषमुक्त कर दिया गया है.
Intro:. रायगढ़, टेंडर घोटाला में पीएचई के पूर्व पदस्थ ईई केएस करसोलिया को 4 साल की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना साथ ही घोटाले में साथी ठेकेदार को भी हुई 2 साल की सजा. दरअसल रायगढ़ जिला एवं सत्र न्यायालय ने बिते गुरुवार को साल 2014 में फर्जी तरीके से टेंडर पास करने के मामले में यह सुनवाई की जिसमें अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे ने 4 साल की सजा एवं 1 लाख का अर्थदंड व ठेकेदार को भी 2 साल की सजा सुनाई।

विसुअल मेल में PHE VIBHAG KE ADHIKARI KO SAJA


Body:. रायगढ़ जिले में पीएचई विभाग में पूर्व पदस्थ ईई करण सिंह करसोलिया को कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई है करसोलिया पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। दरअसल ईई के साथ ठेकेदार सुधीर पटेल को भी 2 साल की सजा कोर्ट ने सुनाई है। । पूरा मामला टिंडर घोटाले का है। दरअसल साल 2014 में रायगढ़ में पदस्थापना के दौरान करसोलिया पर टेंडर घोटाले के आरोप लगे थे कर सोनिया ने 22 लाख रुपए का एक टेंडर जी नंबर बदलकर फर्जी तरीके से निर्माण कराया था मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच की गई तो पता चला कि 20 जुलाई 2014 को एक अखबार में जारी 22 लाख के टेंडर में ईई ने जो जी नम्बर 12845 अंकित किया था उस स्थिति में उस अखबार में टेंडर जारी नहीं हुआ मामले की जांच में पता चला कि टेंडर फर्जी तरीके से छुपाया गया था और इसमें ठेकेदार की भी मिलीभगत है पूरे मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी गुरुवार को कोर्ट ने मामले में दोनों को दोषी पाते हुए करसोलिया को 4 साल की सजा एवं 1 लाख का अर्थदंड व ठेकेदार सुधीर पटेल को 2 साल की सजा सुनाई है।


Conclusion:. जल प्रदाय योजना के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने लगभग 22 लाख रुपए का टेंडर जारी करने के लिए रायपुर जनसंपर्क कार्यालय भेजना था मगर अपने पसंद के ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ईई ने जनसंपर्क कार्यालय में टेंडर भेजा ही नहीं जनसंपर्क अधिकारी की फर्जी मुहर लगाकर और अखबार के 20 जुलाई 2014 के अंक में प्रकाशित फर्जी पेपर की कटिंग देकर सुधीर पटेल को दे दिया। करसोलिया और ठेकेदार सुधीर पटेल को आईपीसी की धारा 120 बी 420, 467 468, 471 के तहत दो-दो साल की सजा सुनाई है मामले में विभाग के बाबू सुखलाल साहू के ऊपर भी केस चल रहा था जिसमें सुकलाल को दोषमुक्त किया गया।
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