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'हमारी जमीन पर अगर हाथियों को बसाएंगे, तो हम कहां जाएंगे हुजूर'

रायगढ़ के धरमजयगढ़ वनमंडल के ग्राम पोरिया, बोरो, क्रिन्धा, और नेवार को लेमरू हाथी कॉरिडोर में शामिल किया गया है. जिसके लिए वन विभाग ने ग्रामीणों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग गई है, लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

लेमरु हाथी रिजर्व के लए आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे ग्रामीण
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Published : Oct 13, 2019, 5:36 PM IST

Updated : Oct 13, 2019, 6:55 PM IST

रायगढ़: छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए, लेमरू एलिफेंट रिजर्व बनाने का ऐलान किया गया है, ताकि हाथियों को एक जगह संरक्षित कर इंसान और हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष को रोका जा सके.

लेमरु हाथी रिजर्व के लए आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे ग्रामीण

धरमजयगढ़ वनमंडल के तहत ग्राम पोरिया, बोरो, क्रिन्धा, और नेवार को लेमरू हाथी कॉरिडोर में शामिल किया गया है. जिसके लिए वन विभाग की ओर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग गई है, लेकिन गांववाले इसका विरोध कर रहे हैं.

तहसील कार्यालय पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण
बता दें कि सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण दावा आपत्ति दर्ज कराने धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय पहुंचे थे. यहां लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए ग्रामीणों ने कहा कि 'हमारे पास इसके अलावा और कोई जमीन नहीं है. अगर इसे जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए ले लिया जाएगा, तो हमें जीवन यापन करने में भारी संकट का सामना करना पडेगा'.

128 परिवार होंगे प्राभावित
गौरतलब है कि तहसील कार्यालय से 25 सितंबर को जारी इश्तेहार में उल्लेख था कि प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण के लिए धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू, बोरो वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वन भूमि एवं राजस्व भूमि प्रस्तावित की गई थी. परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पोरिया गांव के 128 परिवार के कुल 648 लोग इससे प्रभावित होंगे.

रोजी-रोजी के लिए खड़ी होगी समस्या
गांववालों का कहना है, 'अगर हाथी कॉरिडोर का निर्माण होता है तो यह हमारे लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी. सरकार इस पर क्या मुआवजा देगी ये भी साफ नहीं है'. ग्रामीणों का यह भी कहना कि 'हम इस स्थान पर खेती करते हैं और इससे हमें अधिक मुनाफा मिलता है. इस लिए हम इसे नहीं गांवना चाहते हैं. इसी के लिए आपत्ति दर्ज कराने के लिए तहसीलदार के पास आए हैं, ताकि प्रशासन हमारी आपत्ति पर विचार करते हुए पोरिया, क्रिन्धा, बोरो, एवं नेवार को हाथी रिजर्व एरिया से बाहर करें'.

रायगढ़: छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए, लेमरू एलिफेंट रिजर्व बनाने का ऐलान किया गया है, ताकि हाथियों को एक जगह संरक्षित कर इंसान और हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष को रोका जा सके.

लेमरु हाथी रिजर्व के लए आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे ग्रामीण

धरमजयगढ़ वनमंडल के तहत ग्राम पोरिया, बोरो, क्रिन्धा, और नेवार को लेमरू हाथी कॉरिडोर में शामिल किया गया है. जिसके लिए वन विभाग की ओर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग गई है, लेकिन गांववाले इसका विरोध कर रहे हैं.

तहसील कार्यालय पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण
बता दें कि सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण दावा आपत्ति दर्ज कराने धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय पहुंचे थे. यहां लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए ग्रामीणों ने कहा कि 'हमारे पास इसके अलावा और कोई जमीन नहीं है. अगर इसे जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए ले लिया जाएगा, तो हमें जीवन यापन करने में भारी संकट का सामना करना पडेगा'.

128 परिवार होंगे प्राभावित
गौरतलब है कि तहसील कार्यालय से 25 सितंबर को जारी इश्तेहार में उल्लेख था कि प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण के लिए धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू, बोरो वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वन भूमि एवं राजस्व भूमि प्रस्तावित की गई थी. परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पोरिया गांव के 128 परिवार के कुल 648 लोग इससे प्रभावित होंगे.

रोजी-रोजी के लिए खड़ी होगी समस्या
गांववालों का कहना है, 'अगर हाथी कॉरिडोर का निर्माण होता है तो यह हमारे लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी. सरकार इस पर क्या मुआवजा देगी ये भी साफ नहीं है'. ग्रामीणों का यह भी कहना कि 'हम इस स्थान पर खेती करते हैं और इससे हमें अधिक मुनाफा मिलता है. इस लिए हम इसे नहीं गांवना चाहते हैं. इसी के लिए आपत्ति दर्ज कराने के लिए तहसीलदार के पास आए हैं, ताकि प्रशासन हमारी आपत्ति पर विचार करते हुए पोरिया, क्रिन्धा, बोरो, एवं नेवार को हाथी रिजर्व एरिया से बाहर करें'.

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शेख आलम/धरमजयगढ़/रायगढ़/छत्तीसगढ़ ।

स्लग - लेमरु एलिफेंट कॉरिडोर का विरोध

एंकर - छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जंगली हाथियों के सुरक्षा के लिए, लेमरू हाँथी कॉरिडोर घोषित किया गया है, ताकि हाँथियों को संरक्षित किया जा सके, धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत ग्राम पोरिया, बोरो, क्रिन्धा, और नेवार को लेमरू हाथी कॉरिडोर में शामिल किया गया है जिसके लिए वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र मांग किया गया है लेकिन ग्रामवासी इसका विरोध कर रहे हैं।
सैकड़ों कि तादाद में गाँववासी धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय पहुंच कर दावापत्ति दर्ज कराएँ हैं । 

लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए ग्रामीणों ने कहा हमारे पास इसके अलावा और कोई भूमि नहीं है। अगर इस भूमि को जंगली हाथी के सुरक्षा के लिए ले लिया जाएगा तो हमे जीवन यापन करने में भारी संकट का सामना करना पडेगा । 

बता दें, तहसील कार्यालय से 25 सितंबर को जारी ईश्तहार में उल्लेख किया गया है कि प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण हेतु धरमजयगढ़ वन मंडल के, कापू, बोरो वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वन भूमि एवं राजस्व भूमि प्रस्तावित किया गया है प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व निर्माण हेतु धरमजयगढ़ अनुविभागीय अंतर्गत प्रभावित होने वाले राजस्व वन भूमि को लेमरू हाथी रिजर्व क्षेत्र में शामिल किये जाने हेतु स्थल जांच उपरांत अनापत्ति प्रमाण प्रदाय करने संबंध में जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है। बोरो परिक्षेत्र अंतर्गत पोरिया गांव के 128 परिवार के कुल जनसंख्या 648  इस परियोजना से प्रभावित होंगे। प्रभावित गांववासियों को कहना है,अगर हाथी कॉरिडोर का निर्माण होता है तो हमारे लिए परेशानी का शबब बन जाएगा,कृषि योग्य भूमि हमसे छीन जायेगी सरकार कितना क्या मुआवजा देगी ये भी स्पष्ट नहीं है लेकिन ये जरूर साफ़ है की हमे फिर से शायद कृषि लायक ज़मीन न मिल पाए, इसलिए हम अपना जमीन नहीं देंगे, इसी के लिए आपत्ति दर्ज करवाने तहसीलदार के पास आये हैं ताकि हमारी आपत्ति पर विचार करते हुए पोरिया, क्रिन्धा, बोरो, एवं नेवार को हाथी रिजर्व एरिया से बाहर करें।


बाईट(1) प्रभावित ग्रामवासी अनिल तिर्की ।

बाईट(2) नाथूराम ग्रामवासी ।

बाईट (3) नेपाल यादव ग्रामीण ।

बाईट(4) संतोषी राठिया ग्रामीण महिला ।

बाईट (5) फुलको तिग्गा ग्रामीण महिला ।



Conclusion:
Last Updated : Oct 13, 2019, 6:55 PM IST
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