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रायगढ़: धान संग्रहण केंद्रों में नहीं है पर्याप्त बोरी, अन्नदाता को हो सकता है नुकसान

रायगढ़ के धान संग्रहण केंद्रों में अभी तक पर्याप्त बरदाना नहीं हैं, जिससे आने वाले समय में जब धान खरीदी होगी, तो अन्नदाताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है जबकि विभाग व्यवस्था ठीक करने की बात कह रहा है.

धान संग्रहण केंद्रों में नहीं है पर्याप्त बोरी
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Published : Nov 11, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 9:22 PM IST

रायगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशभर में एक दिसंबर से धान की खरीदी करेगी. ऐसे में धान खरीदी के लिए किसान और मंडी समितियों को जूट की बोरी (बरदाना) की जरूरत पड़ेगी, लेकिन धान खरीदी के कुछ ही दिन बचे हैं और अब तक जिला खाद्य विभाग 50 प्रतिशत बरदाना की भी पूर्ति नहीं कर पाया है.

धान संग्रहण केंद्रों में नहीं है पर्याप्त बोरी

दरअसल, रायगढ़ जिले में साल 2018-19 में 46 लाख 31 हजार टन से भी अधिक की धान खरीदी हुई थी. धान खरीदी के लिए बरदाना की कमी सभी धान संग्रहण केंद्रों से सामने आई थी, जिस वजह से खुले में रखे धान नुकसान हो गया था. अब ऐसे में विभाग अभी तक 50 प्रतिशत भी बरदाना पूरी नहीं कर पाया है.

अन्नदाता को हो सकता है नुकसान
बता दें कि रायगढ़ जिले में इस साल लगभग 15 हजार किसान बढ़कर पंजीयन कराए हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अव्यवस्थाओं के बीच अन्नदाता को भारी नुकसान हो सकता है.

पीडीएस को किया गया आदेशित
वहीं जिला खाद्य विभाग अधिकारी राठिया का कहना है कि अभी तक लगभग 45% बरदाना की व्यवस्था हो पाई है, जबकि बाकी बरदाना के लिए राइसमिलर और पीडीएस को आदेशित किया गया है.

रायगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशभर में एक दिसंबर से धान की खरीदी करेगी. ऐसे में धान खरीदी के लिए किसान और मंडी समितियों को जूट की बोरी (बरदाना) की जरूरत पड़ेगी, लेकिन धान खरीदी के कुछ ही दिन बचे हैं और अब तक जिला खाद्य विभाग 50 प्रतिशत बरदाना की भी पूर्ति नहीं कर पाया है.

धान संग्रहण केंद्रों में नहीं है पर्याप्त बोरी

दरअसल, रायगढ़ जिले में साल 2018-19 में 46 लाख 31 हजार टन से भी अधिक की धान खरीदी हुई थी. धान खरीदी के लिए बरदाना की कमी सभी धान संग्रहण केंद्रों से सामने आई थी, जिस वजह से खुले में रखे धान नुकसान हो गया था. अब ऐसे में विभाग अभी तक 50 प्रतिशत भी बरदाना पूरी नहीं कर पाया है.

अन्नदाता को हो सकता है नुकसान
बता दें कि रायगढ़ जिले में इस साल लगभग 15 हजार किसान बढ़कर पंजीयन कराए हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अव्यवस्थाओं के बीच अन्नदाता को भारी नुकसान हो सकता है.

पीडीएस को किया गया आदेशित
वहीं जिला खाद्य विभाग अधिकारी राठिया का कहना है कि अभी तक लगभग 45% बरदाना की व्यवस्था हो पाई है, जबकि बाकी बरदाना के लिए राइसमिलर और पीडीएस को आदेशित किया गया है.

Intro:पूरे प्रदेश में दिसंबर के 1 तारीख से ही धान खरीदी शुरू होने वाली है ऐसे में धान खरीदी के लिए किसानों और मंडी समितियों को जूट के बोरी की जरूरत पड़ती है। जूठ के इन बोरियों को ही बरदाना कहा जाता है। जिले में धान खरीदी के लिए कुछ दिन ही बचे हैं और अब तक जिला खाद्य विभाग 50% बरदाना की पूर्ति भी नहीं कर पाई है।

Byte01 जीपी राठिया, जिला खाद्य अधिकारी।
Body:बता दे रायगढ़ जिले में 2018-19 में 46 लाख 31 हजार टन से भी अधिक की धान खरीदी हुई थी। धान खरीदी के लिए बरदाना की कमी सभी संग्रहण केंद्रों से सामने आई थी, जिस वजह से खुले में रखे धान के नुकसान हुआ था। 2019-20 के लिए धान खरीदी दिसंबर महीने में शुरू होने वाली है और अब तक खाद्य विभाग 50% बरदाना की पूर्ति नहीं कर पाई है। जबकि इस साल लगभग 15 हजार किसान बढ़कर पंजीयन कराए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अव्यवस्थाओं के बीच अन्नदाता को भारी नुकसान हो सकता है।

जिला खाद्य अधिकारी राठिया का कहना है कि अभी तक लगभग 45% बरदाना की व्यवस्था हो पाई है जबकि शेष बरदाना के लिए राइस मिलर और पीडीएस को आदेशित कर दिया गया है।Conclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 9:22 PM IST
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