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बोनस की घोषणा के बाद किसानों की संख्या बढ़ी, जबकि खेती का रकबा हुआ कम - धान खरीदी

2018- 19 में बढ़ी कीमतों के साथ कांग्रेस सरकार में धान खरीदी की घोषणा की गई थी,वहीं धान खरीदी के लिए पंजीयन चल रहा है. जहां तीन हजार 22 नए किसानों ने पंजीयन कराया है.

किसानों की संख्या बढ़ी
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Published : Oct 13, 2019, 8:16 PM IST

रायगढ़: कांग्रेस सरकार की ओर से धान का बोनस देने की घोषणा के कारण इस बार भी समर्थन मूल्य में धान खरीदा जाना है. 2018-19 में बढ़ी कीमतों के साथ कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी की घोषणा की थी. जिले में किसानों का पंजीयन कराया जा रहा है, जिसमें किसानों की संख्या बढ़ी है जबकि खेती का रकबा कम हुआ है. वहीं इस साल भी धान खरीदी नवंबर से शुरू होने वाली है.

नवंबर में होने वाली धान खरीदी के लिए पंजीयन चल रहा है. इस बार किसानों की संख्या और रकबा दोनों में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है. पिछले साल धान खरीदी के लिए जिले में जहां 82 हजार 648 किसानों ने 1 लाख 43 हजार 165 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन कराया था.

किसानों की संख्या बढ़ी

वहीं इस बार सितंबर से पंजीयन का जो काम शुरू हुआ है, वो 31 अक्टूबर तक चलना है. फिलहाल की स्थिति पर गौर किया जाए तो 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया है. तो वहीं तीन हजार 22 नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. इन किसानों के नाम से करीब 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन किया गया है.

किसानों के बढ़ी संख्या को लेकर अधिकारी का कहना है कि 'जिले में किसानों को वन पट्टा मिला है. इस कारण भी किसानों की संख्या बढ़ी है. वहीं फर्जी किसानों के पंजीयन को लेकर उनका कहना है कि' उनकी भी जांच की जा रही है कि कोई गलत पंजीयन न करा ले'.

रायगढ़: कांग्रेस सरकार की ओर से धान का बोनस देने की घोषणा के कारण इस बार भी समर्थन मूल्य में धान खरीदा जाना है. 2018-19 में बढ़ी कीमतों के साथ कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी की घोषणा की थी. जिले में किसानों का पंजीयन कराया जा रहा है, जिसमें किसानों की संख्या बढ़ी है जबकि खेती का रकबा कम हुआ है. वहीं इस साल भी धान खरीदी नवंबर से शुरू होने वाली है.

नवंबर में होने वाली धान खरीदी के लिए पंजीयन चल रहा है. इस बार किसानों की संख्या और रकबा दोनों में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है. पिछले साल धान खरीदी के लिए जिले में जहां 82 हजार 648 किसानों ने 1 लाख 43 हजार 165 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन कराया था.

किसानों की संख्या बढ़ी

वहीं इस बार सितंबर से पंजीयन का जो काम शुरू हुआ है, वो 31 अक्टूबर तक चलना है. फिलहाल की स्थिति पर गौर किया जाए तो 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया है. तो वहीं तीन हजार 22 नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. इन किसानों के नाम से करीब 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन किया गया है.

किसानों के बढ़ी संख्या को लेकर अधिकारी का कहना है कि 'जिले में किसानों को वन पट्टा मिला है. इस कारण भी किसानों की संख्या बढ़ी है. वहीं फर्जी किसानों के पंजीयन को लेकर उनका कहना है कि' उनकी भी जांच की जा रही है कि कोई गलत पंजीयन न करा ले'.

Intro:2018 19 मैं बड़े कीमतों के साथ कांग्रेस सरकार में धान खरीदी। इस साल भी धान खरीदी नवंबर से शुरू होने वाला है।कांग्रेस सरकार द्वारा धान के बोनस की घोषणा करने के कारण इस बार भी समर्थन मूल्य में धान विक्रय होना है। इसलिए जिले में किसानों का पंजीयन कराया जा रहा है जिसमें किसानों की संख्या बढ़ी है जबकि खेती का रकबा कम हुआ है।

byte01 जीपी राठिया जिला खाद्य अधिकारी।


Body: नवंबर में होने वाले धान खरीदी के लिए चल रहे पंजीयन की स्थिति देखते हुए इस बार किसानों की संख्या और रकबा दोनों में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है। पिछले साल धान खरीदी के लिए जिले में जहां 82हजार 648 किसानों ने 1 लाख 43 हजार 165 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन कराया था इस बार सितंबर से शुरू हुए पंजीयन 31 अक्टूबर तक चलना है लेकिन अभी भी स्थिति पर गौर किया जाए तो 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया है तो वहीं तीन हजार 22 किसानों का पंजीयन नया हुआ है। इन किसानों के नाम से करीब 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन किया गया है।




Conclusion:किसानों के बढ़े संख्या को लेकर अधिकारी का कहना है कि जिले में किसानों को वन पट्टा मिला है इस कारण भी किसानों की संख्या बढ़ी है। फर्जी किसान के पंजीयन को लेकर कहना है कि उनकी भी जांच की जा रही है कि कोई गलत पंजीयन न करा लें।
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