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रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही, सिकलीन के मरीज को डेंगू वार्ड में रखा - सिकलीन

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों ने सिकलीन के मरीज को डेंगू वार्ड में शिफ्ट किया है.

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही
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Published : Sep 22, 2019, 7:22 PM IST

Updated : Sep 22, 2019, 7:40 PM IST

रायगढ़: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, परिजनों ने सिकलीन के मरीज को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया था, लेकिन डॉक्टरों ने सिकलीन के मरीज को डेंगू वार्ड में शिफ्ट कर दिया.

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही

पढ़ें : SPECIAL: खेती की जमीन को खोखला कर रहा है 'काला जहर', प्रशासन बेखबर

बता दें कि डेंगू मच्छरों से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है और ऐसे बीमारी से ग्रसित लोगों के बीच सिकलीन के मरीज को रखना उसके जान के साथ खिलवाड़ है, लेकिन शासकीय अस्पताल में किसी को कोई परवाह नहीं है.

डॉक्टरों की लापरवाही
परिजनों का कहना है कि 'हमारी बिटिया की हालत खराब थी, जिसके वजह से हमने अस्पताल वालों की बात मान लिया था, लेकिन अब सवाल? ये उठता है कि इतने खतरनाक बीमारी वाले वार्ड में सिकलीन के मरीज को डॉक्टर कैसे रख सकते हैं.

रायगढ़: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, परिजनों ने सिकलीन के मरीज को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया था, लेकिन डॉक्टरों ने सिकलीन के मरीज को डेंगू वार्ड में शिफ्ट कर दिया.

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही

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बता दें कि डेंगू मच्छरों से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है और ऐसे बीमारी से ग्रसित लोगों के बीच सिकलीन के मरीज को रखना उसके जान के साथ खिलवाड़ है, लेकिन शासकीय अस्पताल में किसी को कोई परवाह नहीं है.

डॉक्टरों की लापरवाही
परिजनों का कहना है कि 'हमारी बिटिया की हालत खराब थी, जिसके वजह से हमने अस्पताल वालों की बात मान लिया था, लेकिन अब सवाल? ये उठता है कि इतने खतरनाक बीमारी वाले वार्ड में सिकलीन के मरीज को डॉक्टर कैसे रख सकते हैं.

Intro:रायगढ़ जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू के वार्ड में स्क्रीन के मरीज को एडमिट करने का मामला सामने आया है। दरअसल परिजनों का कहना है कि अन्य वार्ड में जगह ना होने की वजह से डाक्टर ने उन्हें डेंगू मरीजों के वार्ड में खने के लिए कहा।

byte1 मरीज के परिजन


Body:। बता दें कि डेंगू मच्छरों से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है और ऐसे बीमारी से ग्रसित लोगों के बीच सिकलिन के मरीज को रखना उसके जान के साथ खिलवाड़ है क्योंकि शरीर में खून की मात्रा सामान्य से कम हो तब उसकी स्थिति को सिकलिन कहा जाता है और डेंगू के प्रभाव में आने से यह और बदतर हो सकती है यही वजह है कि डेंगू के मरीजों को अन्य मरीजों से दूर रखा जाता है शासकीय अस्पताल में किसी की कोई परवाह नहीं है डॉक्टरों ने शिफ्ट करा दिया। परिजनों का कहना है कि हमारी बिटिया की हालत खराब थी यही वजह है कि हमने अस्पताल वालों की बातों को माना लेकिन अब हमारी बेटी ठीक है उसको इस वार्ड में नहीं रखेंगे और छुट्टी चाहते हैं।


Conclusion:
Last Updated : Sep 22, 2019, 7:40 PM IST
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