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रायगढ़: सड़कों पर दिखी मजदूरों की बेबसी, साइकिल से कर रहे गोरखपुर तक का सफर

ओडिशा से उत्तर प्रदेश के लिए साइकिल से ही मजदूर अपने गांव लिए निकल पड़े हैं. मजदूरों ने बताया कि वह पिछले 3 दिनों से साइकिल से सफर कर रहे हैं. ये मजदूर सोमवार रात को रायगढ़ पहुंचे हैं. इस सभी मजदूरों ने ETV भारत से बातचीत करते हुए बताया कि 'वह सब गोरखपुर जाएंगे, जिनको तकरीबन 7 से 8 दिन लगेंगे'.

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मजदूरों की बेबसी
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Published : May 12, 2020, 10:26 AM IST

Updated : May 12, 2020, 9:23 PM IST

रायगढ़: कोविड-19 की महामारी के कारण किए गए लॉकडाउन के दौरान बेबस मजदूरों की कई तरह की तस्वीरें देखने को मिली होगी, लेकिन रायगढ़ के ढिमरापुर चौक में जो तस्वीरें देखने को मिली वो वाकई मजदूरों के लिए दुखदाई है. उतर प्रदेश के मजदूर पिछले 3 दिनों से साइकिल से सफर कर रहे हैं, जो यूपी के गोरखपुर जाएंगे.

साइकिल से सफर

मजबूरी का सफर: साइकिल पर रायपुर से झारखंड के लिए निकले 22 मजदूर

मजबूरी और बेबसी लेकर साइकिल से ही 3 दिन का सफर कर रायगढ़ पहुंचे हैं, जिनसे ETV भारत की टीम बातचीत की. इस दौरान मजदूरों ने बताया कि 'वह मजबूरी में नई साइकिल खरीदे हैं, जिसके बाद वह 3 दिनों से अपने गांव के लिए निकले, कब पहुंचेंगे उनको भी पता नहीं है. इन मजदूरों ने ETV भारत से जो दुख भरी अपनी कहानी बताई उससे लगता है, दुनिया का भार इन मजदूरों पर ही आ पड़ा है.

पैदल सफर कर रहे दिव्यांग युवक की प्रशासन ने नहीं की कोई मदद

उनके साथ कुुछ और मजदूर थे, जो साइकिल में सामानों को लादकर अपने घर के लिए निकले हैं. मजदूरों ने बताया कि 'उनके साथ कुल 5 लोग हैं, जो कुछ पैसे बचाकर रखे थे, उससे वह साइकिल खरीद लिए हैं, अब हालात ऐसे हो गए हैं कि खाने के लिए भी रुपए हो पाएंगे की नहीं, यह उनके लिए समस्या खड़ी हो गई है'. वहीं कुछ मजदूरों ने बताया कि 'वो ओडिशा के कालाहांडी में रेलवे ब्रिज में पिलर निर्माण का कार्य करते थे, काम खत्म हो जाने के बाद लॉकडाउन की वजह से वह ओडिशा में ही फंस गए थे'.

SPECIAL: अन्नदाता की मजबूरी, मवेशियों के हवाले कर रहे फसल

मजदूरों ने बताया कि '40-45 दिनों तक अपने रुपये से राशन खरीद कर पेट भरा, जब रुपए खत्म होने के कगार पर आ गए, तो घर से साइकिल के लिए पैसे मंगाए और साइकिल से ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए निकल पड़े हैं'. मजदूरों ने बताया कि '3 दिनों का सफर करके वह रायगढ़ पहुंचे हैं, जबकि लगभग 7 से 8 दिनों का और सफर करेंगें तब गोरखपुर तक पहुंचेंगे'.

रायगढ़: कोविड-19 की महामारी के कारण किए गए लॉकडाउन के दौरान बेबस मजदूरों की कई तरह की तस्वीरें देखने को मिली होगी, लेकिन रायगढ़ के ढिमरापुर चौक में जो तस्वीरें देखने को मिली वो वाकई मजदूरों के लिए दुखदाई है. उतर प्रदेश के मजदूर पिछले 3 दिनों से साइकिल से सफर कर रहे हैं, जो यूपी के गोरखपुर जाएंगे.

साइकिल से सफर

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मजबूरी और बेबसी लेकर साइकिल से ही 3 दिन का सफर कर रायगढ़ पहुंचे हैं, जिनसे ETV भारत की टीम बातचीत की. इस दौरान मजदूरों ने बताया कि 'वह मजबूरी में नई साइकिल खरीदे हैं, जिसके बाद वह 3 दिनों से अपने गांव के लिए निकले, कब पहुंचेंगे उनको भी पता नहीं है. इन मजदूरों ने ETV भारत से जो दुख भरी अपनी कहानी बताई उससे लगता है, दुनिया का भार इन मजदूरों पर ही आ पड़ा है.

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उनके साथ कुुछ और मजदूर थे, जो साइकिल में सामानों को लादकर अपने घर के लिए निकले हैं. मजदूरों ने बताया कि 'उनके साथ कुल 5 लोग हैं, जो कुछ पैसे बचाकर रखे थे, उससे वह साइकिल खरीद लिए हैं, अब हालात ऐसे हो गए हैं कि खाने के लिए भी रुपए हो पाएंगे की नहीं, यह उनके लिए समस्या खड़ी हो गई है'. वहीं कुछ मजदूरों ने बताया कि 'वो ओडिशा के कालाहांडी में रेलवे ब्रिज में पिलर निर्माण का कार्य करते थे, काम खत्म हो जाने के बाद लॉकडाउन की वजह से वह ओडिशा में ही फंस गए थे'.

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मजदूरों ने बताया कि '40-45 दिनों तक अपने रुपये से राशन खरीद कर पेट भरा, जब रुपए खत्म होने के कगार पर आ गए, तो घर से साइकिल के लिए पैसे मंगाए और साइकिल से ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए निकल पड़े हैं'. मजदूरों ने बताया कि '3 दिनों का सफर करके वह रायगढ़ पहुंचे हैं, जबकि लगभग 7 से 8 दिनों का और सफर करेंगें तब गोरखपुर तक पहुंचेंगे'.

Last Updated : May 12, 2020, 9:23 PM IST
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