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SKS पावर प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन, वादाखिलाफी का आरोप लगा कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रायगढ़ के दर्रामुड़ा में SKS पावर प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कंपनी पर स्थानीय युवाओं को रोजगार न देने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 27, 2019, 10:16 AM IST

रायगढ़: दर्रामुड़ा में एसकेएस पावर प्लांट के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने स्थानीय युवाओं को रोजगार न देने का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्थानीय युवाओं का आरोप है कि प्लांट में स्थानीय युवाओं को नौकरी न देकर बाहर से आउटसोर्सिंग किया जा रहा है. इसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

एसकेएस पावर प्लांट के खिलाफ करीब 500 से 700 की संख्या में ग्रामीण और कर्मचारी सड़क पर उतर गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने कई साल पहले उद्योग स्थापित करने के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन कंपनी किसी सस्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं दे रही है.

कंपनी का वादा जुमला
ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी ने इलाके के लोगों को रोजगार, स्कूल, अस्पताल और सड़क की मूलभूत सुविधाएं देने की भी बात की थी, लेकिन अब कंपनी के सारे वादे जुमला साबित हो रहा है. कंपनी की वादाखिलाफी के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीण अब सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं.

'आउटसोर्सिंग से बाहरी लोगों को रोजगार'
ग्रामीणों का आरोप है कि 'प्लांट के भीतर आउटसोर्सिंग से बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, जबकि स्थानीय युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, जिनकी जमीन प्लांट के लिए ली गई थी, उन्हें भी रोजगार नहीं मिला है.

कलेक्टर ने ग्रामीणों को दिया आश्वासन
अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों ने जो ज्ञापन सौंपा है, उसे उच्च अधिकारी तक पहुंचाया दिया जाएगा और जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. फिलहाल ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा.

रायगढ़: दर्रामुड़ा में एसकेएस पावर प्लांट के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने स्थानीय युवाओं को रोजगार न देने का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्थानीय युवाओं का आरोप है कि प्लांट में स्थानीय युवाओं को नौकरी न देकर बाहर से आउटसोर्सिंग किया जा रहा है. इसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

एसकेएस पावर प्लांट के खिलाफ करीब 500 से 700 की संख्या में ग्रामीण और कर्मचारी सड़क पर उतर गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने कई साल पहले उद्योग स्थापित करने के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन कंपनी किसी सस्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं दे रही है.

कंपनी का वादा जुमला
ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी ने इलाके के लोगों को रोजगार, स्कूल, अस्पताल और सड़क की मूलभूत सुविधाएं देने की भी बात की थी, लेकिन अब कंपनी के सारे वादे जुमला साबित हो रहा है. कंपनी की वादाखिलाफी के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीण अब सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं.

'आउटसोर्सिंग से बाहरी लोगों को रोजगार'
ग्रामीणों का आरोप है कि 'प्लांट के भीतर आउटसोर्सिंग से बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, जबकि स्थानीय युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, जिनकी जमीन प्लांट के लिए ली गई थी, उन्हें भी रोजगार नहीं मिला है.

कलेक्टर ने ग्रामीणों को दिया आश्वासन
अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों ने जो ज्ञापन सौंपा है, उसे उच्च अधिकारी तक पहुंचाया दिया जाएगा और जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. फिलहाल ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा.

Intro:रायगढ़ जिले के दर्रामुड़ा स्थित एसकेएस पावर प्लांट के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में स्थानीय और प्लांट के कर्मचारी ने वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

byte01 दीपक निकुंज डिप्टी कलेक्टर (सफेद सर्ट काला बाल)
byte02 त्रिलोचन पटेल, ग्रामीण।



Body:एसकेएस पावर प्लांट के खिलाफ लगभग 500 से 700 की संख्या में ग्रामीण और कर्मचारियों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने कई साल पहले उद्योग स्थापित करने के दौरान वादे किए थे की स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा जिनकी जमीन गई है उनको रोजगार मिलेगा तोता इस्कूल अस्पताल सड़क अन्य मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी लेकिन यह महज जुमला ही साबित हुआ और इसी के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित होकर इसका विरोध कर रहे हैं। वर्तमान में प्लांट के भीतर आउटसोर्सिंग के द्वारा बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है जबकि स्थानीय युवा बेरोजगार घूम रहे हैं जिनकी जमीन प्लांट के अंदर गई है उन्हें भी रोजगार नहीं मिला है तथा जो कार्यरत है आउटसोर्सिंग से उनके भी रोजगार छीनने का डर बन रहा है। अगर कंपनी अपनी भाई तो को नहीं समझेगी और लोगों को रोजगार तथा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कर आएगी तब ग्रामीण इससे भी उग्र आंदोलन करेंगे।


Conclusion: अधिकारी का कहना है कि ग्रामीणों ने जो ज्ञापन सौंपा है उसे उच्च अधिकारी तक पहुंचाया जाएगा और जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा और उन्हें आंदोलन करने की जरूरत नहीं होगी।
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