रायगढ़: रायगढ़ में गिरफ्तार अधिवक्ता भुवन साव को जमानत दिलवाने 50 से भी ज्यादा अधिवक्ता हाईकोर्ट में पैरवी करने के लिए खड़े हो गए. इन अधिवक्ताओं में से ज्यादातर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट थे. सामान्य तौर पर जिनकी एक पैरवी की फीस 2 से 3 लाख रुपए होती है. अधिवक्ता भुवन साव को आखिरकार हाईकोर्ट से जमानत मिल गई.
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11 फरवरी को रायगढ़ राजस्व न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं और राजस्व कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया था. प्रशासन एवं सरकार के दबाव में बिना जांच के ही उन पर एफआईआर दर्ज कर दी गई थी. इस बात का विरोध अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से लगातार किया जा रहा था. भुवन साव इस मामले के पहले कथित आरोपी हैं. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इनकी जमानत अर्जी रायगढ़ न्यायालय ने नामंजूर कर दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट में सुबह सुनवाई हुई जिसके बाद उन्हें जमानत दे दिया गया
प्रशासन की ओर से पुलिस के सामने कुल 5 अधिवक्ताओं के खिलाफ नामजद शिकायत की गई थी, जिसमें से चार अधिवक्ता गिरफ्तार कर लिए गए थे. जबकि एक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. ऐसे में एक अधिवक्ता की अग्रिम जमानत याचिका रायगढ़ न्यायालय में पेश की जानी है. जबकि तीन अन्य गिरफ्तार अधिवक्ताओं की जमानत याचिका रायगढ़ न्यायालय ने नामंजूर कर दी है. जिसके बाद इन तीनों अधिवक्ताओं कि अंतरिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में आवेदन लगाया जाएगा.
गिरफ्तार अधिवक्ता भुवन साव की हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रायगढ़ न्यायालय में प्रक्रिया पूर्ण कर शाम 4 बजे उन्हें जिला जेल रायगढ़ से रिहा किया गया. इस दौरान रायगढ़ अधिवक्ता संघ के सदस्य वहां पहुंचे और उनका फूलों से स्वागत करते हुए एक रैली निकालकर जिला जेल से धरना स्थल तक पहुंचे.