कोरबा : कुसमुंडा में गायत्री परिवार ने अनोखे यज्ञ का आयोजन किया. जिसमें 24 हजार कटे हुए पेड़ों की शांति के लिए आहुति दी गई. इस आयोजन में शांतिकुंज हरिद्वार से टोली नायक परमेश्वर नायक भी शामिल हुए.जिन्होंने कहा कि देव संस्कृति में यज्ञ का विशेष महत्व है. उच्च आदर्शों को जीवन में अपनाने के लिए किए गए संकल्पबद्ध प्रयासों को यज्ञ कहा जाता है. यज्ञ के तीन पक्ष होते हैं.अग्निहोत्र, मंत्र प्रयोग, साधकों-याजकों की श्रद्धा-भावना, इन तीनों के संयोग से ही यज्ञ बनता है. इस दौरान ये भी संकल्प भी लिया गया कि इतने ही पेड़ों को फिर से लगाया जाएगा.
पेड़ों की शांति के लिए महायज्ञ : गायत्री परिवार के चंडी कुमार यादव ने बताया कि माता भगवती देवी शर्मा और महर्षि अरविंद के जन्म शताब्दी के उपलक्ष में 108 कुंडीय महायज्ञ किया जा रहा है. विधि विधान से पूजा की गई है.
मलगांव के जायसवाल परिवार सन् 2000 में कामदगिरि उद्यान की स्थापना की गई थी. यहां 24 हजार पेड़ लगाए गए थे. इन पेड़ों को एसईसीएल के खदान के लिए काट दिया गया है. जिनके उद्धार के लिए और पर्यावरण शोधन के लिए विशेष यज्ञ किया गया है. ताकि उन पेड़ों के आत्मा को शांति मिल सके.यह संकल्प भी लिया गया कि 24000 की संख्या में फिर से पेड़ लगाए जाएंगे. इसके लिए स्थल चयन कर दोबारा पौधों पर जाएंगे- चंडी यादव, सदस्य गायत्री परिवार
विधि विधान के साथ किया गया 108 कुंडली महायज्ञ : यज्ञ के लिए विशिष्ट टोली में टोली नायक के साथ सह टोली नायक त्रिलोचन साहू, युग गायक संजय कुमार, वादक अभय कुमार एवं शंकर लाल यज्ञ संचालन के लिए मौजूद थे. 108 कुण्डीय यज्ञ शाला में श्रद्धालुओं ने आहुतियां डाली. यज्ञ स्थल पर आरएन सिंह बिसेन, योगेश चन्द्रा, मुकेश अदलखा, दीपक कश्यप के सहयोग से जीवनोपयोगी युग साहित्य का पुस्तक मेला संचालित हो रहा है. जहां सस्ते दामों पर साहित्य उपलब्ध है. इसे ज्ञान यज्ञ का प्रसाद मानते हुए श्रद्धालुगण घर ले जा रहे हैं.
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