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250 किलोमीटर पैदल चल कर ओडिशा से छत्तीसगढ़ पहुंचा ये मजदूर परिवार

ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती चेक पोस्ट का जायजा लिया. चेक पोस्ट प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित हो रहा है. ओेडिशा से 3 बच्चों सहित एक मजदूर परिवार 250 किलोमीटर पैदल चल कर छत्तीसगढ़ बॉर्डर पहुंचा. रायगढ़ से उनको लगभग 150 किलोमीटर की दूरी तय करके जांजगीर-चांपा तक पहुंचना है.

labourers of chhattisgarh reached raigarh
ओडिशा से पैदल रायगढ़ पहुंचा मजदूर परिवार
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Published : May 17, 2020, 5:07 PM IST

Updated : May 18, 2020, 12:43 AM IST

रायगढ़: लॉकडाउन में हजारों मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलकर अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए दिन-रात जद्दोजहद कर रहे हैं. अपनी पैदल यात्रा के दौरान वे कई जिले ही नहीं, बल्कि प्रदेश भी नाप रहे हैं. ऐसे में ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती चेक पोस्ट का जायजा लिया, जहां ये चेक पोस्ट प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित हो रहा है.

ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती चेक पोस्ट का जायजा लिया

यहां मजदूरों के खाने-पीने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा पुलिस के जवान मजदूरों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए भी हर तरह की कोशिश कर रहे हैं.

labourers of chhattisgarh reached raigarh
ओडिशा से पैदल रायगढ़ पहुंचा मजदूर परिवार

250 किलोमीटर चलकर पहुंचे छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा का रहने वाला एक परिवार ओडिशा के देवगढ़ में मजदूरी का काम करता था. लॉकडाउन ने उनसे उनकी रोजी-रोटी छीन ली. ऐसे में उन्होंने घर जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. जिसके बाद वे 3 बच्चों सहित 250 किलोमीटर पैदल चल कर छत्तीसगढ़ बॉर्डर पहुंचे. रायगढ़ से उनको लगभग 150 किलोमीटर की दूरी तय करके जांजगीर-चांपा तक पहुंचना है. वे सभी अपना सामान लेकर चल रहे हैं. वहीं पैदल जा रहे मजदूर के परिवार ने कहा कि अब वह कभी अपना घर छोड़कर नहीं जाएंगे.

हैदराबाद से ओडिशा पहुंचे मजदूर

इसी तरह हैदराबाद से आ रहे दूसरे मजदूरों से मुलाकात हुई, जो हैदराबाद से ओडिशा जा रहे हैं. मजदूरों को हैदराबाद से बिलासपुर तक बस मिली, जिसके बाद बिलासपुर से पैदल ही ओडिशा तक 3 दिनों में पहुंचे हैं. सभी मजदूरों का कहना है कि अब वे कभी अपना घर छोड़कर बाहर काम के लिए नहीं जाएंगे.

पढ़ें- दुर्ग: भिलाई में फंसे थे यूपी के मजदूर, जिला युवा कांग्रेस ने की मदद

मजदूर लगातार कर रहे घर का रूख

बता दें कि लॉकडाउन लगने के बाद से ही देश के हर कोने से मजदूर अपने गृहग्राम जाने के लिए लगातार निकल रहे हैं. कोई साइकिल से जा रहा है, तो कोई पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर अपने घरों की तरफ निकल पड़ा है. इस बीच कई मजदूरों के साथ हादसे भी हुए. कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. वहीं स्पेशल श्रमिक ट्रेन की जानकारी से अभी भी कई मजदूर बेखबर हैं.

रायगढ़: लॉकडाउन में हजारों मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलकर अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए दिन-रात जद्दोजहद कर रहे हैं. अपनी पैदल यात्रा के दौरान वे कई जिले ही नहीं, बल्कि प्रदेश भी नाप रहे हैं. ऐसे में ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती चेक पोस्ट का जायजा लिया, जहां ये चेक पोस्ट प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित हो रहा है.

ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती चेक पोस्ट का जायजा लिया

यहां मजदूरों के खाने-पीने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा पुलिस के जवान मजदूरों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए भी हर तरह की कोशिश कर रहे हैं.

labourers of chhattisgarh reached raigarh
ओडिशा से पैदल रायगढ़ पहुंचा मजदूर परिवार

250 किलोमीटर चलकर पहुंचे छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा का रहने वाला एक परिवार ओडिशा के देवगढ़ में मजदूरी का काम करता था. लॉकडाउन ने उनसे उनकी रोजी-रोटी छीन ली. ऐसे में उन्होंने घर जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. जिसके बाद वे 3 बच्चों सहित 250 किलोमीटर पैदल चल कर छत्तीसगढ़ बॉर्डर पहुंचे. रायगढ़ से उनको लगभग 150 किलोमीटर की दूरी तय करके जांजगीर-चांपा तक पहुंचना है. वे सभी अपना सामान लेकर चल रहे हैं. वहीं पैदल जा रहे मजदूर के परिवार ने कहा कि अब वह कभी अपना घर छोड़कर नहीं जाएंगे.

हैदराबाद से ओडिशा पहुंचे मजदूर

इसी तरह हैदराबाद से आ रहे दूसरे मजदूरों से मुलाकात हुई, जो हैदराबाद से ओडिशा जा रहे हैं. मजदूरों को हैदराबाद से बिलासपुर तक बस मिली, जिसके बाद बिलासपुर से पैदल ही ओडिशा तक 3 दिनों में पहुंचे हैं. सभी मजदूरों का कहना है कि अब वे कभी अपना घर छोड़कर बाहर काम के लिए नहीं जाएंगे.

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मजदूर लगातार कर रहे घर का रूख

बता दें कि लॉकडाउन लगने के बाद से ही देश के हर कोने से मजदूर अपने गृहग्राम जाने के लिए लगातार निकल रहे हैं. कोई साइकिल से जा रहा है, तो कोई पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर अपने घरों की तरफ निकल पड़ा है. इस बीच कई मजदूरों के साथ हादसे भी हुए. कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. वहीं स्पेशल श्रमिक ट्रेन की जानकारी से अभी भी कई मजदूर बेखबर हैं.

Last Updated : May 18, 2020, 12:43 AM IST
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