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भक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है गजमार पहाड़ी पर स्थित हनुमान जी का ये मंदिर

रायगढ़ शहर के बीच स्थित गजमार पहाड़ पर्यटन की दृष्टि से एक बेहद खूबसूरत जगह है. साथ ही इस पहाड़ के शीर्ष पर स्थित हनुमान जी का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. आज हम आपको इसी मंदिर और यहां के प्रकृतिक सुंदरता के बारे में बताएंगे.

Hanuman temple on Gajmar hill
महाबली की महिमा
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Published : Jun 7, 2020, 9:30 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 11:32 PM IST

रायगढ़: प्रकृति की गोद में बसा रायगढ़ शहर पर्यटन के नजरिए से भी बेहद खूबसूरत है. कोरोना से राहत के बाद अगर आप कहीं घूमना चाहें तो रायगढ़ शहर के बीच बसा एडवेंचर और प्राकृतिक नजारों से घिरा पहाड़ी मंदिर जा सकते हैं. शहर के बीच गजमार पहाड़ी पर बसे इस पहाड़ मंदिर में विराजमान है राम भक्त हनुमान. इस मंदिर को पहाड़ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. जो कि भक्तों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 580 सीढ़ियों की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है.

पहाड़ मंदिर की महिमा

श्रद्धालुओं का कहना है कि कभी पथरीली चट्टानों से होकर भक्त मंदिर तक पहुंचते थे. लेकिन अब सीढ़ियां बनने की वजह से मंदिर तक पहुंचना आसान हो गया है. पहाड़ मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ रहती है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से मार्च से ही मंदिर के पट बंद हैं. इस बीच केवल पुजारी ही मंदिर जाते हैं और पूजा के बाद वापस मंदिर बंद कर दिया जाता है. मंदिर की देखभाल और हनुमान जी की सेवा में लगे पुजारी की तीसरी पीढ़ी इस मंदिर में सेवा दे रही है.

Hanuman temple on Gajmar hill
मंदिर में विराजे हनुमान जी की प्रतिमा

गजमार नाम पड़ने के कई कराण

पहाड़ का नाम गजमार पड़ने के पीछे कई तरह के कारण बताए जाते हैं. लोग बताते हैं कि दूर से देखने पर पहाड़ हाथी के समान दिखाई देता है इसीलिए इसे गजमार पहाड़ी कहते हैं. इसके अलावा मंदिर में बरसों से पूजा करते आ रहे पुजारी बताते हैं कि एक समय में इस पहाड़ पर राजा चक्रधर सिंह के हाथी को रखा जाता था. जो पागल था. एक दिन ट्रेन से टकराकर उस हाथी की मौत हो गई. जिसके बाद से उसकी याद में इस पहाड़ी का नाम गजमार रखा गया. पहाड़ के इस नाम को लेकर पुजारी ने एक और कारण बताया. पुजारी ने बताया कि उनके पूर्वजों ने बताया है कि इस पहाड़ पर दैवीय शक्ति होने के कारण आकाशीय बिजली को यह पहाड़ अपनी ओर आकर्षित करता है. इसीलिए यहां पर बिजली गिरती है. लिहाजा इस पहाड़ का नाम गजमार पहाड़ पड़ गया.

Hanuman temple on Gajmar hill
पहाड़ पर स्थित मंदिर

17 दिन ' होम आइसोलेशन' में रहेंगे भगवान जगन्नाथ

नजारा देख मिट जाती है थकान

पुजारी बताते हैं कि पहाड़ी पर महादेव और हनुमान जी की लाल पत्थर की प्रतिमा पहले से ही विराजित थी. साल 1980 में 15 अगस्त को यहां मंदिर का निर्माण कराया गया और धीरे-धीरे यहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई गई. लोगों के पहुंच और उनकी सुविधा के लिए रायगढ़ नगर निगम ने भी पहाड़ में पानी की व्यवस्था की. इस पहाड़ की एक और खासियत ये है कि मंदिर तक पहुंचने के बाद पहाड़ से पूरा रायगढ़ शहर दिखाई देता है. सुबह और शाम को नजारा सुकून दायक होता है. ठंडी हवा और पहाड़ी पौधों की फूलों से आती सुगंधित खुशबू मन को मोह लेती है. जिससे सीढ़ी चढ़ने की जो थकान रहती है वो पल भर में दूर हो जाती है.

Hanuman temple on Gajmar hill
मंदिर का प्रवेश द्वार

हनुमान जयंती पर होता है भंडारा

श्रद्धालुओं ने बताया कि महाशिवरात्रि, हनुमान जयंती जैसे विशेष पर्व के समय मंदिर और स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां महाभंडारे का आयोजन किया जाता है. इस मंदिर को देखने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. रायगढ़, छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी यहां पर लोग काफी संख्या में पहुंचते हैं.

रायगढ़: प्रकृति की गोद में बसा रायगढ़ शहर पर्यटन के नजरिए से भी बेहद खूबसूरत है. कोरोना से राहत के बाद अगर आप कहीं घूमना चाहें तो रायगढ़ शहर के बीच बसा एडवेंचर और प्राकृतिक नजारों से घिरा पहाड़ी मंदिर जा सकते हैं. शहर के बीच गजमार पहाड़ी पर बसे इस पहाड़ मंदिर में विराजमान है राम भक्त हनुमान. इस मंदिर को पहाड़ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. जो कि भक्तों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 580 सीढ़ियों की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है.

पहाड़ मंदिर की महिमा

श्रद्धालुओं का कहना है कि कभी पथरीली चट्टानों से होकर भक्त मंदिर तक पहुंचते थे. लेकिन अब सीढ़ियां बनने की वजह से मंदिर तक पहुंचना आसान हो गया है. पहाड़ मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ रहती है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से मार्च से ही मंदिर के पट बंद हैं. इस बीच केवल पुजारी ही मंदिर जाते हैं और पूजा के बाद वापस मंदिर बंद कर दिया जाता है. मंदिर की देखभाल और हनुमान जी की सेवा में लगे पुजारी की तीसरी पीढ़ी इस मंदिर में सेवा दे रही है.

Hanuman temple on Gajmar hill
मंदिर में विराजे हनुमान जी की प्रतिमा

गजमार नाम पड़ने के कई कराण

पहाड़ का नाम गजमार पड़ने के पीछे कई तरह के कारण बताए जाते हैं. लोग बताते हैं कि दूर से देखने पर पहाड़ हाथी के समान दिखाई देता है इसीलिए इसे गजमार पहाड़ी कहते हैं. इसके अलावा मंदिर में बरसों से पूजा करते आ रहे पुजारी बताते हैं कि एक समय में इस पहाड़ पर राजा चक्रधर सिंह के हाथी को रखा जाता था. जो पागल था. एक दिन ट्रेन से टकराकर उस हाथी की मौत हो गई. जिसके बाद से उसकी याद में इस पहाड़ी का नाम गजमार रखा गया. पहाड़ के इस नाम को लेकर पुजारी ने एक और कारण बताया. पुजारी ने बताया कि उनके पूर्वजों ने बताया है कि इस पहाड़ पर दैवीय शक्ति होने के कारण आकाशीय बिजली को यह पहाड़ अपनी ओर आकर्षित करता है. इसीलिए यहां पर बिजली गिरती है. लिहाजा इस पहाड़ का नाम गजमार पहाड़ पड़ गया.

Hanuman temple on Gajmar hill
पहाड़ पर स्थित मंदिर

17 दिन ' होम आइसोलेशन' में रहेंगे भगवान जगन्नाथ

नजारा देख मिट जाती है थकान

पुजारी बताते हैं कि पहाड़ी पर महादेव और हनुमान जी की लाल पत्थर की प्रतिमा पहले से ही विराजित थी. साल 1980 में 15 अगस्त को यहां मंदिर का निर्माण कराया गया और धीरे-धीरे यहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई गई. लोगों के पहुंच और उनकी सुविधा के लिए रायगढ़ नगर निगम ने भी पहाड़ में पानी की व्यवस्था की. इस पहाड़ की एक और खासियत ये है कि मंदिर तक पहुंचने के बाद पहाड़ से पूरा रायगढ़ शहर दिखाई देता है. सुबह और शाम को नजारा सुकून दायक होता है. ठंडी हवा और पहाड़ी पौधों की फूलों से आती सुगंधित खुशबू मन को मोह लेती है. जिससे सीढ़ी चढ़ने की जो थकान रहती है वो पल भर में दूर हो जाती है.

Hanuman temple on Gajmar hill
मंदिर का प्रवेश द्वार

हनुमान जयंती पर होता है भंडारा

श्रद्धालुओं ने बताया कि महाशिवरात्रि, हनुमान जयंती जैसे विशेष पर्व के समय मंदिर और स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां महाभंडारे का आयोजन किया जाता है. इस मंदिर को देखने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. रायगढ़, छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी यहां पर लोग काफी संख्या में पहुंचते हैं.

Last Updated : Jun 7, 2020, 11:32 PM IST
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