रायगढ़: जिले में स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता नजर आई है. किरोड़ीमल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, रायगढ़ में गुरुवार को एक मरीज को MRI कराने के लिए हॉस्पिटल ने एंबुलेंस देना तक जरूरी नहीं समझा. जबकि अस्पताल परिसर में ही कई एंबुलेंस खड़े थे. जब गरीब परिजनों को अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिला, तो वो ऑटो से ही अपने परिजन को उठाकर MRI कराने के लिए निकल पड़े.
जानकारी के मुताबिक जिले के सारंगढ़ के मुड़पार में रहने वाले 46 साल के भाभीखान साहू पेड़ से गिर गए थे, जिसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने बताया कि उसकी कमर की हड्डी टूट गई है. मरीज को गुरुवार को MRI कराने के लिए अस्पताल से बाहर जाना था. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं की, जिसके बाद मरीज के परिजनों ने मजबूरन ऑटो का सहारा लिया.
दिन भर इंतजार करने के बाद भी नहीं मिली एंबुलेंस
मरीज के भाई भागीरथी साहू ने बताया कि मंगलवार को पेड़ से गिरने की वजह से उनके भाई की कमर टूट गई थी है, जिन्हें रायगढ़ के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जहां एक्स-रे के लिए उन्हें पहले परेशान किया गया. भागीरथी ने बताया कि केजीएच में एक्स रे की सुविधा न होने की वजह से मेडिकल कॉलेज भवन जाने के लिए कहा गया. जहां एंबुलेंस में ले जाने के लिए कम से कम 3 मरीज होने की बात कही. उन्हें कहा गया कि जब तक 3 मरीज नहीं होंगे, उन्हें अस्पताल से एक्स रे कराने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलेगा. इसलिए उन्हें दिन भर इंतजार करना पड़ा.
नहीं दी गई एंबुलेंस की सुविधा
वहीं गुरुवार को डॉक्टरों ने फिर MRI कराने के लिए कहा, जिसके बाद मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की, जिसपर डॉक्टरों ने एंबुलेंस नहीं होने का बात कही. जबकि मेडिकल कॉलेज परिसर में एंबुलेंस था लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं दिया गया. देर शाम तक उन्होंने गुहार लगाई और कोई भी व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में अस्पताल से ऑटो के सहारे अपने भाई का MRI कराने के लिए निकल पड़े.
नहीं हो रहा मुफ्त इलाज
मरीज के भाई भागीरथी ने बताया कि अस्पताल में निशुल्क इलाज नहीं हो रहा है, उन्हें हर रोज दवाई के नाम पर 15 सौ रुपए के इंजेक्शन खरीदने को कहा जा रहा हैं. लगातार 3 दिनों से वे 15 सौ रुपए का इंजेक्शन खरीद कर अस्पताल को दे रहे हैं. वहीं मरीज के परिजनों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी नहीं है कि वे रोजाना इतने महंगे इलाज करा सकें.
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वहीं इसे मामले के संबंध में जानने के लिए ETV भारत की टीम ने मेडिकल कॉलेज के डीन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन डीन कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं. वहीं इस संबंध में जिला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि यह मेडिकल कॉलेज का मामला है, इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है.