रायगढ़: शुक्रवार की शाम लैंलूंगा में मौसम का मिजाज बदला रहा और देखते ही देखते बारिश के साथ तेज ओलावृष्टि हो गई. जिससे लैलूंगा के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कहीं लोगों के घरों के छप्पर टूट गए, तो कहीं गाड़ियों के शिशे भी इस ओलावृष्टि में टूट गए.
ओलावृष्टि का सबसे ज्याद असर सब्जी की खेती करने वाले किसानों पर पड़ा है. ग्रामीण अंचलों में ये सबसे बड़ी आर्थिक क्षति हो सकती है. आने वाले मौसमी वनोपज जैसे महुआ, तेंदू, चार, चिरौंजी, डोरी और आम जो की क्षेत्र के ग्रामीणों की आय का महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं, इन पर निर्भर लोगों की आर्थिक रूप से कमर टूट सकती है.
किसानों के सामने परेशानी
ग्रामीण 4 महीने के वनोपज को संग्रहण करके लगभग एक साल का खर्च निकाल लेते हैं. लेकिन इस ओलावृष्टि ने इन ग्रामीणों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है. जनता पहले ही कोरोना माहमारी से त्रस्त थी. ऊपर से इस क्षेत्र में फिर से एक और आपदा आ पड़ी है.