इधर, ईटीवी भारत ने जब मामले में धनीराम राठौड़ से बात की तो उन्होंने बताया कि, वे कुछ निजी कारणों से इस्तीफा दिए हैं. उन्होंने बताया कि, वे 59 साल के हो गए हैं और वे अब अपने परिवार को समय देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि, 59 साल की उम्र में अब उनसे प्रशासनिक सेवा नहीं हो रहा है. जिसके कारण वे अब छुट्टी चाहते हैं.
दरअसल, 2 महीने पहले ही धनीराम राठौड़ का धर्मजयगढ़ से घरघोड़ा ट्रांसफर कर दिया गया था. जिसके बाद फिर से उनका ट्रांसफर घरघोड़ा से धर्मजयगढ़ कर दिया गया. हालांकि, उनके इस ट्रांसफर को प्रशासनिक फैसला बताया गया है, लेकिन लोगों का कहना है कि, वे लगातार कोल माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे. इससे ऐसा लगता है कि, कहीं ना कहीं उनके ट्रांसफर के पीछे राजनैतिक दबाव भी हो सकता है.