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चक्रधर समारोह के लिए पंडाल और मंच बनकर तैयार, कई कलाकार देंगे प्रस्तुति

गणेश चतुर्थी त्योहार के मौके पर 35 वां चक्रधर समारोह का आयोजन जिले में किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कई कलाकार कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचते है.

चक्रधर समारोह के लिए पंडाल और मंच बनकर तैयार
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Published : Aug 30, 2019, 8:21 PM IST

रायगढ़ : गणेश चतुर्थी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध चक्रधर समारोह का आयोजन किया जाता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश-विदेश से कलाकार पहुंचते हैं, जिन्हें देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है. इस बार 35वें चक्रधर समारोह का आयोजन होना है, जिसके लिए रामलीला मैदान में मंच, बैठक व्यवस्था और पंडाल तैयार हो चुके हैं.

चक्रधर समारोह के लिए पंडाल और मंच बनकर तैयार

बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चक्रधर समारोह का शुभारंभ करेंगे और कार्यक्रम का समापन राज्यपाल अनुसुईया उईके करेंगी. इस कार्यक्रम में खास कलाकारों को निमंत्रण दिया गया है, जिनमें सुप्रसिद्ध गायक जावेद अली 6 सितंबर को अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे. वहीं 7 सितंबर को कवि सम्मेलन रखा गया है, जिसमें प्रदेश के नामचीन कवि शामिल होंगे. इसी तरह कार्यक्रम के समापन में राज्यपाल अनुसुइया उइके मौजूद रहेंगीं और कलाकारों को सम्मान देकर समारोह का समापन करेंगी.

चक्रधर समारोह का ऐतिहासिक महत्व
आजादी के पहले रायगढ़ एक स्वतंत्र रियासत था, जहां सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों का फैलाव बड़े पैमाने पर था. प्रसिद्ध संगीतज्ञ कुमार गंधर्व और हिंदी के पहले छायावादी कवि मधुकर पांडे रायगढ़ के थे. सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से जब रियासतों के भारत में विलय की प्रक्रिया शुरू हुई तो रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह ने सहमति पत्र पर सबसे पहले हस्ताक्षर किया था.

नृत्य और संगीत में राजा निपुण थे
वहीं नृत्य और संगीत में भी राजा निपुण थे. स्वतंत्रता से पहले गणेश उत्सव के समय रायगढ़ में सांस्कृतिक आयोजन होता था, जिसे धीरे-धीरे एक बड़े त्योहार के तौर पर मनाया जाने लगा और चक्रधर सिंह के निधन के बाद 1985 में 10 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत हुई, जिसे चक्रधर समारोह कहा गया.

रायगढ़ : गणेश चतुर्थी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध चक्रधर समारोह का आयोजन किया जाता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश-विदेश से कलाकार पहुंचते हैं, जिन्हें देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है. इस बार 35वें चक्रधर समारोह का आयोजन होना है, जिसके लिए रामलीला मैदान में मंच, बैठक व्यवस्था और पंडाल तैयार हो चुके हैं.

चक्रधर समारोह के लिए पंडाल और मंच बनकर तैयार

बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चक्रधर समारोह का शुभारंभ करेंगे और कार्यक्रम का समापन राज्यपाल अनुसुईया उईके करेंगी. इस कार्यक्रम में खास कलाकारों को निमंत्रण दिया गया है, जिनमें सुप्रसिद्ध गायक जावेद अली 6 सितंबर को अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे. वहीं 7 सितंबर को कवि सम्मेलन रखा गया है, जिसमें प्रदेश के नामचीन कवि शामिल होंगे. इसी तरह कार्यक्रम के समापन में राज्यपाल अनुसुइया उइके मौजूद रहेंगीं और कलाकारों को सम्मान देकर समारोह का समापन करेंगी.

चक्रधर समारोह का ऐतिहासिक महत्व
आजादी के पहले रायगढ़ एक स्वतंत्र रियासत था, जहां सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों का फैलाव बड़े पैमाने पर था. प्रसिद्ध संगीतज्ञ कुमार गंधर्व और हिंदी के पहले छायावादी कवि मधुकर पांडे रायगढ़ के थे. सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से जब रियासतों के भारत में विलय की प्रक्रिया शुरू हुई तो रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह ने सहमति पत्र पर सबसे पहले हस्ताक्षर किया था.

नृत्य और संगीत में राजा निपुण थे
वहीं नृत्य और संगीत में भी राजा निपुण थे. स्वतंत्रता से पहले गणेश उत्सव के समय रायगढ़ में सांस्कृतिक आयोजन होता था, जिसे धीरे-धीरे एक बड़े त्योहार के तौर पर मनाया जाने लगा और चक्रधर सिंह के निधन के बाद 1985 में 10 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत हुई, जिसे चक्रधर समारोह कहा गया.

Intro:नृत्य कला और संगीत के लिए विश्व प्रसिद्ध रायगढ़ का चक्रधर समारोह गणेश चतुर्थी के अवसर पर इसका आगाज होता है और 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश विदेश से कलाकार पहुंचते हैं जिन्हें देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है इस बार 35 व चक्रधर समारोह होने वाला है जिसके लिए रामलीला मैदान में मंच बैठक व्यवस्था और पंडाल तैयार हो चुके हैं।

byte01 रिचा चौधरी, जिला पंचायत सीईओ


Body: 2 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों चक्रधर सोमा रो का शुभारंभ होगा और वही समापन के लिए राज्यपाल को निमंत्रण दिया गया है। 10 दिनों तक चलने वाले इस चक्रधर समारोह में खास कलाकारों को निमंत्रण दिया गया है जिनमें सुप्रसिद्ध गायक जावेद अली 6 सितंबर को अपनी सुरों का जादू बिखेर देंगे वहीं 7 सितंबर को कवि सम्मेलन रखा गया है जिसमें प्रदेश के नामचीन कवियों को शामिल किया जाएगा इसी तरह कार्यक्रम के समापन में प्रदेश के राज्यपाल अनुसुइया उइके मौजूद रहेंगी और कलाकारों को सम्मान देकर औपचारिक रूप से समारोह का समापन करेंगी।


Conclusion: चक्रधर समारोह का ऐतिहासिक महत्व

आजादी के पहले रायगढ़ एक स्वतंत्र रियासत था जहां सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों का फैलाव बड़े पैमाने पर था। प्रसिद्ध संगीतज्ञ कुमार गंधर्व और हिंदी के पहले छायावादी कवि मधुकर पांडे रायगढ़ के थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से जब रियासतों के भारत में विलीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई तो रायगढ़ के राजा चक्रधर सिंह ने सहमति पत्र पर सबसे पहले हस्ताक्षर किया था। वही नृत्य और संगीत में भी राजा निपुण थे स्वतंत्रता के पहले गणेश उत्सव के समय रायगढ़ में सांस्कृतिक आयोजन होता था जिसे धीरे-धीरे एक बड़ा आयोजन के रूप में मनाया जाने लगा और चक्रधर सिंह के देहांत के बाद 1985 में 10 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत हुई जिसे चक्रधर समारोह कहा गया।
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