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प्रेमिका और उसकी बेटी की हत्या मामले में ओडिशा के पूर्व विधायक को रायगढ़ कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा - Raigarh Crime News

ओडिशा ब्रजराजनगर के पूर्व विधायक अनूप कुमार (Former Odisha MLA Anoop Sai gets life imprisonment) साय (49 वर्ष) को उसकी प्रेमिका की हत्या के 6 साल पुराने मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. जबकि उसके ड्राइवर वर्धन टोप्पो को बाइज्जत बरी किया गया है. दोनोंं मिलकर एक महिला और एक लड़की की हत्या की थी.

Former Odisha MLA Anoop Sai gets life imprisonment
प्रेमिका और उसकी बेटी की हत्या मामले में ओडिशा के पूर्व विधायक को रायगढ़ कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा
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Published : Apr 2, 2022, 4:39 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 5:00 PM IST

रायगढ़ : ओडिशा ब्रजराजनगर के पूर्व विधायक (Former Odisha MLA Anoop Sai gets life imprisonment) अनूप कुमार साय (49 वर्ष) को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. जबकि अनूप कुमार साय के ड्राइवर वर्धन टोप्पो को बाइज्जत बरी किया गया है. विधायक पर हत्या और हत्या का साक्ष्य छुपाना जैसे गंभीर दंडनीय अपराध दर्ज हैं. अपराध की गंभीरता को देखते हुए अनूप कुमार साय को आजीवन कारावास सहित अर्थदंड भी लगाया गया है. बता दें कि ओडिशा के पूर्व विधायक अनूप साय ने अपनी प्रेमिका और उसकी बच्ची की हत्या रायगढ़ के हमीरपुर रोड के पास कर दी थी. करीब 6 साल के बाद उस मामले में सजा सुनाई गई है.

प्रेमिका और उसकी बेटी की हत्या मामले में ओडिशा के पूर्व विधायक को रायगढ़ कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा

यह था मामला : 7 मई 2016 की सुबह करीब 6 बजे चक्रधर नगर-हमीरपुर रोड मार्ग पर मां शाकंबरी प्लांट जाने के कच्चे रास्ते पर एक अज्ञात महिला और लड़की का शव बरामद हुआ था. घटना की सूचना सरपंच कमलेश गुप्ता ने चक्रधर नगर थाने को दी थी. मौके पर पहुंची थाना चक्रधर नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. जांच के दौरान सुनील श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी कि रात करीब 10 बजे झाड़सुगुड़ा के बेहरामाल चौक पर एक बोलेरो में अनूप साय बैठा था. जबकि गाड़ी की पिछली सीट पर अनूप की तथाकथित प्रेमिका कल्पना और उसकी बेटी बबली बैठी थी. वहीं गाड़ी ड्राइवर वर्धन टोप्पो चला रहा था.

पुलिस की जांच से पता चला कि शव कल्पना और उसकी बेटी का था : घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतका कल्पना के भाई सरोज दास ने रायगढ़ क्राइम ब्रांच को बुलाया. पुलिस की शिनाख्त से पता चला कि वह शव कल्पना है. जबकि डीएनए टेस्ट कराने के बाद लड़की की पहचान कल्पना की बेटी बबली के रूप में हुई. इसके बाद सारी कड़ियों को जोड़ते हुए रायगढ़ क्राइम ब्रांच ने पूर्व विधायक अनूप साय को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया.

यह भी पढ़ें : सीसीटीवी से खुलासा : रायपुर जेल में बंद जीपी सिंह को प्रहरियों ने करवाई टावर की सैर, तीन निलंबित

अनूप पर शादी करने और मकान के लिए पैसे देने का दबाव बना रही थी कल्पना : पूर्व विधायक अनूप साय और कल्पना के बीच प्रेम संबंध था. कल्पना दास अनूप साय पर शादी करने का दबाव बना रही थी. इतना ही नहीं मकान भी अपने नाम कराने के लिए पैसे की डिमांड कर अनूप को ब्लैक मेल कर रही थी. अनूप साय पहले से शादी-शूदा था. उसके बच्चे भी थे. कल्पना की पैसे की डिमांड और ब्लैक मेलिंग से तंग आकर अनूप साय ने कल्पना और उसकी बेटी बबली की हत्या करने की योजना अपने ड्राइवर के साथ बनाई. पूर्व नियोजित तरीके से कल्पना और उसकी बेटी को बोलेरो में बिठकार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की ओर लाया.

ड्राइवर के साथ हत्या की बनाई थी योजना : कल्पना और बबली को झांसा देकर अनूप ने हमीरपुर मार्ग पर मां शाकंबरी प्लांट जाने के रास्ते पर उतरवा दिया. फिर दोनों पर लोहे के रॉड से प्राणघातक हमला कर हत्या कर दी. हत्या को एक्सीडेंट दिखाने के लिए अनूप ने अपने ड्राइवर वर्धन टोप्पो से कल्पना और बबली के शव के ऊपर से गाड़ी चढ़वा दी. लाश को वहीं छोड़कर अनूप अपने ड्राइवर के साथ फरार हो गया था. अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने आरोपी अनूप साय को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड भी दिया है.
इस पूरे घटनाक्रम में करीब 60 गवाहों के नाम थे. उनमें से 50 ने गवाही द. अधिकतर गवाह अनूप साय को बचाने में लगे रहे. माननीय न्यायालय के पंचम अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला ने इस मामले में सजा सुनाई है. जबकि लोक अभियोजक दीपक शर्मा की कड़ी मेहनत से आरोपी पूर्व विधायक अनूप साय को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा हो पाई है.

रायगढ़ : ओडिशा ब्रजराजनगर के पूर्व विधायक (Former Odisha MLA Anoop Sai gets life imprisonment) अनूप कुमार साय (49 वर्ष) को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. जबकि अनूप कुमार साय के ड्राइवर वर्धन टोप्पो को बाइज्जत बरी किया गया है. विधायक पर हत्या और हत्या का साक्ष्य छुपाना जैसे गंभीर दंडनीय अपराध दर्ज हैं. अपराध की गंभीरता को देखते हुए अनूप कुमार साय को आजीवन कारावास सहित अर्थदंड भी लगाया गया है. बता दें कि ओडिशा के पूर्व विधायक अनूप साय ने अपनी प्रेमिका और उसकी बच्ची की हत्या रायगढ़ के हमीरपुर रोड के पास कर दी थी. करीब 6 साल के बाद उस मामले में सजा सुनाई गई है.

प्रेमिका और उसकी बेटी की हत्या मामले में ओडिशा के पूर्व विधायक को रायगढ़ कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा

यह था मामला : 7 मई 2016 की सुबह करीब 6 बजे चक्रधर नगर-हमीरपुर रोड मार्ग पर मां शाकंबरी प्लांट जाने के कच्चे रास्ते पर एक अज्ञात महिला और लड़की का शव बरामद हुआ था. घटना की सूचना सरपंच कमलेश गुप्ता ने चक्रधर नगर थाने को दी थी. मौके पर पहुंची थाना चक्रधर नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. जांच के दौरान सुनील श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी कि रात करीब 10 बजे झाड़सुगुड़ा के बेहरामाल चौक पर एक बोलेरो में अनूप साय बैठा था. जबकि गाड़ी की पिछली सीट पर अनूप की तथाकथित प्रेमिका कल्पना और उसकी बेटी बबली बैठी थी. वहीं गाड़ी ड्राइवर वर्धन टोप्पो चला रहा था.

पुलिस की जांच से पता चला कि शव कल्पना और उसकी बेटी का था : घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतका कल्पना के भाई सरोज दास ने रायगढ़ क्राइम ब्रांच को बुलाया. पुलिस की शिनाख्त से पता चला कि वह शव कल्पना है. जबकि डीएनए टेस्ट कराने के बाद लड़की की पहचान कल्पना की बेटी बबली के रूप में हुई. इसके बाद सारी कड़ियों को जोड़ते हुए रायगढ़ क्राइम ब्रांच ने पूर्व विधायक अनूप साय को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया.

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अनूप पर शादी करने और मकान के लिए पैसे देने का दबाव बना रही थी कल्पना : पूर्व विधायक अनूप साय और कल्पना के बीच प्रेम संबंध था. कल्पना दास अनूप साय पर शादी करने का दबाव बना रही थी. इतना ही नहीं मकान भी अपने नाम कराने के लिए पैसे की डिमांड कर अनूप को ब्लैक मेल कर रही थी. अनूप साय पहले से शादी-शूदा था. उसके बच्चे भी थे. कल्पना की पैसे की डिमांड और ब्लैक मेलिंग से तंग आकर अनूप साय ने कल्पना और उसकी बेटी बबली की हत्या करने की योजना अपने ड्राइवर के साथ बनाई. पूर्व नियोजित तरीके से कल्पना और उसकी बेटी को बोलेरो में बिठकार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की ओर लाया.

ड्राइवर के साथ हत्या की बनाई थी योजना : कल्पना और बबली को झांसा देकर अनूप ने हमीरपुर मार्ग पर मां शाकंबरी प्लांट जाने के रास्ते पर उतरवा दिया. फिर दोनों पर लोहे के रॉड से प्राणघातक हमला कर हत्या कर दी. हत्या को एक्सीडेंट दिखाने के लिए अनूप ने अपने ड्राइवर वर्धन टोप्पो से कल्पना और बबली के शव के ऊपर से गाड़ी चढ़वा दी. लाश को वहीं छोड़कर अनूप अपने ड्राइवर के साथ फरार हो गया था. अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने आरोपी अनूप साय को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड भी दिया है.
इस पूरे घटनाक्रम में करीब 60 गवाहों के नाम थे. उनमें से 50 ने गवाही द. अधिकतर गवाह अनूप साय को बचाने में लगे रहे. माननीय न्यायालय के पंचम अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला ने इस मामले में सजा सुनाई है. जबकि लोक अभियोजक दीपक शर्मा की कड़ी मेहनत से आरोपी पूर्व विधायक अनूप साय को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा हो पाई है.

Last Updated : Apr 2, 2022, 5:00 PM IST
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