रायगढ़: कोरोना के इस दौर में अस्पतालों में लापरवाही के मामले आम हो गए है. आए दिन अस्पतालों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. ऐसा ही एक मामला रायगढ़ के मातृ एवं शिशु अस्पताल में सामने आया. जहां परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर जिंदा महिला को मृत बताकर सौंपने और ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण महिला की मौत होने का जिम्मेदार ठहराया.
जिंद महिला को मृत बताकर सौंपा
दरअसल परिजनों का आरोप है कि 12 दिन पहले 60 वर्षीय महिला चंद्रलता नायडू को कोरोना इंफेक्शन होने के बाद मातृ एवं शिशु अस्पताल में भर्ती कराया गया. शुक्रवार शाम को सूचना मिली कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव है और उन्हें शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. लेकिन सुबह 10 बजे उन्हें महिला की मौत की सूचना अस्पताल प्रबंधन ने दी. परिजनों का कहना है कि जब महिला की डेड बॉडी उन्हें सौंपी गई तो उनकी सांसे चल रही थी. परिजनों ने इसकी सूचना तुरंत अस्पताल में डॉक्टरों और नर्स को दी. लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं की. जिससे कुछ देर बाद महिला ने दम तोड़ दिया.
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'अस्पताल में अव्यवस्था'
परिजनों ने ये आरोप भी लगाया कि अस्पताल में व्यवस्था बिल्कुल भी ठीक नहीं है. 12 दिन पहले महिला को जिन कपड़ों में एडमिट कराया गया था. 12 दिनों बाद भी महिला उन्हीं कपड़ों में थी. महिला का बैग खोला ही नहीं गया और ना ही परिजनों की तरफ से दिए गए दूसरी खाने-पीने की चीजें महिला को दिए गए. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मरीजों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है.
महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़
जिंदा महिला को मृत बताने और अस्पताल में ही महिला को ऑक्सीनज नहीं देने पर परिजनों ने गुस्से में आकर अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी. जिसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी. मौके पर कलेक्टर और चक्रधर थाने की पुलिस पहुंची और परिजनों को शांत कराया. हालांकि कलेक्टर ने तोड़फोड़ करने वाले लोगों पर FIR दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया.