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कम बारिश से सूख रही फसल, परेशान किसानों को इस बात की उम्मीद

रायगढ़ जिले में कम वर्षा होने के कारण सूखे की स्थिति हो गई है. किसानों की आय का एकमात्र जरिया खेती ही है. वे बीमा न मिलने से भी परेशान हैं.

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Published : Aug 24, 2019, 2:42 PM IST

रायगढ़ जिले में कम वर्षा होने के कारण सूखे की स्थिति

रायगढ़ : जिले में किसान कम बारिश की वजह से सूखे के हालात झेल रहे हैं. रायगढ़ में मुख्य रूप से खेती होती है. लेकिन इस बार बारिश कम होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं. वहीं संतोषजनक बीमा न मिलने से अन्नदाता परेशान हैं. हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस बार सूखे की स्थिति नहीं बनी है.

कम बारिश से सूख रही फसल, परेशान किसानों को इस बात की उम्मीद

प्रदेश में देर से मानसून आने की वजह से इस बार खेती प्रभावित रही है. किसानों ने भी देर से बुआई की. जिले में औसतन 70% वर्षा हो चुकी है, लेकिन आंकड़े प्रशासनिक हैं. जिले के कुछ स्थानों पर अभी भी पानी की कमी के कारण फसल सूखी पड़ी है. बरमकेला और सारंगढ़ ब्लॉक में बारिश बहुत कम हुई है.

पढे़ं : टोल प्लाजा पर टैक्स वसूलने का विरोध, लोगों ने किया चक्काजाम

किसानों को नहीं मिल रहा बीमा लाभ

  • बता दें कि, 'बीते वर्ष में कम वर्षा होने के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ थी. सूखा घोषित न होने की सूरत में उन किसानों को फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिलता है. विभाग की ओर से नुकसान का आकलन अलग तरीके से किया जाता है, जिसमें पांच साल के औसत उत्पादन के आधार पर उत्पादन तय होता है.
  • आपदा आने पर राजस्व शाखा की ओर से रिपोर्ट रेवेन्यू विभाग से होकर बीमा कंपनी को भेजा जाता है. इस रिपोर्ट में एक-दो खेतों को देखकर गांव की रिपोर्ट बनती है या फोन पर पूछकर ही आंकड़े तैयार कर दिए जाते हैं.
  • सरकार को फजीहत न हो इसलिए नुकसान कम ही बताया जाता है. जिससे नुकसान कम बताने पर बीमा का क्लेम भी कम मिलता है.

जिला कृषि अधिकारी ने क्या कहा-

किसानों की फसल, बीमा और बारिश की स्थिति को लेकर जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि, 'वर्तमान समय में पर्याप्त वर्षा हो चुकी है, लेकिन जिले के कुछ भाग हैं, जहां औसतन कम वर्षा हुई है. अगर अभी भी बारिश होती है तो वहां के हालात अच्छे हो जाएंगे'.

रायगढ़ : जिले में किसान कम बारिश की वजह से सूखे के हालात झेल रहे हैं. रायगढ़ में मुख्य रूप से खेती होती है. लेकिन इस बार बारिश कम होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं. वहीं संतोषजनक बीमा न मिलने से अन्नदाता परेशान हैं. हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस बार सूखे की स्थिति नहीं बनी है.

कम बारिश से सूख रही फसल, परेशान किसानों को इस बात की उम्मीद

प्रदेश में देर से मानसून आने की वजह से इस बार खेती प्रभावित रही है. किसानों ने भी देर से बुआई की. जिले में औसतन 70% वर्षा हो चुकी है, लेकिन आंकड़े प्रशासनिक हैं. जिले के कुछ स्थानों पर अभी भी पानी की कमी के कारण फसल सूखी पड़ी है. बरमकेला और सारंगढ़ ब्लॉक में बारिश बहुत कम हुई है.

पढे़ं : टोल प्लाजा पर टैक्स वसूलने का विरोध, लोगों ने किया चक्काजाम

किसानों को नहीं मिल रहा बीमा लाभ

  • बता दें कि, 'बीते वर्ष में कम वर्षा होने के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ थी. सूखा घोषित न होने की सूरत में उन किसानों को फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिलता है. विभाग की ओर से नुकसान का आकलन अलग तरीके से किया जाता है, जिसमें पांच साल के औसत उत्पादन के आधार पर उत्पादन तय होता है.
  • आपदा आने पर राजस्व शाखा की ओर से रिपोर्ट रेवेन्यू विभाग से होकर बीमा कंपनी को भेजा जाता है. इस रिपोर्ट में एक-दो खेतों को देखकर गांव की रिपोर्ट बनती है या फोन पर पूछकर ही आंकड़े तैयार कर दिए जाते हैं.
  • सरकार को फजीहत न हो इसलिए नुकसान कम ही बताया जाता है. जिससे नुकसान कम बताने पर बीमा का क्लेम भी कम मिलता है.

जिला कृषि अधिकारी ने क्या कहा-

किसानों की फसल, बीमा और बारिश की स्थिति को लेकर जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि, 'वर्तमान समय में पर्याप्त वर्षा हो चुकी है, लेकिन जिले के कुछ भाग हैं, जहां औसतन कम वर्षा हुई है. अगर अभी भी बारिश होती है तो वहां के हालात अच्छे हो जाएंगे'.

Intro:रायगढ़ जिला कृषि आधारित जिले की श्रेणी में आता है और ज्यादातर लोग खेती किसानी करके अपना जीवन यापन करते हैं ऐसे में इस बार खंड वर्षा के चलते कई जगह सूखे के हालात बन रहे हैं। लोग फसल नुकसान होने पर सरकार से बीमा की उम्मीद रखते हैं लेकिन बीते साल संतोषजनक बीमा भी प्राप्त नहीं हुआ। वहीं कृषि अधिकारी कह रहे हैं इस बार नहीं होंगे सूखे के हालात।

Byte एलएम भगत, जिला कृषि अधिकारी।

Body:
प्रदेश में देरी से मानसून आने की वजह से इस बार खेती प्रभावित रही वहीं किसानों ने भी देर से बुवाई की। जिले में औसतन 70% वर्षा हो चुकी है लेकिन आंकड़े प्रशासनिक हैं तो वहीं जिले के कुछ जगहों पर अभी भी पानी की कमी के कारण फसल सूख हैं। बरमकेला और सारंगढ़ ब्लॉक में ज्यादातर सूखे की शिकायतें आती हैं। बता दे बीते वर्ष कम वर्षा के कारण किसानों को भारी नुकसान हुई थी। ऐसे में उन किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलता है जिनके फसल नुकसान हुए रहते हैं विभाग द्वारा नुकसान का आकलन अलग तरीके से किया जाता है जिसमें पांच सालों के औसत उत्पादन के आधार पर उत्पादन तय होता है। आपदा आने पर राजस्व शाखा द्वारा रिपोर्ट रेवेन्यू विभाग से होकर बीमा कंपनी को भेजा जाता है। इस रिपोर्ट में एक दो खेतों को देखकर गांव की रिपोर्ट बनती है या फोन पर पूछकर ही आंकड़े तैयार हो जाते हैं। सरकार की फजीहत न हो इसलिए नुकसान कम ही बताया जाता है। अब नुकसान कम बताया जाए तो बीमे का क्लेम भी कम ही मिलता है। 

Conclusion:
किसानों की फसल बीमा और बरसात की स्थिति को लेकर जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि वर्तमान समय में पर्याप्त वर्षा हो चुकी है जिले के कुछ भाग हैं जहां औसतन कम वर्षा हुई है लेकिन अभी बारिश होती है तो वहां भी हालात अच्छे हो जाएंगे
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