रायगढ़ : जिले में किसान कम बारिश की वजह से सूखे के हालात झेल रहे हैं. रायगढ़ में मुख्य रूप से खेती होती है. लेकिन इस बार बारिश कम होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं. वहीं संतोषजनक बीमा न मिलने से अन्नदाता परेशान हैं. हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि इस बार सूखे की स्थिति नहीं बनी है.
प्रदेश में देर से मानसून आने की वजह से इस बार खेती प्रभावित रही है. किसानों ने भी देर से बुआई की. जिले में औसतन 70% वर्षा हो चुकी है, लेकिन आंकड़े प्रशासनिक हैं. जिले के कुछ स्थानों पर अभी भी पानी की कमी के कारण फसल सूखी पड़ी है. बरमकेला और सारंगढ़ ब्लॉक में बारिश बहुत कम हुई है.
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किसानों को नहीं मिल रहा बीमा लाभ
- बता दें कि, 'बीते वर्ष में कम वर्षा होने के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ थी. सूखा घोषित न होने की सूरत में उन किसानों को फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिलता है. विभाग की ओर से नुकसान का आकलन अलग तरीके से किया जाता है, जिसमें पांच साल के औसत उत्पादन के आधार पर उत्पादन तय होता है.
- आपदा आने पर राजस्व शाखा की ओर से रिपोर्ट रेवेन्यू विभाग से होकर बीमा कंपनी को भेजा जाता है. इस रिपोर्ट में एक-दो खेतों को देखकर गांव की रिपोर्ट बनती है या फोन पर पूछकर ही आंकड़े तैयार कर दिए जाते हैं.
- सरकार को फजीहत न हो इसलिए नुकसान कम ही बताया जाता है. जिससे नुकसान कम बताने पर बीमा का क्लेम भी कम मिलता है.
जिला कृषि अधिकारी ने क्या कहा-
किसानों की फसल, बीमा और बारिश की स्थिति को लेकर जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि, 'वर्तमान समय में पर्याप्त वर्षा हो चुकी है, लेकिन जिले के कुछ भाग हैं, जहां औसतन कम वर्षा हुई है. अगर अभी भी बारिश होती है तो वहां के हालात अच्छे हो जाएंगे'.