रायगढ़: धरमजयगढ़ ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए गई एक महिला को गलत ट्रीटमेंट दिए जाने से उसके दोनों हाथ लकवे का शिकार हो गए हैं. पीड़िता के शिकायत के बावजूद भी आरोपी डॉक्टर के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.
पूरा मामला मार्च 2019 का है, जब धरमजयगढ़ के शाहपुर कॉलोनी में रहने वाली सुनीता वैद्य मुंह के छाले और साधारण बुखार का इलाज कराने वहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गई थी. इस दौरान डॉ एसएस भगत ने उनकी बीमारी को गंभीर बता कर हाथ में इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद पीड़िता के हाथ में हलचल होना बंद हो गई.
डॉक्टर ने दोहरायी गलती
पीड़िता ने इंजेक्शन लगे हुए हाथों में हलचल नहीं होने की बात डॉक्टर को बताई. बावजूद इसके डॉक्टर ने दूसरे हाथ में भी इंजेक्शन लगा दिया. इसके बाद पीड़िता के दोनों हाथों में हलचल होना बंद हो गई.
दूसरे डॉक्टर ने बतायी लकवे की बात
जब पीड़िता के हाथों ने काम करना बंद कर दिया, तब इलाज के लिए दूसरे डॉक्टर के पास गई. वहां डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया और बताया कि हाथों में गलत इंजेक्शन लगने के कारण दोनों हाथ लकवा ग्रस्त हो गए हैं. साथ ही हाथों के ठीक ना होने बात कही.
प्रशासन से शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
पीड़िता सुनीता वैद्य को गलत इलाज से लकवे की बात पता चलने पर उसने धरमजयगढ़ थाने में शिकायत की. पुलिस के इस मामले को गंभीरता से न लेने पर महिला ने जिले के कलेक्टर के पास भी इसकी शिकायत की, लेकिन उनके द्वारा भी आरोपी पर किसी प्रकार की कार्रवाई न किए जाने से पीड़िता पूरी तरह से निराश हो चुकी है.
पीड़िता का क्या है कहना
पीड़िता सुनीता वैद्य ने ETV भारत से कहा कि धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल में डॉ एसएस भगत ने नशे की हालत में उसे गलत इंजेक्शन लगाया, जिसकी वजह से उनके दोनों हाथों की नशों में सूजन हो गई और वह लकवे का शिकार हो गई. जब इसकी शिकायत की तो आरोपी डॉक्टर ने धमकी देते हुए कहा कि मैं सरकारी डॉक्टर हूं और कुछ भी कर सकता हूं.