रायगढ़: प्रदेश में रायगढ़ औद्योगिक जिले के तौर में जाना जाता है. उद्योग लगाने के लिए जिले में पिछले कुछ साल में जमीनों का अधिग्रहण बड़े पैमाने पर किया गया था. इसके अलावा रेल कॉरिडोर और सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी किसानों की खेतिहर जमीनें ली गई थीं.
पांच साल में जिले में 3 हजार हैक्टेयर से भी अधिक जमीन का अधिग्रहण विभिन्न परियोजनाओं के लिए किया गया था. जिन किसानों की जमीन औद्योगिकरण के लिए जिस गति से जिले में जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई. उसी तेजी से मुआवजे का वितरण नहीं किया गया.
पढ़े:जांच के बाद लोगों को दिया जाएगा आवासीय पट्टा: SDM
31 अक्टूबर तक डेड लाईन तय
जिले की समीक्षा बैठक में लगभग 500 करोड़ का मुआवजा वितरण अभी भी बाकी है. स्थिति यह है कि, किसान अपनी जमीन पर न तो खेती कर पा रहे हैं, न ही उन्हें उनकी कीमत मिल पा रही है. राज्य शासन ने मुआवजा वितरण के लिए 31 अक्टूबर तक की डेड लाईन तय की है. लेकिन जिले में मुआवजा वितरण के लिए पर्याप्त फंड का इंतजाम नहीं हो पाया है.