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रायगढ़ में भ्रष्टाचार की हद, मृतकों के नाम पर मनरेगा से निकाली गई राशि ! - मनरेगा

रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के कुंजारा गांव में मनरेगा में घपले का बड़ा खेल चल रहा है. यहां मृत व्यक्तियों के नाम पर रुपये निकाले जा रहे है, और अधिकारियों पर इस मामले में मौन होने का आरोप है. फर्जी मस्टररोल के जरिए इसका खुलासा हुआ है.

corruption in manrega
मनरेगा में बड़ा भ्रष्टाचार
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Published : Jul 19, 2020, 5:16 PM IST

रायगढ़: जिले के लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत कुंजारा में मनरेगा में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. यहां रोजगार सहायक गिरजा प्रधान के पति घनश्याम प्रधान ने सालों पहले मर चुके लोगों के नाम पर मस्टररोल भरकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है.

मृतकों के नाम पर भर रहे मस्टररोल

मस्टररोल में भरे जा रहे मृतकों के नाम

जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. एक तरफ मृतकों के नाम पर मस्टररोल भरा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दर्जनों निर्माण कार्यों में काम किए गए मजदूरों को आज तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. मजदूरों ने जब रोजगार सहायक से अपनी मजदूरी के बारे में पूछा तो उन्होंने खाते में पैसे डाल देने की बात कह कर किनारा कर लिया. इन मजदूरों ने जब बैंक जाकर अपने खाते में रुपयों के बारे में पता लगाया तो खाता खाली मिला.

corruption in manrega
काम के बाद नहीं मिली मजदूरी

पढ़ें: गांव के ODF घोषित होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा

इस पूरे फर्जीवाड़े में खास बात ये भी निकलकर सामने आई है कि हर मजदूरों के नाम पर दो-दो खाते हैं. जिसकी जानकारी इन मजदूरों को है ही नहीं. रोजगार सहायक के पति घनश्याम प्रधान ने अनपढ़ मजदूरों से अंगूठा लगवाकर इनके खाते से रुपये निकाल लिए. वहीं कई ऐसे भी मजदूर हैं जिन्होंने पिछले 3-4 साल से मनरेगा के अंतर्गत काम ही नहीं किया है लेकिन फिर भी उनके नाम से मस्टर रोल भरा जा रहा है. जिसमें किसी का 84 दिन का तो किसी का 96 दिन का मजदूरी भुगतान किया गया है. रोजगार सहायक पर आरोप है कि उसने सिर्फ मृतकों के नहीं बल्कि अपने परिजनों के नाम भी मस्टर रोल में भरकर रुपये की निकासी की है.

corruption in manrega
मनरेगा में भ्रष्टाचार

पढ़ें: कोरबा: रोका-छेका अभियान फेल ! कलेक्टर के आदेश के बाद खानापूर्ति कर रहे अधिकारी-कर्मचारी

अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत

बीते दिनों कुछ मजदूरों ने लैलूंगा के जनपद कार्यालय पहुंचकर शिकायत की जिसके बाद जनपद CEO और मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी दीपक एक्का ने जांच टीम गठित कर रोजगार सहायक के संबंध में जांच करने के लिए टीम को भेजा. इसमें भी खानापूर्ति करते हुए सिर्फ दो-चार मजदूरों से पूछताछ की गई. जिसमें ग्रामीणों ने अधिकारियों से मृत व्यक्तियों के नाम पर राशि निकालने की बात बताई. जिसके बाद अधिकारी भी जांच करने की बात कर वापस आ गए. हालांकि इस बीच रोजगार सहायक के पति घनश्याम प्रधान ने शिकायतकर्ता मजदूरों के घर जाकर मजदूरी भुगतान हाथ में दे दिया, जबकि दर्जनों मजदूरों को मजदूरी मिली ही नहीं, जबकि इन मजदूरों ने कुंआ, डबरी, नहर, तालाब गहरीकरण जैसे कई कार्य किए. अब एक बार फिर जब मामला सामने आया तो लैलूंगा जनपद के CEO भजन साय एक बार फिर जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं.

रायगढ़: जिले के लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत कुंजारा में मनरेगा में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. यहां रोजगार सहायक गिरजा प्रधान के पति घनश्याम प्रधान ने सालों पहले मर चुके लोगों के नाम पर मस्टररोल भरकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है.

मृतकों के नाम पर भर रहे मस्टररोल

मस्टररोल में भरे जा रहे मृतकों के नाम

जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. एक तरफ मृतकों के नाम पर मस्टररोल भरा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दर्जनों निर्माण कार्यों में काम किए गए मजदूरों को आज तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. मजदूरों ने जब रोजगार सहायक से अपनी मजदूरी के बारे में पूछा तो उन्होंने खाते में पैसे डाल देने की बात कह कर किनारा कर लिया. इन मजदूरों ने जब बैंक जाकर अपने खाते में रुपयों के बारे में पता लगाया तो खाता खाली मिला.

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काम के बाद नहीं मिली मजदूरी

पढ़ें: गांव के ODF घोषित होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा

इस पूरे फर्जीवाड़े में खास बात ये भी निकलकर सामने आई है कि हर मजदूरों के नाम पर दो-दो खाते हैं. जिसकी जानकारी इन मजदूरों को है ही नहीं. रोजगार सहायक के पति घनश्याम प्रधान ने अनपढ़ मजदूरों से अंगूठा लगवाकर इनके खाते से रुपये निकाल लिए. वहीं कई ऐसे भी मजदूर हैं जिन्होंने पिछले 3-4 साल से मनरेगा के अंतर्गत काम ही नहीं किया है लेकिन फिर भी उनके नाम से मस्टर रोल भरा जा रहा है. जिसमें किसी का 84 दिन का तो किसी का 96 दिन का मजदूरी भुगतान किया गया है. रोजगार सहायक पर आरोप है कि उसने सिर्फ मृतकों के नहीं बल्कि अपने परिजनों के नाम भी मस्टर रोल में भरकर रुपये की निकासी की है.

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मनरेगा में भ्रष्टाचार

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अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत

बीते दिनों कुछ मजदूरों ने लैलूंगा के जनपद कार्यालय पहुंचकर शिकायत की जिसके बाद जनपद CEO और मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी दीपक एक्का ने जांच टीम गठित कर रोजगार सहायक के संबंध में जांच करने के लिए टीम को भेजा. इसमें भी खानापूर्ति करते हुए सिर्फ दो-चार मजदूरों से पूछताछ की गई. जिसमें ग्रामीणों ने अधिकारियों से मृत व्यक्तियों के नाम पर राशि निकालने की बात बताई. जिसके बाद अधिकारी भी जांच करने की बात कर वापस आ गए. हालांकि इस बीच रोजगार सहायक के पति घनश्याम प्रधान ने शिकायतकर्ता मजदूरों के घर जाकर मजदूरी भुगतान हाथ में दे दिया, जबकि दर्जनों मजदूरों को मजदूरी मिली ही नहीं, जबकि इन मजदूरों ने कुंआ, डबरी, नहर, तालाब गहरीकरण जैसे कई कार्य किए. अब एक बार फिर जब मामला सामने आया तो लैलूंगा जनपद के CEO भजन साय एक बार फिर जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं.

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