रायगढ़: तमनार ब्लॉक में लगभग 3 वर्ष पहले 52 करोड़ रुपए के लागत से रोड निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर स्थित हमीरपुर से रायगढ़ के लिए रोड निर्माण कार्य होना था. भूमि पूजन पूर्व विधायक और संसदीय सचिव सुनीति सत्यानंद राठिया ने किया था, लेकिन वह सड़क लापरवाही की भेंट चढ़ गई है. राहगीरों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
दरअसल, हमीरपुर से रायगढ़ के लिए 52 करोड़ रुपए के लागत से सड़क का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन ठेकेदार ने कुछ दूरी तक निर्माण करके के बाद इसे बंद कर दिया. इस मार्ग से ओडिशा और छत्तीसगढ़ तक कोयला का आयात और निर्यात होता आ रहा है. वर्तमान में उक्त मार्ग में प्रतिदिन 500 से 700 भारी मालवाहक गाड़ियां चल रही हैं, जिसकी वजह आम राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रोड को देखने से ऐसा लगता है कि 52 करोड़ में बनी यह रोड को मिट्टी से ही बना दिया गया है.
जान को जोखिम में डालकर सड़क पर चल रहे लोग
पालीघाट से रायगढ़ तक का रोड भी आधा-अधूरा ही बना है. बरसात के मौसम में इस रोड में चलना और भी मुश्किल हो जाता है. जब कीचड़ घुटनों तक होता है, तो आए दिन कोई न कोई राहगीर इस रोड में जमें कीचड़ में फिसल कर गिरते रहते हैं. रोड में बरसात में कीचड़ और गर्मी में डस्ट का अंबार लगा रहता है. जो लोग कार और बड़ी गाड़ियों में सफर करते हैं, उन्हें कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो आम राहगीर हैं, उनका रोड में सफर करना मतलब अपनी जान को जोखिम में डालना है. इस तरह से यह सड़क अब बारिश के दिनों में लोगों के परेशानी का सबब बन रहा है.
आम राहगीर कब कर पाएंगे सुरक्षित सफर ?
बहरहाल, तमनार ब्लॉक में ठेकदार की लापरवाही, जिम्मेदारों का कोताही के कारण आज छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर स्थित हमीरपुर से रायगढ़ के लिए जो रोड निर्माण होना था, वह सड़क जर्जर हो गई है, जिसकी वजह से इस पर चलना मुश्किल हो गया है. अब यह देखना ये होगा कि शासन और प्रशासन कब अपने आंखे खोलेगा और कब इस सड़क पर लोग सुकून से सफर कर पाएंगे.