रायगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने सभी छोटे-बड़े उद्योगों की कमर तोड़ दी है. गर्मी बढ़ने के साथ ही कूलर की याद आने लगती है. लेकिन इस बार कोरोना के वजह से हुए लॉकडाउन ने कूलर बाजार को ही ठंडा कर दिया है. निर्माताओं की माने तो कूलर के बाजार में कोरोना की वजह से बिक्री घटकर केवल 25% ही रह गई है. बिजली बिल भुगतान का बोझ और स्टोर रूम का किराया लघु उद्यमियों को दो तरफा नुकसान पहुंचा रहा है.
दरअसल, कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए शासन ने लॉकडाउन घोषित किया है और सड़कों पर पुलिस कड़ाई से वाहनों की जांच कर रही है. ऐसे में जो लोग कूलर खरीदना चाह रहे हैं वे भी नहीं खरीद पा रहे हैं. कूलर निर्माता बताते हैं कि 'मार्च-अप्रैल और मई इन तीन महीनों में ही कूलर की बिक्री होती है.
इसी 3 महीने में मांगलिक कार्य और शादी विवाह का लग्न होता है ऐसे में ये कूलक की बिक्री का सीजन होता है. लेकिन प्रदेश में धारा 144 और लॉकडाउन की वजह से लोग मांगलिक कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं और कूलर भी नहीं बिक रहे हैं.
डूबने के कगार पर कूलर का व्यापार
कूलर बनाने वालों का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से व्यापार पूरा खत्म होने के कगार पर आ गया है. क्योंकि बैंक की ईएमआई, बिजली का बिल, स्टोर रूम का किराया यह सब बिक्री हो या ना हो चुकाने ही पड़ते हैं और शासन ने इसमें किसी भी तरह की राहत नहीं दी है. ऐसे में यह उद्योग डूबता हुआ दिखाई दे रहा है.