रायगढ़: छत्तीसगढ़ में नर्सिंग होम एक्ट लागू किए हुए 7 साल से भी अधिक हो चुके हैं, लेकिन प्रदेश के कई जिलों में झोलाछाप डॉक्टर अब भी सक्रिय हैं. इनमें से कइयों को नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस मिला है, लेकिन वह रिन्यूअल नहीं करा रहे हैं. बिना लाइसेंस के ही अपनी दुकानदारी चला रहे हैं, लेकिन प्रशासन न तो झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, न ही दुकानों को सील किया जा रहा है.
दरअसल, रायगढ़ के सरिया में बिना लाइसेंस के एक निजी क्लीनिक को संचालित किया जा रहा है. क्लीनिक को आयुर्वेदिक क्लीनिक के रूप में लाइसेंस मिला था, लेकिन यहां पर अवैध रूप से एलोपैथिक दवाइयों से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इतना ही नहीं क्लीनिक को आयुर्वेदिक क्लीनिक नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस मिला था, लेकिन 1 साल से लाइसेंस खत्म हो चुका है. बावजूद इसके रिन्यूअल नहीं कराया गया है.
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लाइसेंस नहीं हुआ रिन्यू
क्लीनिक संचालक डॉक्टर एसएल डनसेना का कहना है कि नर्सिंग होम एक्ट रिन्यूअल के लिए आवेदन दे दिया गया है, लेकिन उनको अब तक दोबारा लाइसेंस नहीं मिल पाया है. कैमरे के पीछे यह भी बात कहते हैं कि उच्च अधिकारियों को चढ़ावा नहीं दिया गया है. इसीलिए लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हो सका है.
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बिना लाइसेंस के संचालित कर रहे आयुर्वेदिक क्लीनिक
ETV भारत की टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि न तो यहां पर बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट का सही ढंग से प्रबंधन किया जा रहा है. न ही नर्सिंग होम एक्ट के तमाम गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है. इसके अलावा बिना लाइसेंस के पॉलीक्लिनिक का संचालन करना समझ से परे है. जिले में एक-दो नहीं नहीं बल्कि ऐसे कई क्लीनिक संचालित हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं.