रायगढ़: जिले में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए लगभग 17 लाख 25 हजार मतदाता मतदान करेंगे, जिसमें पुरुषों की अपेक्षा महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में भाजपा की महिला प्रत्याशी गोमती साय और कांग्रेस के पुरुष प्रत्याशी लालजीत सिंह राठिया के बीच कड़ी टक्कर देखी जा सकती है.
रायगढ़ सीट पर कांग्रेस के लालजीत सिंह राठिया अपनी पकड़ बनाएंगे या बीजेपी की गोमती साय इस पर राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी ने ईटीवी से खास बातचीत की.
क्या कहना है वरिष्ठ पत्रकार का
सुभाष त्रिपाठी का कहना है कि तीसरे चरण के चुनाव में रायगढ़ लोकसभा में मतदान होना है. ऐसे में प्रत्याशी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. भाजपा से गोमती साय जबकि कांग्रेस से धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया मैदान में उतरे हैं. रायगढ़ में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है ऐसे में गोमती साय को इसका लाभ नहीं मिलेगा. इसका कारण सुभाष ने बताया कि गोमती साय रायगढ़ के लिए एक अनजान चेहरा हैं और चुनाव प्रचार के दौरान उनका जोश जनता को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाता है.
त्रिपाठी ने बताया कि उनकी वॉक शैली में वो खिंचाव नहीं है जो महिला वोटरों को अपनी ओर आकर्षित कर पाए. उन्होंने कहा कि गोमती साय को भाजपा के विष्णुदेव साय की निष्क्रियता के कारण ही टिकट मिला है, जिस तरह रायगढ़ संसदीय क्षेत्र के लोग विष्णुदेव साय को निष्क्रिय मान चुके हैं इससे गोमती साय को नुकसान होगा, वे रायगढ़ की नहीं हैं.
विष्णुदेव साय का कैसा रहा है कार्यकाल
विष्णुदेव साय के कार्यकाल की बात करें तो उनके कार्यकाल में जनता को अपेक्षाओं के मुताबिक लाभ नहीं मिला. इसलिए गोमती का वोटों के लिए महिला और पुरुष वोटरों को अपनी और आकर्षित कर पाना मुश्किल है.
लालजीत सिंह राठिया पूर्व मंत्री चनेशराम राठिया के बेटे हैं और धरमजयगढ़ में दूसरी बार विधायक बनें हैं तो इसका लाभ उन्हें लोकसभा चुनाव में मिल सकता है.