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मनरेगा मजदूरों को 5 महीने बाद भी नहीं मिली मजदूरी, सरपंच और रोजगार सहायक पर गंभीर आरोप - मजदूरी भुगतान

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना रायगढ़ में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. यहां इस योजना के तहत हुए काम के बदले मजदूरों को 5 महीने बाद भी मजदूरी नहीं मिली है.

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मजदूरों को 5 महीने बाद भी नहीं मिली मजदूरी
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Published : Aug 30, 2020, 10:47 PM IST

रायगढ़: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. रायगढ़ में काम पूरा होने के 5 महीने बाद भी मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है. इससे पंचायत अधिकारियों के खिलाफ लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं. कौवाताल ग्राम पंचायत के लोग जिम्मेदारों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और रोजगार सहायक ने मिलीभगत कर अपने-अपने अधीन व्यक्तियों के खाते में राशि ट्रांसफर कर गबन कर लिए हैं. मजदूरों का कहना है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत निर्माण होने वाले रोड के लिए काम किए थे, जिसका भुगतान नहीं मिल पाया है.

7 दिनों की हाजिरी फर्जी तरीके से भरा गया

ग्रामीणों ने बताया कि काम केवल 7 दिनों तक ही चला था, उसके बाद में काम को बंद करा दिया गया, लेकिन सरपंच और रोजगार सहायक ने 14 दिनों तक काम होना बताया. मजदूरों ने सरपंच और सचिव पर फर्जीवाड़ा कर राशि हड़पने का आरोप लगाया है.

सरपंच और रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप

उपसरपंच ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए 6 लाख 80 हजार रुपये स्वीकृत किया गया था. इसमें सरपंच और रोजगार सहायक ने भ्रष्टाचार किया है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले 15 हजार की मजदूरी राशि भी हितग्राहियों को नहीं मिली है.

रायगढ़: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. रायगढ़ में काम पूरा होने के 5 महीने बाद भी मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है. इससे पंचायत अधिकारियों के खिलाफ लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं. कौवाताल ग्राम पंचायत के लोग जिम्मेदारों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और रोजगार सहायक ने मिलीभगत कर अपने-अपने अधीन व्यक्तियों के खाते में राशि ट्रांसफर कर गबन कर लिए हैं. मजदूरों का कहना है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत निर्माण होने वाले रोड के लिए काम किए थे, जिसका भुगतान नहीं मिल पाया है.

7 दिनों की हाजिरी फर्जी तरीके से भरा गया

ग्रामीणों ने बताया कि काम केवल 7 दिनों तक ही चला था, उसके बाद में काम को बंद करा दिया गया, लेकिन सरपंच और रोजगार सहायक ने 14 दिनों तक काम होना बताया. मजदूरों ने सरपंच और सचिव पर फर्जीवाड़ा कर राशि हड़पने का आरोप लगाया है.

सरपंच और रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप

उपसरपंच ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए 6 लाख 80 हजार रुपये स्वीकृत किया गया था. इसमें सरपंच और रोजगार सहायक ने भ्रष्टाचार किया है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले 15 हजार की मजदूरी राशि भी हितग्राहियों को नहीं मिली है.

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