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SPECIAL: खेती की जमीन को खोखला कर रहा है 'काला जहर', प्रशासन बेखबर

औद्योगिक विकास ने अर्थव्यवस्था का हुलिया तो बदला है, लेकिन किसानों के खेतों को भी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उद्योगों से निकल रहा गंदा पानी खेतों के लिए काल बन गया है. जो धरती को बंजर किए दे रहा है.

खेतों में कोयले का जमाव
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Published : Sep 17, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 9:45 PM IST

रायगढ़: जिस खेत की मिट्टी से शहर का पेट पलता है, उसी मिट्टी को ये स्टील उद्योग बंजर बनाने में लगा है. देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ खेती है, इसके सहारे ही जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा गुजर-बसर कर रहा है. सरकार भले ही किसानों के नाम पर कई योजनाएं चला रही हो, लेकिन औद्योगीकरण की वजह से खेती का रकबा कम होता जा रहा है.

प्लांट से निकलते कोयले से बंजर हो रहे खेत

औद्योगिक विकास ने अर्थव्यवस्था का हुलिया तो बदला है, लेकिन किसानों के खेतों को भी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उद्योगों से निकल रहा गंदा पानी खेतों के लिए काल बन गया है. जो धरती को बंजर किए दे रहा है.

ये हाल है रायगढ़ जिले के पतरापाली के स्टील एंड पावर लिमिटेड प्लांट द्वारा रोजाना हजारों लीटर पानी खुले में छोड़ा जा रहा है. इससे सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन बंजर हो रही है.
कोतरा रोड थाना क्षेत्र के पतरापाली स्थित जिंदल प्लांट में उपयोग के बाद बचे गंदे पानी को खेतों में बिना उपचार के छोड़ा जा रहा है. इससे खेतों के ऊपरी सतह पर कोयले का जमाव हो गया है.

  • स्टील प्लांट के निकलने वाले पानी में कोयला धूल कर आता है जो जमीन के ऊपर काली परत जमा रहा है, और खेतों को बंजर बना रहा है.
  • हाल ये है कि गांव की महिलाएं फैक्ट्री से निकलने वाले इस पानी के कीचड़ को इकट्ठा कर कोयले के लड्डू बना रही हैं. इस लड्डू को सुखाकर इससे सिगड़ी जलाते हैं और इसे बेच कर अपनी आजीविका चलाते हैं.
  • प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी से जहां एक तरफ खेत बंजर हो रहा है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

प्रशासन को नहीं है जानकारी
इस मामले से प्रशासनिक अधिकारी खुद को पूरी तरह अनजान बता रहे हैं. अधिकारी का कहना है कि प्लांट में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और एटीपी लगे हुए हैं. फिर भी अगर कोई अनियमितता सामने आती है तो उचित जांच करा के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

रायगढ़: जिस खेत की मिट्टी से शहर का पेट पलता है, उसी मिट्टी को ये स्टील उद्योग बंजर बनाने में लगा है. देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ खेती है, इसके सहारे ही जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा गुजर-बसर कर रहा है. सरकार भले ही किसानों के नाम पर कई योजनाएं चला रही हो, लेकिन औद्योगीकरण की वजह से खेती का रकबा कम होता जा रहा है.

प्लांट से निकलते कोयले से बंजर हो रहे खेत

औद्योगिक विकास ने अर्थव्यवस्था का हुलिया तो बदला है, लेकिन किसानों के खेतों को भी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उद्योगों से निकल रहा गंदा पानी खेतों के लिए काल बन गया है. जो धरती को बंजर किए दे रहा है.

ये हाल है रायगढ़ जिले के पतरापाली के स्टील एंड पावर लिमिटेड प्लांट द्वारा रोजाना हजारों लीटर पानी खुले में छोड़ा जा रहा है. इससे सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन बंजर हो रही है.
कोतरा रोड थाना क्षेत्र के पतरापाली स्थित जिंदल प्लांट में उपयोग के बाद बचे गंदे पानी को खेतों में बिना उपचार के छोड़ा जा रहा है. इससे खेतों के ऊपरी सतह पर कोयले का जमाव हो गया है.

  • स्टील प्लांट के निकलने वाले पानी में कोयला धूल कर आता है जो जमीन के ऊपर काली परत जमा रहा है, और खेतों को बंजर बना रहा है.
  • हाल ये है कि गांव की महिलाएं फैक्ट्री से निकलने वाले इस पानी के कीचड़ को इकट्ठा कर कोयले के लड्डू बना रही हैं. इस लड्डू को सुखाकर इससे सिगड़ी जलाते हैं और इसे बेच कर अपनी आजीविका चलाते हैं.
  • प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी से जहां एक तरफ खेत बंजर हो रहा है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

प्रशासन को नहीं है जानकारी
इस मामले से प्रशासनिक अधिकारी खुद को पूरी तरह अनजान बता रहे हैं. अधिकारी का कहना है कि प्लांट में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और एटीपी लगे हुए हैं. फिर भी अगर कोई अनियमितता सामने आती है तो उचित जांच करा के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Intro:स्पेशल स्टोरी है कृपया डेस्क अपने अनुसार बेहतर ट्रीटमेंट दें। रायगढ़ जिले के पतरापाली स्थित जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के प्लांट के द्वारा रोजाना हजारों लीटर पानी खुले में छोड़ा जा रहा है इससे सैकड़ों एकड़ खेती जमीन बंजर हो रही है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि इस मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञ बताते हुए तस्वीरें दिखाने पर जांच की बात कह रहे हैं. जिंदल स्टील प्लांट के निकले पानी में कोयला धूल कर आता है जो जमीन के ऊपर काली परत जमा रहा है और खेतों को बंजर बना रहा है. ग्रामीण महिलाएं खेतों से उन कीचड़ को समेट कर कोयले के लड्डू बना रहे हैं और उसे सिगड़ी जलाते हैं तथा बेंच कर अपनी आजीविका चलाते हैं। byte ग्रामीण महिला/पुरूष byte02 आर के शर्मा, पर्यावरण अधिकारी। (ऑफिस में बैठे)


Body:जिले के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के पतरापाली स्थित जिंदल प्लांट में उपयोग के बाद बचे गंदे पानी को खेतों में बिना उपचार के छोड़ा जा रहा है जिससे के खेतों जे ऊपरी सतह पर कोयले का जमाव हो गया है। गांव की महिलाएं फैक्ट्री से निकलने वाले इस पानी के कीचड़ को इकट्ठा करते हैं और उसे सुखाते हैं सुखाकर उसको सिगड़ी में आग जलाते हैं और घर चलाने के लिए बाजार में चंद रुपयों में बेंच देते हैं। गांव में ही प्लांट लगने के बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिला है जिस वजह से अपनी दिनचर्या चलाने के लिए इस तरह से काम करते हैं। वही हर महिला को धुए से मुक्ति दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना भी यहां पर धारा सही है क्योंकि पैसे के अभाव में हितग्राही महिलाओं ने रिफिल ही नहीं कराया है। जब फ्री में कोयला मिल रहा है तो वे भी रिफिल कराने से बच रहे हैं। प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी से खेत बंजर हो रहे हैं और सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। खेतों तक पहुंचने वाले पानी का रंग लाल दिखाई देता है जिसमें कोयला पूरी तरह से घुला हुआ रहता है और खेतों में जाकर नुकसान पहुंचाता है।


Conclusion:पूरे मामले में पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि खेतों में कोयला जाने का मामला मेरे समक्ष नहीं आया था इसकी जांच कराई जाएगी और प्लांट में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और एटीपी लगे हुए हैं। फिर भी अगर कोई अनियमितता सामने आती है तो उचित जांच करा के नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
Last Updated : Sep 17, 2019, 9:45 PM IST
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